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सीएम योगी ने बनाई बड़ी लिस्ट,144 भ्रष्ट अफसरों पर एफआईआर,होगी जेल !


लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लगभग 144 भ्रष्ट अफसरो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने आदेश भी देने साथ ही त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिये गए है। योगी सरकार बेलगाम और भ्रष्ट नौकरशाहों को अब कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। घोटालों के जरिये जनता के पैसे हजम करने वाले अफसरों को अब जेल जाना ही होगा। इसकी पहल हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के 144 से अधिक भ्रष्ट अफसरों की लिस्ट तैयार हो गई है, जिनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। सरकार के गृह व गोपन विभाग ने आर्थिक अपराध शाखा को इन भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। 
इस आदेश की संस्तुति भी कर दी गई है। भले ही अभी इस लिस्ट में 144अफसरों से ज्यादा नाम बताए जा रहे है। सूत्रों का कहना है कि स्क्रूटनी शुरू हो गई है, जल्द ही और भी कई भ्रष्ट अफसरों के नाम सामने आएंगे। सरकार ने भ्रष्ट अफसरों को जेल की हवा खिलाने के लिये आर्थिक अपराध शाखा को अलग से थाना बनाकर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिया है। साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार अब उन दागी अफसरों को बख्शने के मूड में नहीं है, जिनके नाम राशन घोटाले से लेकर खाद्यान्न समेत कई घोटालों में शामिल हैं या फिर वो कामचोर की श्रेणी में आते हैं। 

पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक की थी, तो सामने आया था कि पिछले 10 वर्षों से कई विभागों की करीब 450 से अधिक भ्रष्टाचार की फाइलें दबी पड़ी हैं, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। भ्रष्ट अफसरों और नेताओं के भ्रष्टाचार की इन फाइलों को कई जांच एजेंसियों ने छिपा रखा है। मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, जिसे दो महीनों में सभी लंबित फाइलों का निस्तारण कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। सीएम द्वारा गठित समिति ने जांच के बाद लंबित 144 मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिये गये हैं। 
इनमें 100 से अधिक सरकारी अफसर-कर्मचारी शामिल हैं। शेष लंबित फाइलों की भी जांच जारी है। जल्द ही कई और अफसरों-कर्मचारियों के नाम सामने आएंगे। प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अफसरों-कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सूबे की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार के मामलों में जो भी अफसर-कर्मचारी शामिल हैं, उनके खिलाफ एफआईआर होगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा। अभी करीब 144 अधिक अफसरों के नाम सामने आये हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और इन्हें जेल भेजा जाएगा। सरकार ने इसकी संस्तुति भी कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सूबे के लिये बोझ बने और सरकार को बदनाम कर रहे अफसर-कर्मचारियों को अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 काम में लापरवाही बरतने और जनता के हितों की अनदेखी करने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिये अफसरों-कर्चमारियों की स्क्रूटनी भी शूरू हो गई है। रिव्यू मीटिंग्स में उन्होंने अफसरों-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि अगर यूपी में काम करना है तो सभी को ईमानदारी और लगन के साथ 18-20 घंटे तक काम करना होगा। किसी भी कीमत पर अधिकारियों व कर्मचारियों की अकर्मण्यता स्वीकार नहीं की जाएगी। राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में सचिवालय में अपर निजी सचिव के 250 पदों पर हई भर्ती की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। गृह विभाग ने इस संबंध में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को फाइल भेज दी है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि अपर निजी सचिव की भर्ती में काफी शिकायतें मिलने के बाद सीबीआई जांच के लिये पत्र भेज दिया गया है। बता दें अखिलेश सरकार में भर्तियों की जांच के बाद दौरान सीबीआई को इस मामले का पता चला था।

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