काठमांडू(जी.एन.एस) चीन ने एक बार फिर भारत के खिलाफ दांव खेलते हुए अपने चार बंदरगाहों का उपयोग करने की इजाजत दे दी है। नेपाल के वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि नेपाल चीन के साथ अपना व्यापारिक संपर्क बढ़ाना चाहता है। मंत्रालय ने बताया कि नेपाल और चीन के अधिकारियों के बीच आज यहां हुई बैठक के दौरान चीन के तियांजिन, शेंझन, लियायुंगांग तथा झांजियांग बंदरगाह का उपयोग नेपाल के करने को लेकर मसविदे को अंतिम रूप दिया गया। इसके अलावा चीन ने लांझओउ, ल्हासा तथा जिगेट्से माल गोदामों (ड्राई पोट्रस) का नेपाल के इस्तेमाल के करने पर भी सहमति जताई।
एक अधिकारी ने बाताया कि दोनों देशों के बीच मसविदा पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद यह व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी रवि शंकर ने कहा, ”यह एक मील का पत्थर है क्योंकि भारत के दो बंदरगाहों के अलावा हमें चीन के चार बंदरगाहों का इस्तेमाल करने करने की इजाजत मिलने जा रही है।” उन्होंने बताया कि जापान, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया तथा उत्तरी एशियाई देशों से माल लदे जहाज चीन के रास्ते नेपाल आ सकते हैं जिससे समय और लागत की बचत होगी। अभी तक इन देशों से सामान भारत के पू्र्वी तट कोलकाता के रास्ते नेपाल पहुंचता है। भारत ने नेपाल के व्यापार के लिए दक्षिणी तट पर विशाखापट्टनम को खोल दिया है। उल्लेखनीय है कि नेपाल अभी तक तेल और अन्य जरूरी सामानों के आयात पर चीन से अधिक भारत पर निर्भर करता है लेकिन नेपाल अब चीन के बंदरगाहों का उपयोग करके भारत पर निर्भरता को कम करना चाहता है।
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