जमशेदपुर(जी.एन.एस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘हर घर पोषण त्योहार’ कार्यक्रम के तहत देश के चयनित जिलों की आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, सहिया, आशा और एएनएम से सीधी बात की। प्रधानमंत्री सरायकेला-खरसावां जिले की सेविका, सहायिका, आशा, सहिया व एएनएम से भी इस क्रम में मुखातिब हुए। जिले के चांडिल प्रखंड क्षेत्र के उरमाल गांव की सहिया मनीता देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि उन्होंने अपनी सूझबूझ से किस तरह मृत समझ कर दफनाने की तैयारी कर चुके एक नवजात की जान बचाई। प्रधानमंत्री यह कहानी सुनकर दंग रह गए। मनीता देवी के प्रयास की उन्होंने जमकर सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहिया मनीता देवी ने बताया कि 27 जुलाई, 2018 की बात है। देर रात उरमाल गांव की मनीषा सिंह मुंडा ने एक नवजात को जन्म दिया। जन्म कि साथ ही नवजात रोते हैं, लेकिन मनीषा ¨सह मुंडा का नवजात नहीं रोया। उसकी सांसें बेहद कमजोर थीं।
शरीर में कोई हलचल नहीं था। परिजन नवजात को मरा समझ बैठे। दफनाने की तैयारी करने लगे। मनीता ने बताया कि उन्हें रात करीब दो बजे मोबाइल से किसी ने इसकी सूचना दी। वह तत्काल मनीषा सिंह मुंडा के घर पहुंच गई। देखा कि नवजात बेसुध पड़ा है। उन्होंने नवजात को छूकर देखा तो पता चला कि सांसें चल रही हैं। दिल में हल्की सी धड़कन शेष है। देखा कि नवजात के मुंह और नाक में गंदा पानी जमा है। शीघ्र पाइप से गंदा पानी निकाला। नवजात की छाती को हल्के हाथ से दबाना शुरू किया। कुछ देर बाद ही नवजात की सांसें सामान्य होने लगीं।
नवजात हरकत करते हुए रोने लगा। इस तरह उसकी जान बच गई। जिसे घर के लोग मरा समझकर मायूस थे, वहां खुशियां चहक उठीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहिया मनीता देवी के इस पुण्य कार्य की कहानी सुनकर उन्हें धन्यवाद दिया। साथ ही नवजात के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। प्रधानमंत्री ने सहिया से पूछा कि उन्हें यह सूझबूझ कहां से आई। मनीता देवी ने बताया कि उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान नवजात शिशु की देखरख की जानकारी प्राप्त की है। इसी जानकारी के आधार पर वह नवजात की जान बचाने में सफल रहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सहिया को और प्रशिक्षित किया जाए तो वह गांव में शिशु और माता की सुरक्षा देने में और कारगार साबित हो सकती हैं। मुख्यमंत्री ने की मनीता को एक लाख देने की घोषणा : उधर, सीएम रघुवर दास ने सहिया मनीता देवी को इस नेक कार्य के लिए धन्यवाद दिया। ट्वीट कर एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। वहीं, जिला उपायुक्त छवि रंजन ने नवजात की मां को बेबी केयर किट देकर सम्मानित किया। उपायुक्त ने आशा, आगनबाड़ी सेविका व सहायिका, एएनएम एवं महिला पर्यवेक्षिका को बेहतर कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया।
कच्चे घर में रहता है मनीता का पूरा परिवार : मालूम हो कि सहिया मनीता देवी के दो पुत्र और एक पुत्री है। पति दैनिक मजदूरी करते हैं। बेहद कठिनाई से घर चलता है। रहने के लिए कच्चा मकान है। पूरा परिवार इसी में गुजर बसर करता है। बावजूद वह मनोयोग से सहिया का कार्य करती हैं। क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर बेहद खुश हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन प्रधानमंत्री से बात करने का मौका मिलेगा। पीएम नरेंद्र मोदी सरायकेला-खरसावां जिले की सहिया मनीता देवी के प्रेरक कार्य से प्रसन्न हुए, यह गर्व की बात है। इससे अन्य सहिया भी प्रेरित होकर बेहतर कार्य करेंगी। जिले का नाम रोशन करेंगी। सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के उरमाल गांव की मनीषा सिंह मुंडा व उनका पूरा परिवार सहिया मनीता देवी को भगवान मानता है। मनीषा सिंह कहती हैं कि गोद में गूंज रही नवजात की किलकारी के पीछे मनीता देवी का ही हाथ है। उन्होंने ही सेवा और जज्बे से इस नवजात की जान बचाई। अगर वह आधी रात मेरे घर नहीं आतीं। नवजात को नहीं देखतीं तो शायद हमलोग दफना चुके होते। मनीषा सिंह मुंडा ने कहा कि सहिया ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए वरदान हैं।
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