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आम सहमति से निर्धारित हुआ गंगनहर का पानी


गंगनहर जल वितरण समिति की बैठक आयोजित
डेम में पानी की उपलब्धता अच्छी किसानों के लिये राहत की बात


श्रीगंगानगर। गंगनहर की रेगुलेशन समिति की बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने की। बैठक में वर्तमान में पानी की उपलब्धता तथा किस महिने में कितने पानी की आवश्यकता रहेगी, पर चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 3 लाख 71 हजार 200 क्यूसेक डेज पानी उपलब्ध है तथा डेम की स्थिति भी अच्छी बताई गई, जो किसानों के लिये राहत भरी खबर है।
    जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि उपलब्ध पानी का समान रूप से वितरण सुनिश्चित करना जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है। किसी किसान की लगातार बारी खाली न जाये, इस पर विभाग को ध्यान देना चाहिए। एक-एक किसान को उसके हक का पानी मिलना चाहिए। नहरों के पट्टडों के आसपास ऐसे पेड़ जो नहर को क्षतिग्रस्त करते है, उन्हें हटाने पर चर्चा हुई। इस पर जिला कलक्टर ने जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया कि पूर्व में जो संयुक्त सर्वें किया गया था, उसकी रिपोर्ट लेकर आगामी दिवस में वन विभाग के साथ इसकी बैठक आयोजित की जाये।
    नहरों की सफाई से संबंधित चर्चा के दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि नरेगा में नहरों की सफाई की जा सकतीहै, इसके लिये वाटर यूजर ऐसोसिएशन व जल संसाधन विभाग को मिलकर कार्य करना होगा।
बैठक में आपसी चर्चा के बाद तय किया गया कि 11 से 20 अक्टूबर तक, 20 से 30 अक्टूबर व 1 से 10 नवम्बर तक 1800 क्यूसेक पानी लिया जायेगा। 11 से 20 नवम्बर तक 2000 क्यूसेक, 21 से 30 नवम्बर तक 1800 क्यूसेक, 1 से 10 दिसम्बर तक, 11 से 20 दिसम्बर तक व 21 से 30 दिसम्बर तक 1800-1800 क्यूसेक पानी लिया जायेगा। इसी प्रकार 1 से 10 जनवरी तक 1800, ग्यारह से 20 जनवरी तक 1350 क्यूसेक, 21 से 31 जनवरी तक 1400 क्यूसेक पानी लिया जायेगा। इसी प्रकार फरवरी में 1 से 10, 11 से 20 व 21 से 28 फरवरी तक 1400-1400 क्यूसेक पानी लिया जायेगा। मार्च में 1 से 10, 11 से 20 व 21 से 31 तक 1800-1800 क्यूसेक पानी लिया जायेगा। अप्रेल में 1 से 10 तक 520, 11 से 20 तक 500 क्यूसेक, 21 से 30 अप्रेल तक 500 क्यूसेक पानी लिया जायेगा। मई माह में 1 से 10, 10 से 20 तक 1400 क्यूसेक पानी लिया जायेगा
विधायक  गुरजंट सिंह बराड़ ने कहा कि नहरों में पूरा पानी चले तथा चोरी न हो, इसके लिये नहर अध्यक्षों को भी सर्तक रहना होगा तथा एक टीम बनाकर नहरों की निगरानी करनी होगी। हर रोज नही तो कम से कम सात दिवस में एक चक्कर नहर निगरानी के लिये अवश्य निर्धारित करना चाहिए।
    बैठक में प्रधान  पुरूषोतम सिंह, अधीक्षण अभियंता  अरूण सिडाना, प्रदीप रूस्तगी, अधीशाषी अभियंता धीरज चावला, जल वितरण समितियों के अध्यक्ष मेजर सिंह, जसविन्दर सिंह,  तरसेम सिंह,  राकेश नैण, किसान मोर्चा के  तेज कुमार,  बलदेव सिंह सहित विभिन्न नहरों के अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।

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