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कोई भी नागरिक इस सिविजिल ऐप के माध्यम से फोटो व विजुअल डाल सकेगाः- जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीगंगानगर


  • चुनाव में सिविजिल ऐप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा



श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानाराम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार सीविजिल ऐप की शुरूआत की है। यह ऐप आदर्श आचार संहिता व चुनाव कार्य में बड़ी भूमिका निभाने में मद्दगार बनेगा। इस ऐप पर कोई भी नागरिक किसी तरह की शिकायत फोटो व विजुअल सहित अपलोड कर सकता है। निर्धारित समय व निर्धारित प्रक्रिया के तहत संबंधित शिकायत का निस्तारण होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में जिले के सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के सूचना सहायकों को सीविजल ऐप के एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस ऐप को कोई भी नागरिक डाउनलोड कर सकता है तथा अपने आसपास चुनाव कार्यों से संबंधित किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन या मतदाताओं को प्रलोभन इत्यादि की फोटो अपलोड की जा सकती है। इस ऐप को खोलने पर सर्वप्रथम सिटीजन लिखा होगा वह आमजन के लिये है, जिसका वह उपयोग कर सकते है। इस ऐप में कम से कम एक व अधिकतम 10 फोटो व 2 मिनट के विजुअल अपलोड किये जा सकते है। 
सीविजिल ऐप में सीटिजन के बाद जिला नियंत्रक का ऑपशन होगा। इसके पश्चात इन्वेसटिगेटर का ऑपशन है, जिसे फ्लाईंग स्कोड द्वारा ऑपरेट किया जायेगा। इसमें 30 मिनट का समय रहेगा। इसके पश्चात डिसाईडर का ऑपशन होगा, जिसे संबंधित रिटर्निंग अधिकारी ऑपरेट करेगें। इसके लिये निर्धारित समय रहेगा। आरओ के पश्चात ऑब्जरवर ऑपशन है, जो चुनाव पर्यवेक्षकों के लिये है तथा अंत में मॉनिटर का ऑपशन दिया गया है, जिसे भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन विभाग तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के लिये रहेगा।
इस ऐप में कही भी मतदाताओं के लिये धनराशि, उपहार, मदिरा का वितरण हो रहा हो, बिना मंजूरी के वाहन चुनाव में लगे हो, बिना मंजुरी के बैनर पोस्टर, पेड न्यूज या मतदाताओं को मतदान के लिये परिवहन कर रहे हो, तथा मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में कोई चुनावी गतिविधि हो तो उसकी फोटो व मूवी सीविजल पर अपलोड की जा सकती है। अपलोड करने वाले नागरिक को संबंधित प्रकरण में क्या हुआ, की जानकारी मिलती रहेगी।
उन्होंने बताया कि इस ऐप को खोलकर फोटो अपलोड करने पर सर्वप्रथम जीपीएस के द्वारा लोकेशन चेक होगी, जो 2 मीटर से 20 मीटर तक की भी सही लोकेशन बताऐगा। यह ऐप जहां हम खडे है, उस विधानसभा की सीमा भी बताऐगा। शिकायत वाले क्षेत्र में हरा कलर दिखेगा। एफएस द्वारा चेक करने पर इसका कलर नीला हो जायेगा। यह कार्य 5 मिनट में करना होगा। अन्यथा ओवर डयू टाईम में चला जायेगा। अगर किसी अन्य जिले या राज्य से शिकायत मिल जाती है, तो इस ऐप में एक जिले से दूसरे जिले में शिकायत को हस्तांतरण करने का प्रावधान भी है। सिविजल ऐप में लगाये गये कार्मिकों को सर्वप्रथम अपनी विधानसभा सेट करनी होगी तथा इसके पश्चात संबंधित एफएस व आरओ से जुड़ना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रोग्रामर आशीष ने सिविजिल के बार में विस्तारपूर्वक जानकारी दी तथा प्रशिक्षण ले रहे कार्मिकों के प्रश्नो के उतर भी दिये तथा उनकी शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी  सुरेन्द्र सोनी तथा अशोक शर्मा भी उपस्थित थे।

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