दिल्ली में हवा की गुणवत्ता दिनों दिन फिर खराब होती जा रही है। जबकि ठंड आने में अभी काफी समय है। हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता का गिरना बुधवार को भी जारी रहा। परेशान करने वाली बात यह है कि बुधवार को इसने इस सीजन के सबसे खराब स्तर को भी छू लिया। नासा की ताजा तस्वीरों में पराली का धुआं साफ दिख रहा है। इस धुएं की वजह से प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। पलूशन विभाग ने बताया कि बुधवार को देश के उत्तरी इलाकों में खतरे का लाल निशान भी नजर आया।
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता मंगलवार को 291 से बढ़कर बुधवार को 313 पर आ गई। सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्ट ऐंड रिसर्च (सफर) अगले तीन दिनों में इसकी गुणवत्ता और खराब हो सकती है। 201 से 300 तक की क्वॉलिटी खराब मानी जाती है, 301 से 400 तक बेहद खराब और 400 से ऊपर की मीटर रीडिंग को ‘गंभीर’ माना जाता है।
इस बीच नासा की ताजा तस्वीरों में पराली का धुआं साफ दिख रहा है। इस धुएं की वजह से प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (जीआरएपी) को लागू कराने वाली इन्वाइरनमेंट पलूशन अथॉरिटी (ईपीसीए) ने कहा कि प्रदूषण के ‘बेहद खराब’ स्तर का सामना करने के लिए कदम पहले उठा लिए गए हैं, सिर्फ पार्किंग फीस बढ़ाने जैसे कदम नहीं उठाए गए हैं। ईपीसीए की सदस्य और सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण ने कहा, ‘हम स्थिति पर बेहद करीब से नजर रखे हुए हैं।
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 313 पर रखा और पीएम 2.5 और पीएम 10 में बढ़त दर्ज हुई। इसके अलावा कम हवा गति की वजह से पुराली जलने से देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में लाल निशान भी पहली बार नजर आए। पलूशन बोर्ड का कहना है कि आने वाले दिनों स्थिति और भी खराब हो सकती है।
Source Report Exclusive
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे