वाशिंगटन(जी.एन.एस) गूगल ने कहा है कि एक बग से गूगल प्लस के पांच लाख यूजर अकाउंट प्रभावित हुए हैं। इससे यूजरों का डाटा एक्सटर्नल डेवलपर्स के सामने उजागर होने का खतरा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपनी सोशल नेटवर्क साइट को बंद करने का फैसला लिया है। यह फैसला कंपनी ने तब लिया जब वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया कि एक बग वजह से लाखों यूजर का डाटा लीक हो रहा है। इसे गूगल छिपाना चाहता है। इस रिपोर्ट के बाद कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए इसकी घोषणा की।
गूगल ने उपभोक्ताओं के डाटा चोरी होने की शिकायतों के कारण गूगल प्लस को बंद करने का फैसला लिया है। गूगल के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि इस सोशल नेटवर्क के जरिए उनका पर्सनल डाटा लीक हो रहा है। इस नेटवर्क के जरिए यूजर को एक ऐसा प्लेटफार्म मिला था जहां से वह कई माध्यमों से जानकारी एकत्र कर सकता था। इसमें वीडियो के अलावा महत्वपूर्ण दस्तावेजों को साझा किया जाता था। उपभोक्ताओं को आपत्ति थी कि उनकी जानकारियां लीक हो रही हैं। इस तरह से यह निजता पर खतरा था। गूगल नियामक छानबीन के डर से इस मुद्दे को जाहिर नहीं कर रहा था। इसकी जानकारी वाल स्ट्रीट जनरल ने दी है।
सोशल साइट में सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के बारे 2015 में बाहरी डेवलपर्स कंपनी को जानकारी दी थी। इसके बाद आंतरिक जांचकर्ताओं ने इसका पता लगाया और उसे दुरुस्त किया। इस मुद्दे के कारण अल्फाबेट इंक के शेयरों के भाव 2.6 फीसद गिर गए थे। गूगल ने कहा है कि प्रभावित डाटा स्टैटिक, ऑप्शनल गूगल प्लस प्रोफाइल फील्ड तक सीमित हैं। इसमें नाम, ईमेल एड्रेस, पेशा,जेंडर और उम्र शामिल हैं। गूगल ने यह भी कहा है कि इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि किसी डेवलपर को इस बग की जानकारी है। किसी प्रोफाइल डाटा के दुरुपयोग की भी जानकारी सामने नहीं आई है।
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