वीवीपेट पर सात सैकण्ड दिखेगी पर्चीः- जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीगंगानगर



  • निष्पक्ष, निर्भीक व पारदर्शी हो चुनाव कार्य
  • वीवीपेट पर दिखने वाली पर्ची की गलत जानकारी देने पर होगी कार्यवाही


श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानाराम ने कहा कि विधानसभा आम चुनाव 2018 एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसे उत्साह के साथ पूर्ण किया जाना है। चुनाव आयोग द्वारा प्रत्येक कार्य के लिये तिथि व समय निर्धारित किये गये है। जिसके अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करना है। निर्धारित अवधि में कार्य नही करने या लापरवाही बरतने पर गंभीर परिस्थितियां पैदा हो सकती है, जिसके लिये संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी शुक्रवार को डीएवी शिक्षण संस्थान में सैक्टर अधिकारियों के प्रशिक्षण के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सैक्टर अधिकारी पीठासीन अधिकारी व रिटर्निंग अधिकारी के मध्य की कड़ी है। मतदान केन्द्र पर किसी तरह की समस्या या समाधान आने पर पीठासीन अधिकारी सबसे पहले सैक्टर ऑफिसर को सूचित करेगें। उन्होंने कहा कि सैक्टर अधिकारी अपने-अपने आवंटित क्षेत्रा में जायेगें तथा प्रत्येक मतदान केन्द्र की व्यवस्था को देखेंगे। अगर कही कोई कमी हो तो इसकी सूचना देगें। मतदान केन्द्र के आसपास के नागरिकों से बातचीत करेगें तथा उनकी शंकाओं का समाधान करेगें। इस बात का भी पता लगायेगें कि कही कोई मतदाता प्रलोभन या दवाब में तो नही है। अगर ऐसी परिस्थिति हो, तो इसके लिये भी उचित कार्यवाही की जायेगी। इसकी सूचना पुलिस अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी को दी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारियों का चुनाव का पुराना अनुभव है लेकिन हर चुनाव में कोई न कोई नई व्यवस्था लागू होती है। इसलिये चुनाव के कार्य को गंभीरता से लें। आयोग ने इस बार वीवीपेट की व्यवस्था लागू की है, जिसमें प्रत्येक मतदाता अपने चुनिन्दा उम्मीदवार का नाम, क्रम संख्या व चुनाव चिन्ह देख सकता है। वीवीपेट पर सात सैकण्ड के लिये पर्ची दिखेगी। इसके पश्चात स्वतः ही कटकर बॉक्स में गिर जायेगी। अगर कोई मतदाता यह कहता है कि पर्ची पर चुनिन्दा उम्मीदवार का नाम नही था, की सुचना गलत पाये जाने पर संबंधित मतदाता के विरूद्ध कार्यवाही का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस बार मतदाता सूचियां भी ऑनलाईन है तथा इस चुनाव में आईटी का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है।
जिला कलेक्टर ने कहा कि जिस अधिकारी को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह स्वयं उस कार्य को करें। अपने अधीनस्थ या अन्य अधिकारी को नही भेजे। आयोग द्वारा सिटीजन ऐप की व्यवस्था की गई है। कोई भी नागरिक गलत कार्य या गलत डयूटी अधिकारी की फोटो ऐप पर अपलोड कर सकता है, ऐसे में आयोग द्वारा तत्काल एक्शन लिया जायेगा।
प्रशिक्षण में एडीएम सर्तकता गोपालराम बिरदा, प्रशिक्षक  अशोक शर्मा, नवनीत, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र सोनी, इन्द्रजीत सिंह बराड़, मदनलाल सोनी ने सैक्टर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।

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