उदयपुर,(जीएनएस)। जिला पुलिस ने दसवीं और बारहवीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट बेचने वाले गिरोह का खुलासा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी पेंट एप्लीकेशन के जरिए फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे और जरूरतमंदों को 20-20 हजार रूपए में बेचते थे। खासबात है कि इस मार्कशीट को हासिल करने के लिए कोई पढ़ाई नहीं करनी पड़ती थी और न ही परीक्षा देनी होती थी।
एसपी कैलाश चन्द्र विश्नोई ने बताया कि इंडियन एयर एविएशन एकेडमी के संचालक होशियार सिंह पुत्र भंवर सिंह शेखावत और राजसमंद के जलचक्की स्थित एमके क्लास के संचालक मुकेश पुत्र भैरूलाल तेली को गिरफ्तार किया है। एमके क्लास संस्थान की तलाशी में राजस्थान स्टेट ऑपन स्कूल की सेकण्डरी की 5, सीनियर सैकण्डरी की 2, माईग्रेशन प्रमाण पत्र की 2, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान की सैकण्डरी की 5, झारखंड स्टेट ऑपन की सी.सै. की 5, मोनाड युनिवर्सिटी हापुर उ.प्र. के खाली हस्ताक्षर शुदा तीन माईग्रेशन प्रमाण पत्र, क्लास 9वीं की बिना नम्बरो की हस्ताक्षर शुदा 1 मार्कशीट, लिगल साईज के हरे रंग की रिम और पश्चिम बंगाल के सैकण्डरी स्कुल के एडमिशन का एक एडमिट कार्ड मिला, स्टेट ऑपन स्कूल की सैकण्डरी की 32 एवं सी.सै. की 35 मार्कशीट बरामद हुई हैं।
एक ने हिम्मत दिखाकर रिपोर्ट दी तो हुआ गिरोह का खुलासा
ठोकर चौराहा निवासी ललित पुत्र हीरालाल माली ने भूपालपुरा थाने में रिपोर्ट दी थी कि आयड धुलकोट रोड स्थित इण्डियन एयर एवियशन एकेडमी के संचालक कुचामन निवासी होशियार सिंह पुत्र भंवर सिंह शेखावत बीस हजार रूपये में राष्ट्रीय ओपन विद्यालय शिक्षा संस्थान की सीनियर सेकण्डरी स्कुल की अंकतालिका बिना परीक्षा दिलाये दी है। यह अंकतालिका फर्जी है।
पुलिस ने रिपोर्ट पर अनुसंधान शुरू कर होशियार सिंह को पकड़ा तो उसने मार्कशीट राजसमंद के मुकेश तेली से लेना बताया। इस पर पुलिस ने मुकेश तेली को पकड़ा तो कई खुलासे हुए।
सरपंचों को भी दी थी फर्जी मार्कषीट, जिससे उन्होंने चुनाव लड़ा था
पुलिस ने बताया कि आरोपी मुकेश तेली के विरूद्ध पहले भी फर्जी अंकतालिका बनाकर बेचने के मामले दर्ज हो चुके हैं। आरोपी ने सरपंच चुनाव में उन्हें फर्जी मार्कशीट बनाकर दी थी, जिससे कई सरपंचों ने चुनाव लड़ा था और फर्जी मार्कशीट से योग्यता पूरी कर चुनाव जीता भी था। आरोपी के खिलाफ सरपंचो की फर्जी मार्कशीट बनाने पर तीन प्रकरण नाथद्वारा और आमेट व कांकरोली में 1-1 प्रकरण दर्ज है।
लेपटॉप में बनाता था मार्कशीट
मुकेश ने बताया कि वह दसवीं-बारहवीं की फर्जी मार्कशीट बेचने का कार्य पिछले 1 साल से कर रहा है। वह अपने लेपटोप मे पेंट नामक एप्लीकेशन से असली मार्कशीट में नाम पते एवं नम्बरो की एडिटिंग कर उसकी कलर प्रिंट निकालता था। स्टेट/नेशनल ओपन एग्जाम के विज्ञापन अखबारो मे देकर विद्यार्थियो को अपने झांसा देकर फर्जी मार्कशीट बेचता था।
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