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महाशिवरात्रि 2019-इस विधि से करे पूजन और चढ़ावे ये सभी चीजे और जाने शुभ मुहूर्त



डिवोशन- हर माह कृष्ण पक्ष में प्रत्येक चंद्र मास का चौदहवां दिन या अमावस्या से एक दिन पूर्व शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। एक पंचांग वर्ष में होने वाली सभी बारह शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि जो सामान्यतः फरवरी-मार्च के महीने में पड़ती है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 4 मार्च को मनाया जाएगा। 


शिव हुए प्रसन्न तो देंगे इच्छित फल

वैदिक सूत्रम के चेयरमैन और भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने की माने तो वैदिक हिन्दू योग परंपरा में शिव की पूजा ईश्वर के रूप में नहीं की जाती बल्कि उन्हें आदि गुरु माना जाता है। वे प्रथम गुरु हैं जिनसे ज्ञान की उत्पति हुई थी। कई हजार वर्षों तक ध्यान में रहने के पश्चात एक दिन वे पूर्णतः शांत हो गए, वह दिन महाशिवरात्रि का है। उनके अंदर कोई गति नहीं रह गई और वे पूर्णतः निश्चल हो गए। इसलिए तपस्वी व्यक्ति महाशिवरात्रि को निश्चलता के दिन के रूप में मनाते हैं। महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। चार मार्च को ही प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया है। इस दिन शिव पूजन से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।


इस विधि से करे पूजन 

 इस दिन सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, उसमें बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ायें।
 इस दिन अगर घर के आस-पास शिवालय न हो, तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर पूजा कर सकते हैं।
 इस दिन रात्रि जागरण और शिवपुराण का पाठ सुनने का विशेष महत्व होता है, या महामृत्युंजय मंत्र का रुद्राक्ष की माला से स्वयं जाप कर सकते हैं।
 महाशिवरात्रि के अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन कर व्रत समाप्त किया जाता है।
महाशिवरात्रि दिन के चौथे प्रहर में शिवालय में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि की रात्रि के चौथे प्रहर में ब्राह्मणों के मुख से वेदमंत्र संहिता, रुद्राष्टाध्यायी पाठ श्रवण करना चाहिए।

भगवान शिव का अभिषेक के पदार्थ

 दही- दही अभिषेक से आज्ञाकारी संतान की प्राप्ति
 दूध- जीवन के कष्टों से मुक्ति
 शहद- शिव को अतिप्रिय, वाणी दोष दूर होता है
 घी- मोक्ष प्राप्ति
 पंचामृत- धन- संपत्ति मिलती है
 चंदन पाउडर- लक्ष्मी प्राप्ति
चावल का आटा- ऋण मुक्ति होती है
गन्ने के रस- दुश्मनों से मुक्ति।

महाशिवरात्रि पर्व तिथि और मुहूर्त 2019 
4 मार्च 2019
निशिथ काल पूजा – 00:07 से 00:57
पारण का समय- 06:46 से 15:26 (5 मार्च)
चतुर्दशी तिथि आरंभ – 4 मार्च 2019, सोमवार 16:28 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 5 मार्च 2019, मंगलवार 19:07 बजे


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