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निर्णायक एक दिवसीय मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने रखा 273 रनों का लक्ष्य


नई दिल्ली (वेबवार्ता)। उस्मान ख्वाजा के श्रृंखला में दूसरे शतक की मदद से आस्ट्रेलिया ने पारी के दूसरे चरण में लड़खड़ाने के बावजूद भारत के खिलाफ पांचवें और निर्णायक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां नौ विकेट पर 272 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। ख्वाजा ने 106 गेंदों पर दस चैकों और दो छक्कों की मदद से 102 रन बनाये। उन्होंने कप्तान आरोन फिंच (43 गेंदों पर 27 रन) के साथ पहले विकेट के लिये 76 और पीटर हैंड्सकांब (60 गेंदों पर 52 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिये 99 रन की दो उपयोगी साझेदारियां की। आस्ट्रेलिया ने आखिरी दस ओवर में 70 रन बनाये लेकिन इस बीच पांच विकेट भी गंवाये। अगर फिरोजशाह कोटला के रिकार्ड को देखें तो भारत के लिये लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा। इस मैदान पर केवल दो अवसरों पर 250 रन से अधिक के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया गया। आाखिरी बार विश्व कप 1996 में श्रीलंका ने यह कारनामा किया था। 



बादल छाये थे, मौसम सुहावना था और पिच सपाट थी। शायद इन परिस्थितियों को देखकर ही भारतीय टीम प्रबंधन ने पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। मोहम्मद शमी की पहली गेंद आउटस्विंगर थी जिसे फिंच नहीं समझ पाये, लेकिन बल्लेबाज जल्द ही सहज होकर खेलने लगे। भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह (दस ओवर में 39 रन, कोई विकेट नहीं) और रविंद्र जडेजा (दस ओवर में 45 रन देकर दो विकेट) ने अधिक प्रभावित किया। भुवनेश्वर कुमार (दस ओवर में 48 रन देकर तीन विकेट) सबसे सफल गेंदबाज रहे, शमी (नौ ओवर में 57 रन देकर दो विकेट) ने टुकड़ों में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन कुलदीप यादव (दस ओवर में 74 रन एक विकेट) ने निराश किया। आस्ट्रेलिया की रणनीति साफ थी। बुमराह को संभलकर खेलना और बाकी गेंदबाजों को निशाने पर रखना। जब 14 ओवर के बाद स्कोर बिना किसी नुकसान के 73 रन था तब पांचवें गेंदबाज के रूप में जडेजा ने गेंद संभाली और उनकी तीसरी गेंद ही फिंच के बल्ले को चूमकर विकेटों में समा गयी। आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने चारों छक्के कुलदीप पर लगाये। ख्वाजा ने इस चाइनामैन स्पिनर पर लांग आन पर दो गगनदायी छक्के जड़े। कुलदीप की एक गुगली ने जरूर हैंड्सकांब को छका दिया था लेकिन तब विकेटकीपर ऋषभ पंत भी गच्चा खा गये और गेंद चार रन के लिये चली गयी। आस्ट्रेलिया 28 ओवर के बाद एक विकेट पर 157 रन बनाकर बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था। ऐसे में विराट कोहली का बुमराह को गेंद सौंपना महत्वपूर्ण साबित हुआ। अपने पहले चार ओवर में केवल आठ रन देने वाले बुमराह ने कसी हुई गेंदबाजी जारी रखी।



 बुमराह ने दबाव बनाया तो भुवनेश्वर और जडेजा ने उसे भुनाया। ख्वाजा ने 102 गेंदों पर शतक पूरा किया लेकिन इसी स्कोर पर भुवनेश्वर की गेंद पर कवर में कैच दे बैठे। कोहली ने ही अगले ओवर में ग्लेन मैक्सवेल (एक) का एक्स्ट्रा कवर पर कैच लेकर दर्शकों में जोश भरा। शमी अपना तीसरा स्पैल करने के लिये आये। उनकी तेजी से उठती गेंद को हैंडसकांब नहीं समझ पाये जो उनके बल्ले को चूमकर विकेट के पीछे गयी और इस बार पंत ने कोई गलती नहीं की। हैंड्सकांब ने इससे पहले वनडे में अपना चैथा अर्धशतक पूरा किया। मोहाली के नायक एश्टन टर्नर (20) ने चैके से शुरुआत की। उन्होंने कुलदीप पर मिडविकेट पर सीधा छक्का जमाया लेकिन गेंदबाज ने जल्द ही बदला चुकता कर दिया।

 टर्नर ने गुगली को हवा में लहराया जिसे जडेजा ने सीमा रेखा पर कैच कर दिया। इसके बाद भुवनेश्वर ने मार्कस स्टोइनिस (20) और शमी ने एलेक्स कैरी (20) को पवेलियन भेजा। जॉय रिचर्डसन (29) और पैट कमिन्स (15) ने 48वें ओवर में बुमराह पर 19 रन बटोरकर उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा और स्कोर 250 रन के पार पहुंचाया।



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