@..पिता-पुत्री ने नहर में छलांग लगाकर दी थी जान
@..अब मां ने भी फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या
@.. घर मे इकलौता नाबालिग बचा है वारिस
हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा) जिले भर में इन दिनों अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। वहीं सदर पुलिस थानाक्षेत्र के गांव सहजीपुरा से महिला द्वारा फांसी लगाने की ताजा घटना सामने आई है। इस पूरे मामले में लड़की से छेड़छाड़ की घटनाओं से मानसिक परेशान होकर जान देने की बात सामने आई है। जानकारी के लिए बता दे कि सदर थानाक्षेत्र के गांव सहजीपुरा में एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने महिला की आत्महत्या मामले में मर्ग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सदर थाना प्रभारी राजाराम की माने तो मंजू पत्नी संदीप जाट ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पोस्टमार्टम में भी फांसी से मौत की पुष्टि हुई बताई जा रही है।
पति-पुत्री की मौत से मानसिक परेशान थी महिला
.....
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस कितनी सजग है उसका जीत जागता उदारहण इस मामले में मिल ही जाता है। बताया जाता है कि वह काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रही थी। बुधवार को दोपहर के करीबन मंजू ने घर के चौबारे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आपको ज्ञात होगा कि कुछ समय पहले मृतक महिला मंजू के पति सन्दीप जाट व नाबालिग बेटी कल्पना ने नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद से मृतक महिला मंजू मानसिक रूप से परेशान चल रही थी। जिसके बाद बुधवार दोपहर को परेशान महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
.....
जानकारों की माने तो करीबन दो माह पहले मंजू के पति संदीप जाट ने नाबालिग बेटी कल्पना के साथ टिब्बी के पास नहर में छलांग लगा ली थी। करीब दस दिन बाद दोनों का शव पुलिस ने बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपी युवाओं को भी गिरफ्तार किया था। कल्पना के दादा ने पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था, जिसमें तीन युवकों पर पोती के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। मामला दर्ज होने तथा पिता-पुत्री का शव बरामद होने के बाद सदर पुलिस ने आरोपी सचिन और विकास को जेल भिजवा दिया था। जबकि एक नाबालिग को बाल सुधार गृह भिजवा दिया।
घटना के दो माह बाद फिर उलझा मामला
.....
इस घटना के दो महीने बाद अब नाबालिग लड़की की माता की ओर से आत्महत्या करने से मामला और उलझ गया है। संदीप जाट के घर का अब एक चिराग ही बच गया है। संदीप का बेटा नाबालिग है। प्रकरण के अनुसार आरोपी युवक संदीप के घर में रंग-रोगन का कार्य करने आए थे। इस दौरान संदीप की पुत्री कल्पना के साथ उनकी जान-पहचान हुई थी। इस बारे में परिजनों को पता चला तो पहले गांव में समझाइश का दौर चला। लेकिन बाद में मामला पुलिस में पहुंच गया। जिसके बाद संदीप जाट ने अपनी पुत्री कल्पना के साथ इंदिरागांधी नहर में छलांग लगा ली थी।
पिता-पुत्री की मौत ने उठाया छेड़छाड़ से पर्दा!
.....
पुलिस सूत्रों के अनुसार दो जनवरी को सुबह सदर थाना क्षेत्र के गांव सहजीपुरा निवासी संदीप व उसकी पुत्री कल्पना के जूते व मोबाइल मसीतांवाली हैड के पास इंदिरा गांधी नहर के किनारे मिले थे। नजदीक ही कार भी खड़ी थी। मौके पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को बताया कि उक्त व्यक्ति ने दो जनवरी को सुबह करीब नौ बजे मोबाइल से सहजीपुरा अपने घर फोन किया। परिजनों से कहा कि वह अपनी पुत्री के साथ नहर में गिर रहा है। अगर वे बचा सकते हैं तो बचा लें। परिजनों की सूचना पर मसीतांवाली चौकी पुलिस ने नाकाबंदी कर पिता व पुत्री की कार को रूकवाने का प्रयास किया। लेकिन इससे पहले ही वे वहां से निकल चुके थे। बाद में पुलिस दल जब नहर की ओर गश्त करते हुए पहुंचा तो मसीतांवाली हेड के पास कार और सामान मिला। दस दिन बाद दोनों का शव पुलिस ने बरामद किया था।
इन आरोपो में हुआ था मामला दर्ज
.....
इस संबंध में सदर पुलिस थाने में संदीप के पिता ने चार जनवरी को मामला दर्ज कराया था कि विक्की पुत्र रामचन्द्र निवासी सहजीपुरा उसकी पौत्री कल्पना को फोन कर अश्लील बातें करता था तथा बदनाम करने की धमकी देता था। उसके इस कार्य में विक्की का भाई सचिन व एक अन्य युवक भी साथ देता था। तीनों मिलकर उसके पुत्र संदीप व पौत्री कल्पना को बदनाम करने की धमकियां देते थे। तीनों ने उसके पुत्र को धमकी दी कि तुम्हारे खिलाफ मामला दर्ज करवा देंगे। इसी के चलते उसके पुत्र व पौत्री ने परेशान होकर नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली। सदर पुलिस थाने में तीनों युवकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज है। दो आरोपी जेल में हैं। तीसरा नाबालिग बाल सुधार गृह में है। अब इस मामले में संदीप की पत्नी मंजू ने भी आत्महत्या कर ली है। इससे संदीप के परिवार में उसका एक नाबालिग बेटा ही बचा है।
महिलाएं कब तक होगी पीड़ित!
.....
कहने को प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भले ही पुलिस के पास हो लेकिन शायद अब पुलिस भी महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। महिलाओ को सामाजिक,मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। जो इस मामले से जाहिर होता है। अब सवाल ये ही उठता है कि महिला कब तक प्रताड़ित होती रहेगी।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे