Sunday, 31 March 2019

Home
crime
crime news in hindi
Hanumangarh
Hanumangarh News in Hindi
Rajasthan
Rajasthan News
sriganganagar
सतर्क रहे! Report Exclusive श्रीगंगानगर/हनुमानगढ़:- संदिग्ध गिरोह की तलाश जारी,पूरे क्षेत्र में सतर्कता
सतर्क रहे! Report Exclusive श्रीगंगानगर/हनुमानगढ़:- संदिग्ध गिरोह की तलाश जारी,पूरे क्षेत्र में सतर्कता
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में घुस आये संदिग्ध अपराधियों के एक गिरोह की तलाश की जा रही है। इस गिरोह में आठ से दस व्यक्ति शामिल बताये जा रहे हैं, जिनमेें महिलाएं भी हो सकती हैं। इस गिरोह में शामिल दस-बारह वर्षीय बालक को कल शुक्रवार शाम श्रीगंगानगर जिले के पदमपुर कस्बे में एक महिला का पर्स लेकर भागते हुए पकड लिया गया था।
उसके साथ एक और बालक भी था, जो पकड़ में नहीं आया। पदमपुर थानाप्रभारी विक्रम तिवाड़ी ने बताया कि यह गिरोह मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में कडिय़ा इलाके का रहने वाला है, जोकि दिनदिहाड़े छीनाझपटी की वारदातें करता है। इस गिरोह का पारदी समुदाय के लोगों से कोई सम्बंध नहीं है। पारदी समुदाय के लोगों के गिरोह ज्यादा खतरनाक हैं, जोकि लूटपाट व नकबजनी करते समय हत्या करने से भी गुरेज नहीं करते। कडिय़ा का यह गिरोह फसल सीजन में ही सक्रिय होता है।
इन दिनों श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों की मण्डियों में फसलों की आवक लगातार जोर पकड़ रही है। ऐसे में गिरोह की नजर उन व्यापारियों और किसानों पर रहती है, जो बैंकों से रकम लेकर आ-जा रहे होते हैं। बाजार में खरीददारी करने आये हुए लोगों के भी पर्स उड़ा ले जाने में यह गिरोह माहिर है। पदमपुर में पकड़े गये बालक से पता चला है कि आठ-दस जने इस क्षेत्र मेें आये हुए हैं। पुलिस जहां इस गिरोह का पता लगाने में जुटी है, वही पुलिस ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
Tags
# crime
# crime news in hindi
# Hanumangarh
# Hanumangarh News in Hindi
# Rajasthan
# Rajasthan News
# sriganganagar
Share This
About Report Exclusive
sriganganagar
लेबल:
crime,
crime news in hindi,
Hanumangarh,
Hanumangarh News in Hindi,
Rajasthan,
Rajasthan News,
sriganganagar
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपके सुझाव आमंत्रित
क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. अब हम निष्पक्ष व् स्वतंत्र रूप से जुड़ने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं.
No comments:
Post a comment
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे