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ढाई माह में गहलोत सरकार ने हजार से ज्यादा बदले ब्यूरोकेट्स तो चुनावों में उम्मीदवारों पर सिर्फ सिंगल पैनल पर चर्चा


हनुमानगढ़/श्रीगंगानगर(कुलदीप शर्मा) राजस्थान प्रदेश में अगर बात की जाए तबादलों  की तो इनका दौर विधानसभा चुनाव समापन होने पर ही शुरू हो गया था. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पुराने सभी प्रशासनिक अधिकारियो का फेरबदल करते हुए प्रदेश भर में हजार से भी ज्यादा अधिकारियो को बदल दिया। चुनाव से ठीक पहले तक भी राजस्थान में तबादलों का दौर रुका नहीं और जारी रहा. पुरे प्रदेश में अपने हिसाब के अधिकारियो को बदलने का काम शुरू किया गया जो लोकसभा चुनाव की आचार सहिंता से ठीक पहले जाकर थम गया.



1100 से ज्यादा तबादले तो अकेल आरएएस अधिकारियो की 18 तबादला सूची 
गहलोत सरकार में कुल 1145 तबादले किए गए हैं. इनमें 187 आईएएस, 139 आईपीएस, 55 आईएफएस और 765 आरएएस अधिकारी शामिल हैं. जबकि पूर्ववर्ती बीजेपी की राजे सरकार ने इस अवधि में कुल 822 अधिकारियों के तबादले किए थे. इनमें 119 आईएएस, 107 आईपीएस, पांच आईएफएस और 591 आरएएस अधिकारी शामिल थे. गहलोत सरकार में आरएएस अधिकारियों की 18 तबादला सूची जारी हुई है. सरकार ने आचार संहिता लगने से पूर्व 765 आरएएस अधिकारी बदल दिए. इनमें भी कई अधिकारियों के इस अवधि में तीन से चार तबादले हो गए.


सत्ता संभालते ही बदल डाला प्रशासनिक चेहरा
सीएम अशोक गहलोत ने सत्ता संभालने के बाद से लेकर लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले तक प्रदेश की पूरी ब्यूरोक्रेसी का चेहरा ही बदल डाला है. कांग्रेस सरकार ने इस अवधि में 1145 अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए हैं. सीएम अशोक गहलोत ने सत्ता संभालने के बाद से लेकर लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले तक प्रदेश की पूरी ब्यूरोक्रेसी का चेहरा ही बदल डाला है. कांग्रेस सरकार ने इस अवधि में 1145 आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आरएएस अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए हैं.सीएम गहलोत ने शपथ लेने के अगले दिन ही 40 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर जता दिया था कि वे ब्यूरोक्रेसी के बर्ताव से खुश नहीं है. लिहाजा उन्होंने शपथ लेने के बाद 8 दिन के भीतर ही तीन तबादला सूची जारी कर 140 आईएएस अधिकारियों को इधर उधर कर दिया. कई अफसरों के तबादले तो 3 से 4 बार हुए.


सत्ता परिवर्तन पर ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदलना रिवाज!
प्रदेश में सत्ता परिर्वतन होने के साथ ही ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदलने की पुरानी रिवाज सी रही है. सरकार बदलने के बाद राजनीतिक दल जनता में संदेश देने के नाम पर ऐसा करते हैं. लेकिन हकीकत इससे अलग दिखाई देती है. एक महीने के भीतर ही कई अधिकारियों के तबादले निरस्त करने पड़े या फिर उनकी जगह बदलनी पड़ी.



तबादलों में बीजेपी को भी पीछे छोड़ा गहलोत सरकार ने
तबादलों के मामले में वर्तमान गहलोत सरकार पूर्ववर्ती राजे सरकार की तुलना में काफी आगे निकल गई. पूर्ववर्ती राजे सरकार ने गत बार सत्ता में आते ही ढाई माह में 822 तबादले किए थे. जबकि इसी अवधि में हाल ही सत्ता में आई गहलोत सरकार ने 1145 अधिकारियों के तबादले कर डाले.

लोकसभा प्रत्याशियों के चयन पर सिंगल पैनल का पेंच
लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस में प्रत्याशी चयन पर मंथन जारी है. प्रत्याशी चयन के लिए राजधानी दिल्ली में चल रही राजस्थान कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अहम फैसला लिया गया है. कमेटी केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को अब सिंगल नाम का पैनल ही भेजेगी. दिल्ली में रविवार रात को कांग्रेस के 15 जीआरजी स्थित वॉर रूम में शुरू हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पहले चरण की सीटों पर मंथन किया गया. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है. कमेटी की ओर से अब प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए सिंगल नाम का पैनल ही भेजा जाएगा. 25 सीटों पर एक-एक नाम पर ही एकराय बनाई जाएगी. इसके बाद वे ही नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाएंगे. बताया जा रहा है कि 10 से 11 सीटों पर सहमित बन गई है, लेकिन कई सीटों पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है.

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