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Sri GangaNagar - राजस्थान में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की तैयारी


पुलिस मुख्यालय ने तैयार किये बिन्दुओं पर सुझाव मांगे
श्रीगंगानगर। राजस्थान के पुलिस विभाग में कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिये जाने की तैयारी की जा रही है। इस सम्बंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा तैयार किये गये बिन्दुओं पर प्रदेशभर में पुलिस कर्मियों से सुझाव मांगे गये हैं। आज गुरुवार को पुलिस महानिदेशक (प्रशासन, कानून एवं व्यवस्था) मोहनलाल लाठर की ओर से सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को एक परिपत्र भेजा गया, जिसमें इन बिन्दुओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है। इन बिन्दुओं पर पक्ष एवं विपक्ष में राय देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन बिन्दुओं पर राय एवं सुझाव मांगे गये हैं, उन पर मुख्यालय में विचार विमर्श कर अन्तिम निर्णय लिया जायेगा। साप्ताहिक अवकाश पुलिस थानों, चौकियों और राजस्थान सशस्त्र बल (आरएसी) के जवानों को दिये जाने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई है। 

 इसके अनुसार अवकाश प्रारम्भिक तौर पर थानाप्रभारी अथवा आरएसी के कम्पनी कमांडर एवं अधीनस्थ कर्मचारी को दिया जायेगा। थाने में पदस्थापित कर्मियों को रात्रि ड्यूटी करने के पश्चात् 24 घंटे का रैस्ट सप्ताह में एक बार दिया जायेगा। मतलब-कोई पुलिसकर्मी यदि रात्रि ड्यूटी करने के बाद रैस्ट पर जाता है तो उसे उसी दिन एवं अगले दिन सुबह की रोलकॉल (हाजिरी) तक उपस्थिति में छूट मिलेगी। यह साप्ताहिक अवकाश रात्रि ड्यूटी के पश्चात् आरम्भ होकर अगले दिन प्रात: रोलकॉल तक के लिए होगा। पुलिस अधीक्षक या कमांडेंट अपने-अपने जिलों या यूनिटों के थानों, चौकियों व कम्पनियों में पदस्थापित कार्मिकों का इस तरह से रॉस्टर तैयार करेंगे, जिससे प्रत्येक पुलिसकर्मी को यह ज्ञात रहेगा कि उसे कौनसे दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलेगा।

 उदाहरण के लिए कि सोमवार को अवकाश दिया जाता है तो उसे प्रत्येक सोमवार को ही साप्ताहिक अवकाश दिया जायेगा। साप्ताहिक अवकाश अतिआवश्यक ड्यूटियों के दौरान नहीं मिलेगा, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय मेलों, चुनाव, वीआईपी विजिट और धार्मिक उत्सव आदि के दौरान अवकाश नहीं मिलेगा। इस साप्ताहिक अवकाश के साथ राजपत्रित अवकाश को परिफिक्स या सफिक्स नहीं किया जा सकेगा। एक कलेंडर वर्ष में कुल 15 दिवस राजपत्रित अवकाश ही देय होंगे। पुलिस थानों एवं चौकियों में पदस्थापित पुलिसकार्मिकों के अनुसार राजस्थान सशस्त्र पुलिसबल के कार्मिकों का भी रॉस्टर तैयार कर उपरोक्तानुसार अवकाश दिया जा सकेगा। यह अवकाश किसी भी परिस्थितियों में संग्रहित नहीं होगा। 


सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों एवं आरएसी के कमांडेंट्स को निर्देश दिये गये हैं कि वे सभी पुलिस लाइनों, थानों, बटालियनों व अन्य स्थानों पर तैनात सभी कार्मिकों की सम्पर्क सभाएं आयोजित करें। इन सभाओं में उक्त बिन्दुओं से अवगत करवाते हुए उनके विचार लिये जायें। इसकी रिपोर्ट सात दिन में पुलिस मुख्यालय को भेजनी होगी। रिपोर्ट में अवगत करवाया जाये कि वर्तमान व्यवस्था उपयुक्त है अथवा जो व्यवस्था प्रस्तावित हैं, वह उपयुक्त होगी। इसके पक्ष एवं विपक्ष के मतों के अनुसार अवगत करवाने के साथ यह भी बताने को कहा गया है कि सम्पर्क सभा में कितने सदस्यों ने भाग लिया। 


प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद से ही अटकलें लग रही हैं कि देश के कुछ राज्यों में जिस तरह से पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा है, यह व्यवस्था राजस्थान में भी जल्दी ही लागू होगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि समाज की बढ़ती अपेक्षाओं के दबाव में जमीनी स्तर पर पुलिसकर्मियों के लिए दुष्कर स्थितियां निर्मित कर दी हैं। लगभग 24 घंटे की सेवा, सातों दिन निरंतर कार्य करते रहने से जहां एक और पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता एवं आराम मेें गिरावट आई है, वही कर्मचारी अपने पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी भलिभांति नहीं कर पा रहे।

 उनका कहना है कि इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर कर्मचारियों के कल्याण एवं कार्यकुशलता में वृद्धि करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया जाना अपेक्षित है कि पुलिस व सशस्त्र बल के जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाये। 

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