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ऐसा नववर्ष मनाया जो आपने कभी नहीं देखा होगा! पढ़े पूरी खबर आखिर ऐसा हुआ कैसे


एसकेडी कैम्पस स्थित गुड-डे डिफेंस स्कूल में समारोहपूर्वक हुआ भारतीय नववर्ष का स्वागत

गुरूकुल पद्धति से आधारित कार्यक्रम को देख मंत्रमुग्ध एवं भाव-विभोर हुए उपस्थितजन

हनुमानगढ़। सम्पूर्ण भारतवर्ष में कुरूक्षेत्र के बाद दूसरे नम्बर पर गुरूकुल पद्धति पर आधारित शिक्षा देने के लिए 7 एसटीजी स्थित एसकेडी कैम्पस में स्थापित गुड-डे डिफेंस स्कूल में आज भारतीय नववर्ष का स्वागत समारोहपूर्वक किया गया। गुरुकुल पद्धति पर आधारित बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देख उपस्थित जन मंत्रमुग्ध होने के साथ भाव-विभोर हो उठा। 

कार्यक्रम  की मुख्य अतिथि  विजया चौधरी लीलांवाली थी अध्यक्षता एसकेडी के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने की। विशिष्ट अतिथि वृक्षमित्र साहबराम बिश्रोई, जूडो कोच विनीत बिश्रोई, पूर्व पार्षद मदन बाघला, श्रीमती संतोष बाघला, सरपंच अमनप्रीत कौर, राजेन्द्र गुम्बर, गुरजंट सिंह, श्रीमती किरण बिश्रोई एवं प्रकाश शास्त्री थे। कार्यक्रम की शुरूआत हवन-यज्ञ के साथ की गई। जिसमें अतिथियों एवं विद्यार्थियों के अभिभावकों ने आहूति डालकर इलाके की खुशहाली की कामना की। हवन-यज्ञ प्रकाश शास्त्री के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। यज्ञ के बाद शुरू हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की। 

एसकेडी के स्टाफ द्वारा अतिथियों का बुक्के भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले विद्यार्थियों ने गणेश वंदना की शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। जिसके बाद विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। जिसे देखकर उपस्थित जनसमूह भाव विभोर हो उठा। विद्यार्थियों की सभी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां मां-बाप की सेवा एवं प्रेम की शिक्षा देने पर आधारित थी। कार्यक्रम के अंत में गंगानगर से अपनी टीम के साथ पधारे अनिल सोनी के नेतृत्व में उनके शिष्यों ने स्केटिंग, आंखों पर पट्टी बांधकर रंगों एवं अक्षरों की पहचान करना एवं योगा तथा अनिल मटोरिया के निर्देशन में गुड-डे डिफेंस के विद्यार्थियों ने घुड़सवारी की प्रस्तुति देकर अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया। 

जिसे देखकर उपस्थित जनसमूह दांतों तले अंगुली दबाने पर विवश हो गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विजया चौधरी ने भारतीय नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हनुमानगढ़ की जनता के लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें एक ऐसा विद्यालय मिला है जहां उनके बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ संस्कार भी ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों का संस्कारित होना भी जरूरी है क्योंकि वर्तमान युग में पढ़े-लिखे बच्चे संस्कारविहीन होने के कारण अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा नहीं करते जिस कारण मां-बाप का बुढ़ापा कष्टमय हो जाता है जबकि भारतीय संस्कृति हमें यह नहीं सीखाती। मां-बाप की सेवा करना इंसान का सबसे पहला कत्र्तव्य है। उपस्थित महिलाओं से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों को संस्कार देना मां की जिम्मेदारी होती है।

 मां से मिले संस्कारों की बद्दौलत ही बेटियां ससुराल में जाकर अपने सास-ससुर की सेवा करती हैं। उन्होंने विद्यालय छात्राओं से अपील की कि वे अपनी माता से अच्छे संस्कार ग्रहण करें। अपने सम्बोधन के अंत में उन्होंने कहा कि विज्ञान ने चाहे कितनी भी तरक्की कर ली हो लेकिन वह भारतीय संस्कारों से पीछे है। क्योंकि संस्कारों से ही समाज सुखी हो सकता है और समाज सुखी तो सभी सुखी रह सकते हैं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एसकेडी के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि उनका एक सपना था कि विद्यार्थियों को भारत में जो मैकाले पद्धति से शिक्षा दी जा रही है उससे अलग हटकर शिक्षा दी जाए क्योंकि मैकाले पद्धति पर आधारित शिक्षा ग्रहण करके विद्यार्थी उच्च पद पर आसीन तो हो सकता है लेकिन वह एक संस्कारवान बच्चा नहीं बन सकता।

 उनका वह सपना आज आप सभी के सहयोग से पूरा हो गया। बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि गुड-डे डिफेंस स्कूल में गुरुकुल पद्धति पर आधारित शिक्षा दी जाने के साथ-साथ सैनिक स्कूल की तर्ज पर तैयारी भी करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि पूरे बीकानेर संभाग में कोई भी ऐसा विद्यालय नहीं है जिसमें विद्यार्थियों की तैयारी के लिए इतने साधन उपलब्ध हों। जुनेजा ने कहा कि गुड-डे डिफेंस स्कूल में हम विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों से अगवत करवा रहे हैं ताकि विद्यार्थी घर जाकर अपने माता-पिता की सेवा करे एवं अन्य पारिवारिक सदस्यों से सद्ïव्यवहार करे। 

जिसके लिए आप सभी का सहयोग भी अपेक्षित है। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों के चरण धोकर उनकी चरण वंदना कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गुड-डे डिफेंस स्कूल की निदेशक पूनम बिश्रोई, प्रधानाचार्य हितेन्द्र शर्मा, दिनेश जुनेजा, चंचल धूडिय़ा, रेणू मुदï्गल, संगीत अध्यापक रवि कुमार सहित समस्त एसकेडी परिवार का भरपूर सहयोग रहा। कार्यक्रम का मंच संचालन सुनीता पारीक ने किया।

'लाडोÓ देख आंखे हुई नम

एसकेडी कैम्पस स्थित गुड-डे डिफेंस स्कूल में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने कन्या भू्रण हत्या के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 'लाडोÓ नाम से एक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में छोटी-छोटी बच्चियों द्वारा कन्या भू्रण हत्या के प्रति शानदार प्रस्तुति देखकर उपस्थित जनसमूह अपनी आंखें नम होने से नहीं रोक सका। कार्यक्रम में इस प्रस्तुति की खूब चर्चा रही। 

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