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सावधान! क्या आप कृषि कनेक्शन लेना चाहते है।अगर हाँ तो जरा जानकारों के यहां चक्कर जरूर लगा लेना

बिजली पोल व तार लगकर डीपी लगने के बाद आनन-फानन में दूसरी जगह कर दिया ट्यूबबेल तैयार


कृषि कनेक्शन के लिए सिफारिश होनी चाहिए नियम नहीं!
एस्टीमेट बन कर पोल व तार बिना ट्यूबबेल गए कसे!
बिजली महकमे में भृष्टाचार की आई बू!
सरकारी योजनाओ को पलीता लगा जानकारों को दे रहे कनेक्शन!

हनुमानगढ़। कहते है जब किसी महकमे में कोई अपना या रिश्तेदार हो तो कार्य आसान हो जाता है। ऊपर से सेटिंग हो जाये और मलाई मिल जाए तो मामला ओर भी आसान हो जाता है। ऐसे ही अनेको मामले हनुमानगढ़ जिले भर में बिजली महकमे में मिल ही जाते है! बिजली महकमे में भृष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत हो चुकी है की उसे अब उखाड़ फेंकना शायद विभाग के भी बस की बात नहीं होगी। ऐसे कई मामले Report Exclusive के सामने आये है जिन्हे परत-दर परत खोले जाएंगे। अगर किसी भी पाठक का भी कृषि कनेक्शन पिछले कई वर्षो से लटका हुआ है तो वो हमसे सीधा 9414540955 पर कॉल या व्हाट्सप्प करके बता सकता है। 
फर्जी पाइप दिखा कर कनेक्शन किया मिलीभगत से प्राप्त!

सिफ़ारिश के दम पर मिलते है कनेक्शन!
Report Exclusive के सामने एक मामला आया की बिजली महकमे में जमे बैठे अधिकारियो की बाहर बैठे जानकारों से सैटिंग है जिसके मार्फत अंदर बैठे अधिकारी काम करते है। कृषि कनेक्शन उन्ही लोगो को दिया जाता है जिसकी या तो अंदर बैठे अधिकारियो के रिश्तेदार से बोलचाल हो या जेब में डिमांड राशि के अलावा राशि हो। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मक्कासर गाँव की बाहर कृषि क्षेत्र में कृषि कनेक्शन नियमो को ताक पर रख सिफारिश के दम पर जारी कर दिया गया! ये सिफारिश किसकी है उसके बारे में सूत्रों द्वारा बताया गया! ऐसे कितने ही मामले मिल जाएंगे जो की बिजली महकमे की मिलीभगत को उजागर करने में उगाही देते देखे जा सकते है!
खाले के ऊपर लगा दी डीपी,रास्ते को भी किया अवरुद्ध

सरकार करती दावे अधिकारी योजनाओ का कर देते पलीता!
राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनते ही बकाया पड़े एक लाख कृषि कनेक्शन को देने की घोषणा सरकार द्वारा की गयी। सीएम गहलोत ने कहा था की किसानों की मांग देखते हुए आगामी जून महीने तक 1 लाख कृषि कनेक्शन दिए जाएंगे और इसकी तैयारी हो चुकी है। तो वहीं गहलोत सरकार ने कहा कि अगले पांच साल तक किसानों की बिजली के कोई दाम नहीं बढ़ेंगे। सरकार योजनाओ को लाने व धरातल पर उतारने के लिए जिन अधिकारियो को काम पर लगाती है वो ही अधिकारी योजनाओ को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है। अब देखने वाली बात रहेगी की विधुत महकमा इस ओर कब ध्यान देता है। 


जरा समझिये एक मामले को!
मक्कासर 3 एसटीजी की कृषि भूमि पर किसी किसान ने कृषि कनेक्शन के लिए विधुत महकमे में अर्जी दाखिल की जिसके बाद विधुत कार्यालय में बैठे बड़े अधिकारी के सीधे रिश्तेदार से मिलकर नियमो को ताक पर रख कर कृषि कनेक्शन जारी करवा लिया गया। हालांकि कृषि कनेक्शन का आवेदन करने वाले किसान ने ना ही तो नियमो के अनुसार कोई ट्यूबबेल लगा रखा था और ना ही किसी प्रकार का कोई नियमो का पालना कर रहा था। इसके बावजूद भी सेटिंग के चलते कनेक्शन प्रार्थी को किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं दिया गया! बल्कि कृषि कनेक्शन देने में इतनी जल्दबाजी करी गयी की भृष्टाचार को साफ़-साफ़ दिखा गया। इतना ही नहीं हुआ बल्कि कनेक्शन जारी होने के वक़्त लगने वाले पॉल व बिजली तार के कसने के बाद ही आनन-फानन में कृषि ट्यूबबेल की खुदाई करके उसका निर्माण किया गया है! अब देखने मात्र से हर किसी को ये समझ में तो आ ही जाता है की मोटी सेटिंग के चलते ही कनेक्शन जारी किया गया है। बाकी आप खुद भी समझदार है! 

पड़ताल में कई मामले आ सकते है सामने!
सूत्रों की माने तो अगर किसी ईमानदारी अधिकारी द्वारा बिजली महकमे में कृषि कनेक्शनों की स्थितियों को जांचा जाए तो ऐसे अनेको मामले सामने आ सकते है जिसमे गरीबो के कनेक्शन अभी तक लटके हुए है बल्कि जानकारों के कनेक्शन जारी कर दिए गए है। कृषि कनेक्शन को लेकर किसानो को लम्बे समय तक इन्तजार करना पड़ता है । कई बार तो ये इन्तजार कई वर्षो में तब्दील हो जाता है। कृषि कनेक्शन लेने के लिए किसान को बिजली महकमे के वर्षो तक चक्कर लगाने पड़ते है। बावजूद इसके किसान को कनेक्शन से वंचित रहना पड़ रहा है। जिले भर के कार्यालयों में अगर पड़ताल की जाए तो चौकाने वाले सच सामने आ सकते है। 

Report Exclusive "आओ खुल कर बोले"
Report Exclusive की मुहीम आओ खुल कर बोले में किसान हिस्सा ले सकता है। अगर हनुमानगढ़ जिले में किसी भी किसान का कृषि कनेक्शन अधिकारियो या विभाग द्वारा जान बूझकर लटकाया जा रहा है तो वो समाचार पत्र से सीधा सम्पर्क कर सकता है। ताकि विधुत विभाग में फैले इस गलत सिस्टम को जनता के सामने रखा जा सके। हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियो व जोधपुर निगम के उच्चाधिकारियों को इस और ध्यान देकर समय रहते सरकार की योजनाओ को पात्र किसानो तक पहुंचाने की जरूरत है साथ ही ऐसे नियम विरुद्ध कार्य करने वाले अधिकारियो पर कार्रवाई करने की भी जरूरत है।

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