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कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए आंतरिक शिकायत समिति, उल्लंघन पर 50 हजार रुपए तक जुर्माना

 कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए आंतरिक शिकायत समिति, उल्लंघन पर 50 हजार रुपए तक जुर्माना


महिला अधिकारिता विभाग ने दिए सख्त निर्देश, 15 दिन में ईमेल पर भेजनी होगी जानकारी


हनुमानगढ़,। महिलाओं के कार्यस्थलों पर सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा लागू लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत सभी शासकीय व निजी कार्यालयों को अपने-अपने स्तर पर आंतरिक शिकायत समिति गठित करना अनिवार्य है।


महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक श्री जगदीश चौधरी ने बताया कि ऐसे सभी कार्यालयों, विभागों, संस्थानों एवं प्रशासनिक इकाइयों में, जहां 10 या उससे अधिक कार्मिक कार्यरत हैं, वहां समिति का गठन कर उसका आदेश—जिसमें अध्यक्ष व सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर शामिल हों—कार्यस्थल पर प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है।


समिति के गठन की जानकारी 15 दिन के भीतर विभागीय ई-मेल पर भेजनी होगी। यदि समिति का गठन पहले किया जा चुका है और उसकी अवधि 3 वर्ष से अधिक हो चुकी है, तो पुनर्गठन आवश्यक है। साथ ही, यदि समिति के किसी सदस्य का स्थानांतरण हुआ है तो उसके स्थान पर नया मनोनयन किया जाना चाहिए। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अधिनियम की धारा 26(1)(a) के तहत उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 50,000 रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।


*शी-बॉक्स पोर्टल पर अपलोड करें समिति की जानकारी*


भारत सरकार द्वारा शी-बॉक्स पोर्टल की शुरुआत की गई है, जहां संबंधित कार्यालयों को अपनी आंतरिक शिकायत समिति की सूचना ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। निजी संस्थानों को भी पोर्टल पर प्राइवेट हैड ऑफिस रजिस्ट्रेशन के माध्यम से पंजीयन करना अनिवार्य है। अधिनियम से संबंधित समस्त जानकारी वेब पोर्टल पर उपलब्ध है। निर्धारित प्रपत्रों में जानकारी भरकर विभाग को भेजना अनिवार्य है, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। कार्यशालाओं व जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना भी नियोक्ता की जिम्मेदारी है।

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