- जिले में होगा नवाचार, हर गर्भवती को मिलेंगे गुड़, चना व बिस्कुट ताकि बेहतर हो जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य
- 22 जुलाई से शुरू हो रहा खसरा-रूबेला अभियान
- विभाग के केलेण्डर के अनुसार होगा टीकाकरण
- जो स्कूल एमआर अभियान में सहयोग नही देंगे, उनके खिलाफ होगी कार्रवाई
- डीएचएस बैठक में हुई स्वास्थ्य सेवाओं व योजनाओं पर चर्चा
श्रीगंगानगर। जिले की गर्भवती महिलाओं के लिए खुशखबरी है। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने गर्भवती महिलाओं की एएनसी सुनिश्चितता, खून में बढ़ोतरी सहित जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर गुड़, चना व बिस्कुट देने के निर्देश दिए हैं। ये आहार गर्भवती महिलाओं को एएनसी के समय सीएचसी व पीएचसी पर हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस एवं हर माह के चौथे गुरुवार को आयोजित होने वाले सुरक्षित मातृत्व दिवस पर दिए जाएंगे। जिला कलक्टर ने ये निर्देश बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए। जिला कलक्टर श्री नकाते ने कहा कि 22 जुलाई से शुरू हो रहे खसरा-रूबेला अभियान को लेकर किसी स्तर पर कोई कोताही बर्दाश्त नही होगी और शत-प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण सुनिश्चित करें। इस दौरान यदि कोई निजी स्कूल प्रबंधक सहयोग नही करते हैं तो उन्हें स्पष्ट करें कि विभागीय कलेण्डर अनुसार ही निर्धारित दिवस पर टीकाकरण होगा। फिर भी जो सहयोग नही करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और बच्चों को होने वाली बीमारी के लिए स्कूल प्रबंधक जिम्मेदार होंगे। स्कूल संचालक अभिभावकों की बैठक कर उन्हें अभियान के बारे में जानकारी दें और उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करें, ताकि राष्ट्रीय अभियान में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि 9 माह से 15 वर्ष तक के 10वीं कक्षा में अध्ययनरत सभी विधार्थियों का टीकाकरण किया जायेगा। चिकित्सों ने बताया कि अगर पूर्व में टीकाकरण हुआ है, तो भी पुनः टीकाकरण करवाना आवश्यक है।
उन्होंने सभी बीसीएमओ को पाबंद किया कि वे अभियान के दौरान हर शाम को रिपेर्ट करें ताकि संबंधित एसडीएम ब्लॉक स्तर पर अभियान की समीक्षा कर सकें। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो बेहतर कार्य करेंगे और जिस स्कूल प्रबंधक का बेहतर योगदान रहेगा उन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा। बैठक में पीएचसी बख्तावपुरा, बांडा कॉलोनी, देईदासपुरा व दुल्लाहपुर केरी सहित सीएचसी निरवाना, रिड़मलसर व लालगढ़ के निचले पायदान पर आने पर संबंधित चिकित्सा प्रभारी अधिकारियों को अंतिम चेतावनी देते हुए निर्देश दिए कि आगामी बैठक से पूर्व सुधार करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जो संस्थान लगातार दो माह तक निचले पायदान पर रहेगा, उसके चिकित्सा प्रभारी को अन्यत्रा संस्थान में लगा दिया जायेगा। एचआईवी-एड्स की नियमित जांच के लिए उन्होंने सभी संस्थान प्रभारियों को पाबंद करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं की शत-प्रतिशत एचआईवी जांच होनी चाहिए।
बैठक में निर्माण कार्यों आदि को लेकर विस्तार से चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सुनिश्चित करें कि जहां निर्माण की आवश्यकता है उसका ठोस प्रस्ताव समय पर भिजवाएं ताकि आमजन स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने सभी अधिकारियों को पाबंद किया कि आमजन को बेहतर व गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए और यदि किसी स्तर पर कोई भी लापरवाही हुई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा व पीएमओ डॉ. केएस कामरा सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे