Advertisement

Advertisement

कोई भी लक्षित बच्चा दवा से न रहे वंचितः- जिला कलेक्टर


जिलास्तर पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभए
बच्चों को खिलाई पेट के कीड़े मारने की दवाए
वंचित 19 अगस्त को खा सकेंगे दवा
श्रीगंगानगर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान में केवल स्वास्थ्य या शिक्षा विभाग के कार्मिकों का ही नहीं बल्कि जिले के हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह अभियान में महत्ती भूमिका निभाए। अभियान के दौरान जिले के लक्षित साढ़े छह लाख बच्चों में से कोई भी छूटना नहीं चाहिए क्योंकि यह दवा हर बच्चे के लिए जरूरी है।
ये विचार गुरुवार को जिला कलेक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर व्यक्त किए। वे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से रिको स्थित सरस्वती शिक्षण संस्थान परिसर में आयोजित राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के शुभारंभ अवसर पर विद्यार्थियों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सीएमएचओ डाॅ् गिरधारी मेहरडा, एसीएमएचओ डाॅ मुकेश मेहता, शिक्षण संस्थान के निदेशक डाॅ. आरएन गोस्वामी, एमडी बलराज जाखड़, डीपीएम विपुल गोयल, नकुल शेखावत, डाॅ. पवन शर्मा, सीओआईईसी विनोद बिश्रोई, संदीप जाखड़,  आशा प्रभारी रायसिंह सहारण, राजीव शर्मा, रेणुका गोदारा व डाॅ केपी सिंह आदि मौजूद रहे।
जिला कलेक्टर श्री नकाते ने कहा कि राष्ट्रीय अभियान की महत्ता हर किसी को समझना जरूरी है और इसके लिए बच्चों को भी स्कूल में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के पेट में कीड़ों से मुक्ति दिलाने के लिए यह दवा बेहद जरूरी है और जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उन्हें न केवल बीमारियों से सामना करना पड़ता है बल्कि वे मानसिक रूप से भी परेशान होते हैं। उन्होंने कहा कि कि जिले में आठ अगस्त के बाद भी 19 अगस्त को कृमि नाशक दवा दी जाएगी। यह दवा जिले के सभी सरकारी, निजी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक वर्ष से 19 वर्ष की उम्र के सभी बच्चों को दी जाएगी। पहली बार काॅलेज स्तर के शिक्षण संस्थानों को भी शामिल किया गया है। हालांकि जिन बच्चों को मिर्गी के दौरे आते हैं, जो किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें यह दवा नहीं दी जाएगी। जिले के साढ़े छह लाख बच्चों को इस अभियान के लिए चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के करीब अढ़ाई करोड़ बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेन्डाजाल गोली निःशुल्क खिलाई जाएगी। दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों सहित शिक्षा विभाग एवं आईसीडीएस कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया है।एक से दो वर्ष तक की उम्र के बच्चों को आधी गोली तथा दो से 19 साल की उम्र के बच्चों को एक गोली पानी के साथ दी जाएगी। दवा का कोई साइटइफेक्ट नहीं होता है, हालांकि कुछेक बच्चों को हल्की उल्टी आदि की शिकायत होती है लेकिन यह गंभीर समस्या नहीं होती।
प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों ने दिखाया उत्साह
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमे विद्यार्थियों ने खासा उत्साह दिखाया। इस दौरान स्कूल के संजय भांभू, माया, संजय कुमार, गगनदीप, प्रियंका, राजू, प्रेम, सुशील, दिनेश सहित अन्य विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में जवाब दिए। इस मौके पर विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। वहीं अनेक बच्चों को जिला कलेक्टर ने दवा खिलाई और अभियान की शुरूआत की।
जिला कलेक्टर ने युवाओं से की नशा मुक्त रहने की अपील
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं व स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान जिला कलेक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि वे नशे से दूर रहें और किसी भी प्रकार के नशा सेवन से बचें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी गलत संगत के चलते जल्दी नशे की लत पकड़ लेते हैं जिसका खामियाना उन्हें भविष्य में भुगतना पड़ता है। ऐसे में सबका दायित्व बनता है कि न केवल युवाओं को नशे से दूर रखें बल्कि जो युवा नशा करने लग गए हैं उन्हें भी इससे दूर करें। कार्यक्रम के दौरान जिले में चल रहे खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में बताया गया और उन्हें प्रेरित किया गया कि वे खसरा-रूबेला टीकाकरण की जानकारी अन्य आमजन को भी दें एवं उन्हें जागरूक करें कि यदि किसी बच्चे के खसरा-रूबेला का टीका नहीं लगा है तो वे निर्धारित दिवस पर टीका अवश्य लगवाएं। यदि कोई बच्चा टीकाकरण दिवस पर वंचित रह गया है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement