- किशनपुरा तिराहे से कोहला फार्म तक एक माह में दोनों ओर लगानी होंगी लोहे की जालियां और सांकेतिक बोर्ड
श्रीगंगानगर। स्थाई लोक अदालत हनुमानगढ़ ने मेगा हाईवे पर टाउन से आगे कोहला फार्म के पास सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए किशनपुरा तिराहे पर कोहला फार्म की सीमा तक सड़क के दोनों ओर लोहे की जालियां एवं सांकेतिक बोर्ड लगाने के आदेश दिए हैं। वहीं किशनपुरा गांव से आने वाले रास्ते पर सफेद रोड़ मार्किंग करने को कहा है। इसको लेकर कलेक्टर, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया गया है। इस संबंध में श्रीगंगानगर जिले के गांव फतूही निवासी सुचना के अधिकार जागृति मंच के जिलाध्यक्ष अनिल जान्दू की ओर से याचिका दायर की गई थी। इसमें बताया कि जिले में मुख्य राजमार्गों पर दुर्घटनाएं घटित हो रही है, जिनमें प्रतिवर्ष सैंकड़ो लोगों की मृत्यु हो रही है। सड़कों के दोषपूर्ण निर्माण के कारण व रास्तों में रोड़ सेफ्टी के चिन्ह व दुर्घटना संभावित क्षेत्र के बारे में चेतावनी अंकित नहीं होने के कारण ऐसी दुर्घटनाएं घटित होती है। पूर्व में बी.आर. चौधरी कॉलेज गोलूवाला के संचालक डॉ. दीपक बंसल व उनकी पत्नी डिंपल बंसल की मेगा हाईवे धन्नासर-ब्रह्मसर के बीच और देश के वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद की टिब्बी क्षेत्र में सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्र में दुर्घटना होने से मृत्यु हो गई। मृत्यु का मुख्य कारण वहां सुरक्षा कारणों का अभाव व रोड़ सेफ्टी चिन्ह अंकित नहीं होना रहा।
जंक्शन-टाउन के बीच प्रत्येक कट पर करनी होगी ब्लींकिंग लाइट की व्यवस्था
स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष विष्णुदत शर्मा एवं सदस्यगण महावीर स्वामी व बलविंद्र सिंह ने अनिल जान्दू द्वारा दी गई याचिका को स्वीकार कर राजस्थान राज्य जरिए कलेक्टर हनुमानगढ़, जिला परिवहन अधिकारी, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी एवं एसपी को आदेशित किया कि वे एक माह के भीतर हनुमानगढ़-किशनगढ मेगा हाईवे पर हनुमानगढ से निकलते ही कोहला फार्म के पास दुर्घटनाओं से बचाव के लिए किशनपुरा तिराहे पर कोहला फार्म की सीमा तक सड़क के दोनों ओर लोहे की जालियां लगवाएं। वहीं सांकेतिक बोर्ड के साथ किशनपुरा गांव से आने वाले रास्ते पर सफेद रोड़ मार्किंग की जाएं। इसके अलावा मेगा हाईवे पर जंक्शन व टाउन के बीच में शहर से गुजरने वाले प्रत्येक कट पर ब्लीकिंग लाईट की व्यवस्था की जाए। इसमें यह भी आदेश दिए गए कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु मोटर वाहन अधिनियम 1988 के पहले अनुसूची में वर्णित संकेतों पर जहां भी आवश्यकता हो लगाएं। इस क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। पैरवी अधिवक्ता नितिन छाबड़ा की ओर से की गई।
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