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सहकारी भूमि विकास बैंक किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिये देंगे ऋण


आधुनिक खेती के संसाधनों के लिये मिलेगी प्राथमिकता
श्रीगंगानगर/जयपुर। रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ0 नीरज के. पवन ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से किसानों को उनकी खेती बाड़ी के साथ अकृषि कार्य हेतु आवश्यकताओं के लिये ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि बैंक अपने गठन की उपयोगिता को साबित करने के लिये किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये ऋण वितरण की योजना बनाकर ऋण वितरण करें।
डॉ0 पवन ने सहकार भवन में 11 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा किये जा रहे ऋण वितरण एवं वसूली की समीक्षा करते हुये कहा कि किसान की आय में वृद्धि तभी संभव है जब किसान को जिस कार्य योजना के तहत ऋण दिया जा रहा है, उसका उपयोग उसी के अनुसार हो। उन्होंने कहा कि इससे किसान की आय में वास्तविक वृद्धि संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करते हुये आवश्यक संसाधनों के लिये ऋण मुहैया कराया जायेगा।
       रजिस्ट्रार ने कहा कि हमें किसानों में उद्यमशीलता का विकास करने के लिये कदम उठाने चाहिये। उन्होंने कहा कि इसके लिये उनको कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। बैंकों को किसानों द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना की जांच कर सही ऋणी की पहचान कर ऋण वितरण करना होगा ताकि बैंकों द्वारा ऋण वितरण चक्र को तेजी से घुमाते हुये किसानों को राहत प्रदान की जा सके।
      समीक्षा बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) श्री जी. एल. स्वामी, एसएलडीबी के प्रबंध निदेशक श्री राजीव लोचन शर्मा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मोनेटरिंग) श्री दुर्गा लाल बलाई, महाप्रबंधक एसएलडीबी श्री नवीन शर्मा के अलावा नागौर, बालोतरा, बिलाड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर,हनुमानगढ़, रायसिंहनगर, श्रीगंगानगर, चित्तौडगढ़ एवं राजसमन्द सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

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