श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने आमजन से अनुरोध किया है कि कही भी कुष्ठ का रोगी या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को इस तरह के दाग धब्बे हो तो नजदीक की आशा, आंगनबाडी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बताए तथा चिकित्सक से सम्पर्क कर उसकी जांच करवाए। यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग से पीडित है, तो उसके साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करे। जितना संभव हो सके रोगी की हर प्रकार से सहायता करे।
चिकित्सको के अनुसार कुष्ठ रोग एक मामूली बीमारी है जो जीवणु (लेप्रा बेसिली) से होता है। यह कोई छुआछूत का या आनुवांशिक रोग नही है। कुष्ठ रोग की जांच व ईलाज सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। कुष्ठ रोग की शुरूआत में पहचान एवं जांच करवा ली जाए तथा पूर्ण ईलाज लिया जाए तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है। रोगी शारीरिक विकलांगता से बच सकता है। कुष्ठ रोग का ईलाज कई मामलों में 6 माह तथा कुछ मामलों में 12 माह तक का हो सकता है।
कुष्ठ रोग की पहचान आसान है
कुष्ठ रोग की पहचान चमडी पर चमडी के रंग से फिका एक या एक से अधिक दाग धब्बे जिसमें सून्नापन, सुखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो, तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर, चेहरे पर, भौहां के उपर, कानों के उपर सूजन-गॅठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पडे तो कुष्ठ रोग हो सकता है। हाथ-पैर में सुन्नता, सुखापन एवं कमजोरी होने पर भी कुष्ठ रोग की जांच करवानी चाहिए। एमडीटी कुष्ठ निवारक औषधि, कुष्ठ की शर्तिया दवा है, जो सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है।
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