सिंचाई तंत्र में पारदर्शिता के लिए तैयार किया जा रहा वैब पोर्टल
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि सिंचाई प्रणाली में पादर्शिता लाने के लिए एवं किसानों को सिंचाई पानी की अपडेट सूचनाएं देने के लिए वैब पोर्टल के माध्यम से सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है।
जिला कलक्टर श्री नकाते गुरूवार को कलैक्ट्रेट सभाहाॅल में सिंचाई विभाग के सहायक एवं कनिष्ठ अभियन्ताओं की प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्देश दे रहे थे। उन्होने कहा कि सिंचाई विभाग में पारदर्शिता होने से समस्याएं कम होगी तथा किसानों में विभाग के प्रति विश्वास की भावना पैदा होगी। वैब पोर्टल से सिंचाई रेगुलेशन चार्ट को अपडेट रखा जा सकेगा। अधीक्षण अभियन्ता से लेकर कनिष्ठ अभियन्ता तक के सभी अभियन्ताओं के अकाउन्ट बनाए जाएंगे तथा वे अपने मोबाईल से व वैब पोर्टल से जुडेंगे। इस वैब पोर्टल में नहरों के खुलने, नहरों के बंद होने का समय तथा तिथि की सूचना संधारित होगी, जो सीधे किसानों को उपलब्ध होगी। इस वैब पोर्टल से संबंधित किसान भी जुड सकेंगे, जिससे उन्हे पानी की मात्रा हैड पर गेज की स्थिति पानी की मात्रा व नहरों के खुलने व बंद होने की सूचनाएं मिलती रहेगी। इस वैब पोर्टल में टोल फ्री नम्बर की तरह भी सुविधा होगी।
जिला कलक्टर ने कहा कि नहरों की मरम्मत, सुदृढीकरण के कार्य होने से पूर्व जीपीएस के माध्यम से कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व व कार्य के पश्चात की फोटो व विडियों ग्राफी आवश्यक रूप से करनी होगी। सुदृढीकरण के कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होने कहा कि मरम्मत के कार्यो से पूर्व आरडी के अनुसार प्लान तैयार किया जाए। जिसमें विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्य तथा किसानों के सहायोग से किये जाने वाले कार्यो को अलग-अलग दर्शाया जाए। निविदाएं करते समय इस बात का ध्यान रखे कि मरम्मत का कार्य अलग-अलग टुकडों में तैयार किया जाए तथा पूरा कार्य एक ही एजेंसी को न दिया जाकर अलग-अलग अच्छी साख वाली एजेंसियों को दिया जाए जिससे कार्य अच्छी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा हो सकेगा। उन्होने कहा कि नरेगा के माध्यम से जिले की छोटी नहर वितरिकाओं के पट्डा मजबूती, बर्म कटिंग तथा साफ सफाई से संबंधित कार्य करवाये जाते ह,ै ऐसे में विभाग के कनिष्ठ अभियन्ताओं तक की जिम्मेदारी बनती है कि वे कार्य स्थल पर जाए तथा कार्यो को गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करवाए। उन्होने कहा कि सिंचाई पानी से लेकर कही से भी समस्या आती है तो मौके के अभियन्ता को बात करनी चाहिए तथा जितना जल्दी हो सके स्थल पर पहुचकर किसानों से बातचीत करनी चाहिए।
इस अवसर पर जल संसाधन के अभियन्ताओं ने भी अपने सुझाव तथा कार्य स्थल पर आने वाली समस्याओं पर बल दिया।
आयोजित कार्यक्रम में एडीएम सतर्कता श्री अरविन्द्र जाखड़, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ0 हरीतिमा, जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियन्ता श्री प्रदीप रूस्तगी, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियन्ता श्री बलराम शर्मा, सीएडी के अधीक्षण अभियन्ता श्री गोपाल कृष्ण सहित जिले के अधिशाषी अभियन्ता, गंगनगर प्रणाली के सभी सहायक व कनिष्ठ अभियन्ता उपस्थित थे।
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि सिंचाई प्रणाली में पादर्शिता लाने के लिए एवं किसानों को सिंचाई पानी की अपडेट सूचनाएं देने के लिए वैब पोर्टल के माध्यम से सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है।
जिला कलक्टर श्री नकाते गुरूवार को कलैक्ट्रेट सभाहाॅल में सिंचाई विभाग के सहायक एवं कनिष्ठ अभियन्ताओं की प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्देश दे रहे थे। उन्होने कहा कि सिंचाई विभाग में पारदर्शिता होने से समस्याएं कम होगी तथा किसानों में विभाग के प्रति विश्वास की भावना पैदा होगी। वैब पोर्टल से सिंचाई रेगुलेशन चार्ट को अपडेट रखा जा सकेगा। अधीक्षण अभियन्ता से लेकर कनिष्ठ अभियन्ता तक के सभी अभियन्ताओं के अकाउन्ट बनाए जाएंगे तथा वे अपने मोबाईल से व वैब पोर्टल से जुडेंगे। इस वैब पोर्टल में नहरों के खुलने, नहरों के बंद होने का समय तथा तिथि की सूचना संधारित होगी, जो सीधे किसानों को उपलब्ध होगी। इस वैब पोर्टल से संबंधित किसान भी जुड सकेंगे, जिससे उन्हे पानी की मात्रा हैड पर गेज की स्थिति पानी की मात्रा व नहरों के खुलने व बंद होने की सूचनाएं मिलती रहेगी। इस वैब पोर्टल में टोल फ्री नम्बर की तरह भी सुविधा होगी।
जिला कलक्टर ने कहा कि नहरों की मरम्मत, सुदृढीकरण के कार्य होने से पूर्व जीपीएस के माध्यम से कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व व कार्य के पश्चात की फोटो व विडियों ग्राफी आवश्यक रूप से करनी होगी। सुदृढीकरण के कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होने कहा कि मरम्मत के कार्यो से पूर्व आरडी के अनुसार प्लान तैयार किया जाए। जिसमें विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्य तथा किसानों के सहायोग से किये जाने वाले कार्यो को अलग-अलग दर्शाया जाए। निविदाएं करते समय इस बात का ध्यान रखे कि मरम्मत का कार्य अलग-अलग टुकडों में तैयार किया जाए तथा पूरा कार्य एक ही एजेंसी को न दिया जाकर अलग-अलग अच्छी साख वाली एजेंसियों को दिया जाए जिससे कार्य अच्छी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा हो सकेगा। उन्होने कहा कि नरेगा के माध्यम से जिले की छोटी नहर वितरिकाओं के पट्डा मजबूती, बर्म कटिंग तथा साफ सफाई से संबंधित कार्य करवाये जाते ह,ै ऐसे में विभाग के कनिष्ठ अभियन्ताओं तक की जिम्मेदारी बनती है कि वे कार्य स्थल पर जाए तथा कार्यो को गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करवाए। उन्होने कहा कि सिंचाई पानी से लेकर कही से भी समस्या आती है तो मौके के अभियन्ता को बात करनी चाहिए तथा जितना जल्दी हो सके स्थल पर पहुचकर किसानों से बातचीत करनी चाहिए।
इस अवसर पर जल संसाधन के अभियन्ताओं ने भी अपने सुझाव तथा कार्य स्थल पर आने वाली समस्याओं पर बल दिया।
आयोजित कार्यक्रम में एडीएम सतर्कता श्री अरविन्द्र जाखड़, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ0 हरीतिमा, जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियन्ता श्री प्रदीप रूस्तगी, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियन्ता श्री बलराम शर्मा, सीएडी के अधीक्षण अभियन्ता श्री गोपाल कृष्ण सहित जिले के अधिशाषी अभियन्ता, गंगनगर प्रणाली के सभी सहायक व कनिष्ठ अभियन्ता उपस्थित थे।
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