श्रीगंगानगर। विधायक राजकुमार गौड़ ने कहा है कि जो लोग समाज के लिए कुछ कर जाते हैं, वे ही सदैव याद किए जाते हैं। साहित्यकार डॉ. विद्यासागर शर्मा भी अगर अपनी मृत्यु के बाद याद किए जा रहे हैं तो अपनी लेखनी के दम पर ही।
वे शुक्रवार को महिमोपाध्याय पंडित रामचंद्र शास्त्री स्मृति प्रन्यास की ओर से विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति परिसर मेें आयोजित साहित्यकार डॉ. विद्यासागर शर्मा की 77वीं जयंती एवं उनकी दो पुस्तकों 'मेरे सपने-मेरे गीत और 'ओळमा अर दूजी कवितावांÓ के विमोचन समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि भ्रष्ट लोगों को कोई कुछ नहीं कहता, जबकि ईमानदार आदमी को प्रमाण पत्र देना पड़ता है। यह विडम्बना है कि अच्छे लोगों को बहुत कठिनाइयां आती हैंं। इस मौके पर गौड़ ने विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति को नए संसाधनों के लिए विधायक कोटे से पांच लाख रुपए देने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार मोहन आलोक ने कहा कि डॉ. विद्यासागर शर्मा एक सहज व्यक्तित्व थे। उनके तीन ग्रंथों से परलोक में उनके लिए तीन कमरों का भवन निर्मित हो गया है।
विशिष्ट अतिथि पदमश्री श्यामसुंदर माहेश्वरी ने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले लोग कभी भुलाए नहीं जा सकते। उन्होंने डॉ. विद्यासागर शर्मा के विद्यार्थी शिक्षा सहयोग समिति को दिए सहयोग को भी याद किया।
वरिष्ठ साहित्यकार एवं 'मेरे सपने-मेरे गीत के संपादक डॉ. मंगत बादल ने कहा कि वे स्वांत: सुखाय लिखा करते थे। छपने का लोभ उन्होंने कभी नहीं किया। इस क्षेत्र के साहित्य का इतिहास उनके बिना पूरा नहीं होगा।
'ओळमा अर दूजी कवितावां के संपादक कृष्णकुमार आशु ने कहा कि इस क्षेत्र की नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने में डॉ. विद्यासागर शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुस्तकों पर पत्रवाचन किरण बादल एवं रेवतीरमण शर्मा ने किया। इससे पहले प्रन्यास के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रन्यास से जुड़े राजेंद्र शर्मा ने आभार व्यक्त किया। संचालन प्रधानाध्यापक डॉ. रामप्रकाश शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में साहित्यकार गोविंद शर्मा, सुरेंद्र सुंदरम्, बन्नी गंगानगरी, सुरेश कनवाडिय़ा, विजयकृष्ण कौशिक, पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. रामनारायण शर्मा, एडवोकेट धर्मेंद्र शर्मा, व्याख्याता डॉ. सीता गौड़, रजनी शर्मा, डॉ. प्रहलाद गौड़ सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे