जिला स्तरीय बैंक सलाहाकार समिति की बैठक
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में ऐग्रो प्रोसेसिंग निति 2019 लागू की है, जिसमें कृषि प्रसंस्करण से संबंधित ईकाईयां स्थापित व नवीन गतिविधियां करने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। सरकार ने इसके लिये 500 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान भी किया है।
जिला कलक्टर गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाहाॅल में जिला स्तरीय बैंक सलाहाकार समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि प्रसंस्करण ईकाईयों में 50 प्रतिशत अनुदान के अलावा विधुत, आदान परिवहन तथा सौर उर्जा पर भी अनुदान लाभ देय है। उन्होंने कहा कि जो भी किसान या कृषि से संबंधित उद्यमी बैंक में आते है, तो उन्हें इस प्रसंस्करण निति की जानकारी दी जाये, जिससे उन्हें लाभ मिल सकें।
जिला कलक्टर ने बैंक अधिकारियों से कहा कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप फसली ऋण दिया जाये। किसान की आवश्यकता को देखते हुए अगर किसान नवीन सिंचाई तकनीक, उद्यान, जोजोबा सहित विभिन्न प्रकार की वाणिज्यिक फसलें तैयार करता है तो उसे आवश्यकता के अनुरूप ऋण दिया जा सकता है, लेकिन बैंकों को 10 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर देने की परम्परा को छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसान को समृद्ध बनाना है। किसान की आवश्यकताएं पूरी हो तथा किसान को किसी अन्य के पास ऋण लेने के लिये नही जाना पडे़ तथा किसान अपनी फसल अपनी इच्छा के अनुरूप बाजार में बेच सकें।
जिला कलक्टर ने कहा कि किसान को फसली ऋण देने के साथ-साथ बीमा या अन्य किसी प्रकार की गतिविधियों को नही जोड़े। फसली ऋण केवल फसल उगाने व पकाने के लिये दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिले में राजीविका के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। लगभग 300 समूहों के आवेदन विभिन्न बैंकों में बैंक खाता खोलने के लिये प्रेषित किये गये है। आगामी 10-15 दिवस में सभी स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाता खुलने पर 15-15 हजार रूपये की रिवाल्विंग राशि उनके खातो में जमा की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिले में राजीविका के अलावा आरएसएलडीसी, पीएम स्किल योजना व आरसेटी के तहत युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर उन्हें ट्रेंड किया जा रहा है। बैंकर्स ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को वित्तिय संसाधन में मद्द करे, जिससे वे अपना स्वरोजगार प्रारम्भ कर सकें। उन्होंने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैंक अपने सेवा क्षेत्र में वित्तिय साक्षरता शिविरों के माध्यम से आमजन व किसानों को यह जानकारी दे कि बैंकों से लिये गये ऋण का सही प्रकार से सदुपयोग किया जाये।
बैठक में आरबीआई के अग्रणी जिला अधिकारी श्री अखिलेश कुमार तिवारी, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री चन्द्रेश कुमार शर्मा, ओबीसी के मुख्य प्रबंधक श्रीमती अंजना कुक्कड़, एलडीएम श्री सतीश जैन, उधोग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री हरीश मित्तल, आरएमजीबी के प्रादेशिक प्रबंधक श्री एस.वी.सिंह सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारियों ने भाग लिया।
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में ऐग्रो प्रोसेसिंग निति 2019 लागू की है, जिसमें कृषि प्रसंस्करण से संबंधित ईकाईयां स्थापित व नवीन गतिविधियां करने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। सरकार ने इसके लिये 500 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान भी किया है।
जिला कलक्टर गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाहाॅल में जिला स्तरीय बैंक सलाहाकार समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि प्रसंस्करण ईकाईयों में 50 प्रतिशत अनुदान के अलावा विधुत, आदान परिवहन तथा सौर उर्जा पर भी अनुदान लाभ देय है। उन्होंने कहा कि जो भी किसान या कृषि से संबंधित उद्यमी बैंक में आते है, तो उन्हें इस प्रसंस्करण निति की जानकारी दी जाये, जिससे उन्हें लाभ मिल सकें।
जिला कलक्टर ने बैंक अधिकारियों से कहा कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप फसली ऋण दिया जाये। किसान की आवश्यकता को देखते हुए अगर किसान नवीन सिंचाई तकनीक, उद्यान, जोजोबा सहित विभिन्न प्रकार की वाणिज्यिक फसलें तैयार करता है तो उसे आवश्यकता के अनुरूप ऋण दिया जा सकता है, लेकिन बैंकों को 10 प्रतिशत ऋण बढ़ाकर देने की परम्परा को छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसान को समृद्ध बनाना है। किसान की आवश्यकताएं पूरी हो तथा किसान को किसी अन्य के पास ऋण लेने के लिये नही जाना पडे़ तथा किसान अपनी फसल अपनी इच्छा के अनुरूप बाजार में बेच सकें।
जिला कलक्टर ने कहा कि किसान को फसली ऋण देने के साथ-साथ बीमा या अन्य किसी प्रकार की गतिविधियों को नही जोड़े। फसली ऋण केवल फसल उगाने व पकाने के लिये दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिले में राजीविका के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। लगभग 300 समूहों के आवेदन विभिन्न बैंकों में बैंक खाता खोलने के लिये प्रेषित किये गये है। आगामी 10-15 दिवस में सभी स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाता खुलने पर 15-15 हजार रूपये की रिवाल्विंग राशि उनके खातो में जमा की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिले में राजीविका के अलावा आरएसएलडीसी, पीएम स्किल योजना व आरसेटी के तहत युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर उन्हें ट्रेंड किया जा रहा है। बैंकर्स ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को वित्तिय संसाधन में मद्द करे, जिससे वे अपना स्वरोजगार प्रारम्भ कर सकें। उन्होंने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैंक अपने सेवा क्षेत्र में वित्तिय साक्षरता शिविरों के माध्यम से आमजन व किसानों को यह जानकारी दे कि बैंकों से लिये गये ऋण का सही प्रकार से सदुपयोग किया जाये।
बैठक में आरबीआई के अग्रणी जिला अधिकारी श्री अखिलेश कुमार तिवारी, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री चन्द्रेश कुमार शर्मा, ओबीसी के मुख्य प्रबंधक श्रीमती अंजना कुक्कड़, एलडीएम श्री सतीश जैन, उधोग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री हरीश मित्तल, आरएमजीबी के प्रादेशिक प्रबंधक श्री एस.वी.सिंह सहित विभिन्न बैंकों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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