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निर्दिष्ट क्वाीनटाईन व्यक्ति स्वयं के मोबाईल पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा इस संबंध में निर्धारित मोबाईल एप डाउनलोड कर प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रति 2 घण्टे में सेल्फी मोबाईल एप पर अपलोड करेगा

कोरोना वायरस संक्रमण एवं बचाव
एप पर फोटो अपलोड करना होगा
श्रीगंगानगर, । कोरोना वायरस (कोविड-19) को महामारी घोषित किये जाने की स्थिति को देखते हुए जनहित एवं मानव जीवन के सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार के डिसेस्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते करते हुए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई है।
जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम. नकाते ने बताया कि भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी के बचाव हेतु उठाए कदमों के तहत यदि चिकित्सा जांच में कोई नागरिक कोरोना (कोविड-19) से संक्रमित है, पाया जाता है, या लक्षण दिखाई देते है तो ऐसा व्यक्ति चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार 14 दिवस तक क्वारनटाईन के रूप में निर्धारित स्थान पर रहेगा तथा इस संबंध में जारी समस्त दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करेगा।
उन्होने बताया कि निर्दिष्ट क्वाीनटाईन व्यक्ति स्वयं के मोबाईल पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा इस संबंध में निर्धारित मोबाईल एप डाउनलोड कर प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रति 2 घण्टे में सेल्फी मोबाईल एप पर अपलोड करेगा एवं ई-मेलrajcovid19info@rajasthan.gov.in पर सूचित करेगा। यदि किसी के पास एप एवं ई-मेल की सुविधा नही है तो ऐसे व्यक्ति की लोकेशन टेंलिकाॅम कम्पनी की सहायता से ट्रेस की जावेगी। इस हेतु संबंधित क्वारनटाईन व्यक्ति द्वारा पुलिस, चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि को मोबाईल नम्बर उपलब्ध करवाने अनिवार्य होंगे, जिससे प्रशासन द्वारा उसकी लोकेशन ट्रेस की जा सके।
निर्दिष्ट क्वारनटाईन व्यक्ति की मोनिटर्रिंग संबंधित क्षेत्रा के निर्धारित पुलिस, चिकित्सा विभाग द्वारा की जायेगी। यदि संबंधित क्वारनटाइन व्यक्ति निर्धारित स्थान को छोडता है तो उसके परिवार वाले निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत पुलिस, चिकित्सा विभाग को सूचित करने के लिए उतरदायी होगा।
यदि कोई भी नागरिक जो जांच में कोरोना (कोविड-19) से संक्रमित है, पाया गया है या लक्षण पाए गए है, द्वारा यदि सरकार के इस संबंध में समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों, हिदायतों, आदेशों की अवहेलना करता है, की जाती है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 व डिसस्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अध्याय 10 के सेक्शन 51-60 में वर्णित प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

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