मिशन लाईफ सेविंग प्रारम्भ
हाईरिस्क ग्रुप के व्यक्तियों को बचाने के लिए मिशन लिसा के मानक के अनुसार हो कार्य
श्रीगंगानगर। विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोविड -19 संक्रमण को महामारी घोषित करने से उत्पन्न स्थिति के पैटर्नेमार्क में कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव, हस्तक्षेप, इसके संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने और इसके संक्रमण से होने वाली मौतों को न्यूनतम किए जाने के लिए व्यापक लोकहित में। राज्य सरकार द्वारा सभी संभव प्रयास निरन्तर किए जा रहे है।
इस क्रम में विभागीय आदेशानुसार को विभाजित -19 संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या, मृत्युदर को न्यूनतम रखने, संक्रमण से ग्रस्त रोगियों व हाईरिस्क ग्रुप के व्यक्तियों के जीवन को बचाने के लिए मिशन लाईफ सेविंग प्रारम्भ किया गया सभी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी और समस्त मुख्य चिकित्सा एवं उपचार स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड -19 संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या को न्यूनतम रखने, संक्रमण से ग्रस्त रोगियों व हाईरिस्क ग्रुप के व्यक्तियों के जीवन को बचाने के लिए मिशन लिसा के तहत मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है।
जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते ने बताया कि इस संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या को न्यूनतम रखने जाने और इस संक्रमण से ग्रस्त रोगियों के जीवन को बचाने के लिए यह आवश्यक है कि संक्रमण की प्रारम्भिक अवस्था में ही जोखिम व हाईरिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान हो। कर उनका समय प्राथमिकता के आधार पर समुचित ईलाज किया जावें।
कोविड -19 के संक्रमण में मेनतं: रोगी के आक्सीजन सेचुरेशन के स्तर व श्वसन दर को उचित स्तर पर बनाये रखना अति आवश्यक है। इसकी जांच के लिए चिकित्सा संस्थानों पर पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता आवश्यक है। साथ ही पल्स आॅक्सीमीटर को विभाजित -19 के ऐसे रोगियों जिनमें बिना किसी लक्षण के हाईपोक्सिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, की जल्द और प्रारम्भिक स्तर पर पहचान में सहायक है। संक्रमण की प्रारम्भिक अवस्था में ही सकारात्मक व हाईरिस्क गु्रप के व्यक्तियों की पहचान कर उनका समय प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किए गए ईलाज किए गए जीवन को सुनिश्चित करना संभव है।
उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू के संभावित रोगी की पहचान हेतु राज्य सरकार ने पूर्व में भी समस्त चिकित्सा संस्थानों में पल्स आॅक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये गये थे। विभाग के आदेशानुसार मिशन लिसा के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले समस्त चिकित्सा संस्थानों पर यदि पल्स आॅक्सीमीटर उपलब्ध न हो तो इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करावें। इस हेतु प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अपने कार्यालय, अधीनस्थ कार्यालयों के वित्तीय संसाधनों का उपयोग किया जावे।
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