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कोविड-19 के मरीजों का अपने सामाजिक, मानवीय एवं नैतिक दायित्वों के अधीन समुचित उपचार करें निर्धारित दर से अधिक नही वसूल सकेंगे


श्रीगंगानगर। चिकित्सा विभाग (जयपुर) की एडवायजरी द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय की भावना के अनुरूप कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु तथा आमजन को आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में व्यापक लोकहित में ऐसे सभी चेरिटेबल ट्रस्ट एवं निजी संस्थान जिन्हें चिकित्सा संस्थानों की स्थापना एवं संचालन हेतु विभिन्न प्रकार की रियायतें व सुविधाएं प्रदान की गई है तथा ऐसे निजी चिकित्सालय जिन्हें कोविड-19 के उपचार हेतु चिन्हित, अधिकृत , अनुमत किया गया है, को निर्देशित किया गया है कि वे अपने चिकित्सा संस्थान में आने वाले कोविड-19 के मरीजों का अपने सामाजिक, मानवीय एवं नैतिक दायित्वों के अधीन समुचित उपचार करें तथा उन्हें अन्य किसी चिकित्सालय में जाने के लिये बाध्य, प्रेरित न करें। 
जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते ने बताया कि राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी चिकित्सालयों द्वारा उनके अस्पताल में उपचार हेतु आने वाले कोविड-19 के मरीजों की जांच तो की जा रही है, किन्तु उनके पोजिटिव पाये जाने पर उन्हें कोविड-19 के उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालयों में रेफर किया जा रहा है तथा कुछ निजी चिकित्सालयों द्वारा उनके अस्पतालों में उपचार हेतु आने वाले कोविड-19 के मरीजों से अनावश्यक राशि वसूली की जा रही है। जो वैश्विक महामारी के इस गंभीर दौर में अमानवीय होने के साथ ही अपने व्यावसायिक, सामाजिक, मानवीय एवं नैतिक दायित्वों से विमुख होना तथा मानवीय सर्वोच्च न्यायालय की भावना एवं राज्यादेशों की अवहेलना भी है। 
ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की धारा 4 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा सवाई मान सिंह मेडिकल काॅलेज, निजी मेडिकल काॅलेजों एवं निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श उपरांत आम नागरिकों के लिये राजस्थान के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के उपचार की दरें निर्धारित की गई है। जनरल वार्ड के लिये 2000 रूपयें तथा आईसीयू विद् वेंटिलेटर के लिये 4000 रूपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये है। इसमें बेड चार्ज भोजन, परामर्श शुल्क पीपीई किट और निगरानी, जांच जैसे सीबीसी, यूरिन रूटीन, सीरम क्रिएटिनिन, चेस्ट एक्स-रे, प्रक्रिया जैसे राईल ट्यूब सम्मिलन,  यूरिनेरी टरेक्ट कैथीटेराइजेशन, आईवी केनुला जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं।
कोरोन वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु तथा आमजन को आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में व्यापक लोकहित में ऐसे सभी चेरिटेबल ट्रस्ट एवं निजी संस्थान जिन्हें चिकित्सा संस्थानों की स्थापना एवं संचालन हेतु विभिन्न प्रकार की रियायतें एवं सुविधाएं प्रदान की गई है तथा ऐसे निजी चिकित्सालय जिन्हें कोविड-19 के उपचार हेतु चिन्हित, अधिकृत, अनुमत किया गया है, को पुनः निर्देशित किया गया है कि वे अपने चिकित्सा संस्थन में आने वाले कोविड-19 के मरीजों का निर्धारित दरों पर अपने सामाजिक, मानवीय एवं नैतिक दायित्वों के अधीन समुचित उपचार करें तथा उनहें अन्य किसी राजकीय चिकित्सालय में जाने के लिये बाध्य, प्रेरित न करें।

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