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मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 पर वीसी ली जीवन के साथ आजीविका बचाना भी जरूरी: गहलोत


प्लाज्मा थेरेपी की सफलता को देखते हुए आमजन से प्लाज्मा डोनेट करने का किया अनुरोध
श्रीगंगानगर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 पर बुधवार सायं वीसी के माध्यम से दिशा निर्देश जारी किए।
 मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि निरोगी राजस्थान का अभियान सरकार ने दिसंबर में प्रारंभ किया था, इसके बाद कोरोना अचानक से फैला परंतु पूरे राजस्थान में जनप्रतिनिधियों, धर्म गुरुओं से लेकर आम जनता तक ने अपने हर संभव प्रयास किए, जिससे कोरोना से बचाव में राजस्थान देश में अग्रणी रहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हर संभव प्रयास कर अपने सभी संसाधन जनता को दिए जिससे कोरोना को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी अस्पतालों में स्थिति अधिक चिंताजनक है व वहां बैड आदि की कमी आ रही है, परंतु राजस्थान में हमने निशुल्क दवाएं व अन्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जिन्हें आगे भी अच्छा रखा जाएगा।
 मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा कि पूरे देश में कोविड-19 रोगियों की संख्या बढ़ रही है, प्लाजमा थेरेपी, इंजेक्शन व अन्य साधन जो भी कोरोना से लड़ने में सक्षम है उन पर राज्य सरकार पूरा ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि प्लाजमा थेरेपी से ठीक हुए लोग आगे आएं तथा प्लाज्मा बैंक बनाया जाए, जिसके माध्यम से जब भी जरूरत पड़े इन रोगियों को प्लाज्मा उपलब्ध कराकर ठीक किया जा सके।
 मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने जागरूकता अभियान की तारीफ की तथा कहा कि इसे वर्तमान में और गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति भूखा ना सोए यह हमारा संकल्प है। जीवन के साथ आजीविका को बचाना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना एक खतरनाक महामारी है, इसे काबू में रखना अति आवश्यक है। राजस्थान में जागरूकता अभियान द्वारा ही इसे काबू में रखा जा सकता है।
 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ0 रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में स्थिति नियंत्रण में है। प्लाजमा थैरेपी से रिकवरी सौ प्रतिशत रही है। अतः प्लाज्मा थैरेपी ज्यादा जगह शुरु की जाए, ऐसे प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा मोटिवेट किया जाए ताकि वे प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि क्वांरेंटीन सेंटर्स में जो कमियां आ रही है उन्हें सुधारा जाए तथा रोगियों की मानसिकता सही रहे इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए।
 मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि सभी जिलों में सजगता बरतें व जहां केस बढ़ रहे हों उसके हिसाब से जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग आदि को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में आगंतुकों की प्रभावी माॅनिटरिंग और प्रबंधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय सीमाओं पर निगरानी और चैकसी कड़ी की जा रही है, ताकि स्क्रीनिंग कर ही लोग एक से दूसरी सीमा में प्रवेश कर सकें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मित्रों को जल्द से जल्द एक्टिव करें व 15 दिनों तक गुणवत्ता निश्चित कर सभी जिला कलेक्टर सीएमएचओ के साथ मिलकर इस ट्रेनिंग को संपन्न करवाएं।
 उन्होंने कहा कि कोरोना रोगी मेडिकल इंस्टिट्यूशन में टेस्टिंग के लिए स्वयं आगे आएं व सरकारी मशीनरी को अधिक एक्टिव किया जाए जिससे कोरोना ना बढ़े। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाने का कार्य सुचारू रूप से नहीं कर रहे हैं, उनमें जागरूकता फैलाना अति आवश्यक है। इसके लिए विकास अधिकारियों, तहसीलदारों के साथ-साथ ग्रामसेवक व पटवारियों को भी पाबंद कर उन्हें कार्य सौंपा जाए।
 मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर व प्रतापगढ़ जिला कलक्टर से बातचीत की व जिलों में कोरोना संबंधी वस्तुस्थिति की जानकरी ली तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
 सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त श्री महेंद्र सोनी ने बताया कि सोशल मीडिया, होर्डिंग, प्रदर्शनी व पोस्टर बैनर तथा अन्य नवाचारों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया है, जो बेहद सफल रहा है, आगे भी इसके माध्यम से जनता में जागरूकता फैलाई जाएगी।
 वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में जिला कलेक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) डाॅ0 गुंजन सोनी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (सिटी) श्री अरविन्द जाखड़, पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यंत, सीएमएचओ डाॅ0 गिरधारी लाल मेहरड़ा, पीएमओ डाॅ0 के.एस. कामरा सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 

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