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कहने को मकान, लेकिन मकान जैसी बात नहीं सेवादारो ने मकान बनाने का लिया निर्णय



अब सेवादार आपसी सहयोग से खण्डहरनुमा मकान को बनाएंगे सभी सुविधाओं युक्त घर।
कार सेवा कर शुरू किया मकान का निर्माण कार्य।
श्रीगंगानगर, तस्वीर में दिखाई दे रहे युवक ना तो श्रमिक  हैं और ना ही हैं मकान के मालिक, बल्कि हैं सिख स्टूडैंट फैडरेशन राजस्थान व गुरद्वारा बाबा दीप सिंह जी शहीद के सेवादार, जिन्होंने जरूरततमंद परिवार के खण्डहरनुमा मकान को तोड़कर सभी सुविधाओं से युक्त मकान बनाकर देने का प्रण लिया है और इसी प्रण के तहत रविवार को अवकाश के दिन सेवादारों ने कार सेवा कर मकान निर्माण की शुरूआत की। मकान बनाकर देने के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है।  'कोरोना काल में, यानी 20 मार्च से गुरूद्वारा और फैडरेशन के सेवादार राहत और बचाव कार्यों में बिना रुके, बिना थके जुटे हुए हैं। सेवादारों में छोटी उम्र का हरजोत भी पहले दिन से राहत और बचाव कार्यों में जी-जान से जुटा हुआ है।बहुत ही खुद्दार लड़का है। एक दिन कुछ सेवादार सेतिया कॉलोनी स्थित हरजोत के घर गये, तो मकान के हालात देखकर हक्के बक्के रह गए। मात्र 10 गुण 20 साइज का मकान और वो भी पूरी तरह से खण्डहर। यूं कहें कि वह कहने को ही मकान था, जबकि मकान वाली बात नहीं थी, क्योंकि जगह-जगह दरारें, यहां तक कि छत से भी सरिये बाहर को निकले हुए थे। यह मकान सुरक्षित भी नहीं था। यह देखकर सेवादारों ने तय किया कि खण्डहरनुमा मकान को तोड़कर नए सिरे से सभी सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा। 'हरजोत इतना स्वाभिमानी है, कि उसने अपने घर की, परिवार की स्थिति की किसी को भनक तक नहीं लगने दी और ना ही कभी किसी को अपनी तकलीफों के बारे में बताया। मकान की हालत तो खराब थी ही, साथ में आर्थिक स्थिति में बेहद कमजोर थी। घर में हरजोत, उसकी मां व उसके दो छोटे भाई-बहन है। पिता का साया दस साल पहले ही हरजोत के सिर से उठ गया था। मां है, जो लोगों के यहां काम कर घर को चला रही है। इस तरह की स्थिति को देखने के बाद सेवादारों ने तय किया कि जिस मकान में हरजोत अपनी मां व भाई-बहनों के साथ रह रहा है, उस मकान को पहले तोड़ा जायेगा और फिर नए सिरे से सभी सुविधाओं से युक्त मकान बनाया जायेगा। इसके तहत आज सुबह सेवादारों ने आज अरदास के बाद कार सेवा कर मकान निर्माण की शुरूआत की। मकान निर्माण के लिए किसी से भी आर्थिक सहयोग की अपील-आग्रह नही किया गया। जिसको भी इस नेक सेवा के बारे में पता चला, वह खुद ही किसी ना किसी रूप में सेवा के लिए आगे आ रहा है। बस एक प्रयास है सेवादारों का कि जहां तक हो सके अपना मानव फ़र्ज़ निभाये कुछ बेहतर कर सकें।उठाये कस्सी फावड़े और जुट गए सेवा में ।हॉस्पिटल लंगर सेवा भी लगातार चल रही है।बस सेवा ही मिशन लिए वीर हरप्रीत सिंह बबलू,कुलविन्द्र सिंह राजू, गुरप्रीत सिंह सिद्धू, लवप्रीत सिंह बराड़, अर्शदीप सिंह, सुखदेव सिंह पंछी, संदीप सिंह सोना, अवतार सिहं तारी, गोपी सरपंच मिर्जेवाला, गुरप्रीत सिहं मठाड़ू, जसविन्द्र सिंह गोंडर, बिंदू सिंह सहित अन्य सेवादार जुटे हुए है गुरुनानक साहिब के मिशन के अनुरूप , जिन्होंने तपती गर्मी में घण्टों तक सेवा कर पसीना बहाया। सेवादारों का प्रयास है कि जल्द से जल्द यह मकान बनकर तैयार हो, इसके लिए सेवादार जी-जान से जुटे हुए हैं।बस रब की मेहर और संगत की असीस चाहए।

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