इंदिरा र
श्रीगंगानगरए । राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने रविवार दोपहर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा के लिए वीसी ली। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 20 अगस्त से प्रारंभ होने वाली इंदिरा रसोई योजना की जानकारी भी दी। श्री गहलोत ने कहा कि यह योजना मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दानदाताओं, भामाशाहों द्वारा कोविड-19 के दौरान आमजन की बहुत मदद की है, राज्य सरकार द्वारा स्थायी कैंटीन्स बनाई जाकर यह योजना चलाई जाएगी। इससे छोटे दुकानदार, निम्न वर्ग व निम्न मध्यम वर्ग को बहुत मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बीकानेर, दौसा, नागौर, पाली, उदयपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर व झालावाड़ के डीएसओ से बात की। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के दौरान डीएसओ की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि संकट के वक्त आमजन को अधिक से अधिक सहायता की जरूरत है और कोई भी गरीब भूखा ना सो, तथा जनता की शिकायतों का निवारण तुरंत किया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा ली गई वीसी का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन एवं क्रियान्वयन, कोविड-19 में किए गए कार्य, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद एवं खाद्य आपूर्ति निगम संबंधी कार्य की समीक्षा करना था।
एन एफ एस ए में वित्तीय वर्ष 2019 में 603.29 करोड़ का व्यय हुआ। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 31 जुलाई 2020 तक 430 करोड का व्यय हो चुका है, रेगुलर स्कीम पर 131 करोड खर्च किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के तहत क्रय किए गए गेहूं पर व्यय 70 करोड़ का हुआ है। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दौरान गेहूं का निशुल्क वितरण करने पर रूपयें 76 करोड़ खर्च किए गए तथा अतिरिक्त गेहूं व चने के वितरण पर 153 करोड का व्यय किया जा चुका है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर भारत सरकार के निर्धारण अनुसार अधिकतम लाभार्थी सीलिंग 4.46 करोड़ है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा योजना में लगभग 4.92 करोड़ लाभार्थी हैं। जनवरी 2019 से 46 लाख नए लाभार्थियों का चयन किया गया व 11 लाख लाभार्थी हटाए गए हैं।
कोविड-19 में माह अप्रैल से जुलाई 2020 में गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में दोगुना किया गया। कोविड-19 में गेहूं का निशुल्क वितरण राज्य सरकार द्वारा 114 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि वहन की गई, लगभग 8.93 करोड़ ड्राय राशन पैकेट एवं पकी हुई खाद्य सामग्री का जिला प्रशासन द्वारा वितरण किया गया। लगभग 50 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा डोर टू डोर राशन का वितरण किया गया। वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के सभी लाभार्थियों की आधार सीडिंग 4.92 करोड़ भारतीयों में से 3.35 करोड लाभार्थियों की आधार सीडिंग 37 लाख लाभार्थियों की सीडिंग जनाधार से शेष 1.20 करोड़ लाभार्थियों की आधार सीडिंग 31 दिसंबर 2020 तक पूर्ण की जाएगी और उचित मूल्य की दुकानों को पोस मशीनों से जोड़ा जाएगा।
एएवाईए बीपीएल राज्य बीपीएल परिवारों को राज्य सरकार द्वारा रूपये 1 प्रति किलो की दर से गेहूं वितरण किया जा रहा है राज्य सरकार द्वारा 151 करोड़ रुपयें की राशि मार्च 2019 से जुलाई 2020 तक खर्च की गई। गेहूं का उठाव एक माह में पूरा कर लिया जाता हैए पूर्व में इस कार्य को 2 माह का समय लगता था। राजस्थान ने अन्य राज्यों के साथ इंटरस्टेट पोर्टेबिलिटी लागू की है। मृतक आश्रितों को 345 उचित मूल्य दुकानों का आवंटन किया गया। प्रवासी व्यक्तियों एवं अन्य श्रेणी विशेष श्रेणी को खाद्यान्न सहायता के लिए किया जा रहा दूसरा सर्वे 15 अगस्त 2020 तक समाप्त किया जाएगा। प्रथम सर्वे से वंचित बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए 22 जुलाई 2020 से ही पंजीयन प्रारंभ किया गया है 1 अगस्त 2020 तक 2.44 लाख परिवारों के 9.14 लाख व्यक्तियों द्वारा पंजीयन कराया जा चुका है।
मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि जिला कलेक्टर स्थाई स्थान व संस्था का चयन व फर्नीचर की व्यवस्था कर लें ताकि 20 अगस्त को सभी जिलों में योजना प्रारंभ की जा सके। उन्होनेे कहा कि सभी जिला कलेक्टर आवश्यक रूप से अपने-अपने जिलों में आधार सीडिंग का कार्य 31 दिसंबर 2020 तक शत-प्रतिशत कर लें।
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव श्री हेमन्त गेरा व अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों सहित श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर सिटी श्री अरविन्द जाखड़, डीएसओ श्री राकेश सोनी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बीकानेर, दौसा, नागौर, पाली, उदयपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर व झालावाड़ के डीएसओ से बात की। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के दौरान डीएसओ की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि संकट के वक्त आमजन को अधिक से अधिक सहायता की जरूरत है और कोई भी गरीब भूखा ना सो, तथा जनता की शिकायतों का निवारण तुरंत किया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा ली गई वीसी का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन एवं क्रियान्वयन, कोविड-19 में किए गए कार्य, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद एवं खाद्य आपूर्ति निगम संबंधी कार्य की समीक्षा करना था।
एन एफ एस ए में वित्तीय वर्ष 2019 में 603.29 करोड़ का व्यय हुआ। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 31 जुलाई 2020 तक 430 करोड का व्यय हो चुका है, रेगुलर स्कीम पर 131 करोड खर्च किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के तहत क्रय किए गए गेहूं पर व्यय 70 करोड़ का हुआ है। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दौरान गेहूं का निशुल्क वितरण करने पर रूपयें 76 करोड़ खर्च किए गए तथा अतिरिक्त गेहूं व चने के वितरण पर 153 करोड का व्यय किया जा चुका है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर भारत सरकार के निर्धारण अनुसार अधिकतम लाभार्थी सीलिंग 4.46 करोड़ है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा योजना में लगभग 4.92 करोड़ लाभार्थी हैं। जनवरी 2019 से 46 लाख नए लाभार्थियों का चयन किया गया व 11 लाख लाभार्थी हटाए गए हैं।
कोविड-19 में माह अप्रैल से जुलाई 2020 में गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में दोगुना किया गया। कोविड-19 में गेहूं का निशुल्क वितरण राज्य सरकार द्वारा 114 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि वहन की गई, लगभग 8.93 करोड़ ड्राय राशन पैकेट एवं पकी हुई खाद्य सामग्री का जिला प्रशासन द्वारा वितरण किया गया। लगभग 50 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा डोर टू डोर राशन का वितरण किया गया। वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के सभी लाभार्थियों की आधार सीडिंग 4.92 करोड़ भारतीयों में से 3.35 करोड लाभार्थियों की आधार सीडिंग 37 लाख लाभार्थियों की सीडिंग जनाधार से शेष 1.20 करोड़ लाभार्थियों की आधार सीडिंग 31 दिसंबर 2020 तक पूर्ण की जाएगी और उचित मूल्य की दुकानों को पोस मशीनों से जोड़ा जाएगा।
एएवाईए बीपीएल राज्य बीपीएल परिवारों को राज्य सरकार द्वारा रूपये 1 प्रति किलो की दर से गेहूं वितरण किया जा रहा है राज्य सरकार द्वारा 151 करोड़ रुपयें की राशि मार्च 2019 से जुलाई 2020 तक खर्च की गई। गेहूं का उठाव एक माह में पूरा कर लिया जाता हैए पूर्व में इस कार्य को 2 माह का समय लगता था। राजस्थान ने अन्य राज्यों के साथ इंटरस्टेट पोर्टेबिलिटी लागू की है। मृतक आश्रितों को 345 उचित मूल्य दुकानों का आवंटन किया गया। प्रवासी व्यक्तियों एवं अन्य श्रेणी विशेष श्रेणी को खाद्यान्न सहायता के लिए किया जा रहा दूसरा सर्वे 15 अगस्त 2020 तक समाप्त किया जाएगा। प्रथम सर्वे से वंचित बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए 22 जुलाई 2020 से ही पंजीयन प्रारंभ किया गया है 1 अगस्त 2020 तक 2.44 लाख परिवारों के 9.14 लाख व्यक्तियों द्वारा पंजीयन कराया जा चुका है।
मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि जिला कलेक्टर स्थाई स्थान व संस्था का चयन व फर्नीचर की व्यवस्था कर लें ताकि 20 अगस्त को सभी जिलों में योजना प्रारंभ की जा सके। उन्होनेे कहा कि सभी जिला कलेक्टर आवश्यक रूप से अपने-अपने जिलों में आधार सीडिंग का कार्य 31 दिसंबर 2020 तक शत-प्रतिशत कर लें।
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव श्री हेमन्त गेरा व अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों सहित श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर सिटी श्री अरविन्द जाखड़, डीएसओ श्री राकेश सोनी उपस्थित रहे।
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