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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनांतर्गत केन्द्रीय सहायता

 आत्मनिर्भर भारत पैकेज


श्रीगंगानगर, 18 अगस्त। राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज अनुसार प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनांतर्गत केन्द्रीय सहायता में संचालित होने वाली विभिन्न योजनाओं के प्रोजेक्ट सेल्फस तैयार करने हेतु मत्स्य क्षेत्र में निजी क्षेत्र के इच्छुक व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियों, फर्मों से प्रस्ताव आमंत्रित किये जाते है। 
जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने बताया कि इस योजना में सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग, महिलाओं एवं संस्थाओं को भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाईडलाईन अनुसार वित्तीय अनुदान देय होगा। मुख्य मत्स्य योजनाओं में मत्स्य पोण्ड निर्माण, मत्स्य केज कल्चर, खारा पानी झींगा पालन पौन्ड निर्माण, मत्स्य बीज हैचरी/ फार्म, मत्स्य बीज उत्पादन यूनिट निर्माण (2 हैक्टर), मत्स्य विपणन हेतु आधारभूत सुविधाएं (दुकान, मार्केट, मत्स्य परिवहन सुविधाएं ), आईस फैक्ट्री, मत्स्य फीड मिल स्थापना, मत्स्य प्रसंस्करण, नवाचार योजनाएं (आरएएस, बायफ्लाक आदि) तथा मत्स्य प्रशिक्षण (तीन दिवसीय) शामिल है। 
इसके अतिरिक्त भारत सरकार की अन्य मत्स्य योजना, मत्स्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास फण्ड (एफ.आई.डी.एफ) के तहत नियमानुसार बैंक ऋण लेकर ब्याज अनुदान की योजना का लाभ लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना तथा मत्स्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास फण्ड (एफ.आई.डी.एफ) योजना के अंतर्गत किसी एक प्रोजेक्ट में एक ही योजना का लाभ ही लिया जा सकता है। 
योजनाओं की विस्तृत जानकारी संबंधित जिला मत्स्य कार्यालयों तथा विभागीय वेबसाईट www.fisheries.rajasthan.gov.in, राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद, (एनएफडीबी) की वेबवाईटwww.nfdb.gov.in  , भारत सरकार की वेबसाईटwww.dof.gov.in  एवं जनसम्पर्क विभाग की वेबसाईटwww.diprrajasthan.gov.in से प्राप्त की जा सकती है तथा इच्छुक व्यक्ति, फर्म पहले आओ पहले  पाओ के आधार पर संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय से सम्पर्क कर योजना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर अपने आवेदन पत्र मय प्रोजेक्ट रिपोर्ट व दस्तावेज संबंधित मत्स्य कार्यालय में जमा करवाकर नियमानुसार योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है। 

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