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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 5 से 11 अक्टूबर तक

 श्रीगंगानगर। कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण और बौद्धिक विकास पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। निश्चित समायंतराल पर कृमि मुक्त(डिवर्मिंग) करने से कृमि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। राज्य में कोविड-19 महामारी को नियंत्राण हेतु राज्य सरकार के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को कृमिमुक्त करने हेतु जिले में 5 से 11 अक्टूबर 2020 तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। 

जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम प्रथम पंक्ति कार्यकर्ताओं (एएनएम, आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ता) द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों (शहरी एवं ग्रामीण), उप स्वास्थ्य केन्द्रों एंव शहरी क्षेत्र में अरबन पीएचसी के माध्यम से 1-19 वर्ष के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजाॅल की दवा खिलाई जायेगी। कार्यक्रम की मानक संचालन प्रक्रिया राज्य स्तर से निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार कार्यक्रम के संचालन के विस्तृत दिशा निर्देशों की पालना की जानी है। कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की प्रतिकूल घटना के समाधान व प्रबंधन हेतु प्रत्येक चिकित्सा संस्थान (सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी, एसडीएच, डीएच) में एडवर्स इवेंट रेस्पोंस मैनेजमेंट टीम का गठन किया जाये, साथ ही 108 को तैयार रखा जाये।
कम्युनिटि मोबलाईजेशन हेतु आशा द्वारा माईक्रोप्लान तैयार किया जाना है, एवं कार्यक्रम के दौरान आशा द्वारा 1-19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को मोबिलाईज किया जाये एवं मोबिलाईजेशन हेतु प्रेरित किया जायेगा। रिपोर्टिंग प्रपत्रों का मुद्रण व वितरण तथा एल्बेंडाजाॅल गोलियों का समुचित मात्रा में आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को वितरण सितम्बर माह में ही किया जाये। एनडीडी कार्यक्रम की आईईसी गतिविधि हेतु कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए डिजीटल माध्यम (फेसबुक, वाॅट्सअप, ट्वीटर) व टीवी, रेडियों, न्यूजपेपर से की जानी चाहिए एवं प्रशिक्षण भी वर्चुअल माध्यम से किया जाये। 
एनडीडी कार्यक्रम के क्रियान्वयन में कोविड-19 के समस्त दिशा निर्देशों एवं सुरक्षा उपयों की पालना की जायेगी। कन्टेंमेंट जोन व कोविड पाॅजिटिव घरों में कार्यक्रम का आयोजन कन्टेंमेंट क्षेत्र मुक्त होने के पश्चात ही किया जायेगा। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग व अन्य सहयोगी विभागों, संगठनों(पंचायती राज, नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर और स्काउट एवं गाइड) के अधिकारियों को सम्मिलित किया जाये। 
उन्होंने बताया कि 1 से 2 वर्ष तक के बच्चें आधी गोली को पूरी तरह चम्मच में चूर कर स्वच्छ पानी में मिलाकर ही चम्मच से पिलाना, 2 से 3 वर्ष तक के बच्चे एक पूरी गोली(चूरकर पानी के साथ) तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चे पूरी एक गोली (चबाकर पानी के साथ) खिलाई जायेगी। 
मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम में सभी के सहयोग से हम 1-19 वर्ष के सभी बच्चों तक पहुंचने में सफल होंगे तथा इन सभी बच्चों को कृमि मुक्ति कर बेहतर स्वास्थ्य और शैक्षणिक परिणाम से उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकेंगे। 

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