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गांवों में तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तीसरे चरण में खर्च होंगे 28 करोड़ 84 लाख रुपए

 गांवों में तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तीसरे चरण में खर्च होंगे 28 करोड़ 84 लाख रुपए

 तीसरे चरण में 85 गांवों के लिए डीपीआर का हुआ अनुमोदन

साप्ताहिक समीक्षा बैठक भी आयोजित

निराश्रित पशु पकड़ने की गति बढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर ने निगम को दिए निर्देश

बीकानेर ,22 फरवरी। तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए तीसरे चरण में जिले के 85 गांवों पर 28 करोड़ 84 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे।

जिला कलेक्टर नमित मेहता ने सोमवार को आयोजित बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रथम चरण के शेष रहे 25 ग्रामों  तथा दूसरे चरण के 20 गांवों सहित कुल 130 गांव के लिए डीपीआर का अनुमोदन किया ।

जिला कलेक्टर ने बताया कि तीसरे चरण के लिए अनुमोदित 85 गांवों में  3 लाख 68000 से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा। मेहता ने बताया कि इस योजना के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए तीसरे चरण में 14 करोड़ 97 लाख तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 13 करोड़ 87 लाख रुपए खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के 20 गांव के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर तीन करोड़ 54 लाख तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर दो करोड़ 37 लाख रुपए तथा प्रथम चरण के शेष रहे 25 गांव के लिए 9 करोड़ 95 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। मेहता ने बताया कि इसके तहत सार्वजनिक कचरा पात्र, सामुदायिक खाद नैडेप, मैजिक पिट, नाली निर्माण जैसे कार्य संपादित करवाए जाएंगे।


प्रतिदिन पकड़ंे कम से कम 100 निराश्रित पशु

जिला कलेक्टर मेहता ने साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कहा कि नगर निगम शहर में निराश्रित पशुओं को पकड़ने की गति बढ़ाएं और प्रतिदिन कम से कम 100 ऐसे जानवर पकड़कर गौशालाओं में छोड़े जाए। इस संबंध में हो रही कार्यवाही की प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। खुले सीवरेज चेंबर बंद करने की कार्रवाई की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि  अधिकारी अपने भ्रमण के दौरान यदि ऐसे  चेंबर खुले पाते हैं तो इसकी सूचना नगर विकास न्यास या निगम को उपलब्ध करवाएं, जिससे ऐसे सभी चेंबर को समय पर बंद करवाया जा सके ।

क्षतिग्रस्त वल्लभ गार्डन पुलिया का रास्ता रहे बंद

मेहता ने कहा कि वल्लभ गार्डन क्षेत्र में जो पुलिया क्षतिग्रस्त हुआ है उसके पास से दुपहिया वाहन ना गुजरे इसके लिए नगर विकास न्यास स्थाई रूप से इस रास्ते को तब तक के लिए बंद करवाएं जब तक की पुलिया का निर्माण ना हो जाए।

जिला कलेक्टर नमित मेहता ने नहरबंदी प्लान, दूषित पेयजल, पेयजल आपूर्ति की समीक्षा की और कहा कि शोभासर और बीछवाल में बनने वाले जलाशय के भूमि आवंटन से संबंधित जो कार्य बाकी है उसके संबंध में भी नगर विकास न्यास उच्च स्तर पर रिपोर्ट भिजवाएं।

ढीले तार कसवाने के लिए अभियान चलाकर हो कार्रवाई

जिला कलेक्टर ने कहा कि जन सुनवाई के दौरान कई गांवों में यह शिकायत नियमित रूप से मिलती है कि उनके क्षेत्र में बिजली के तार ढीले होने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसके मद्देनजर डिस्कॉम यह सुनिश्चित करें कि एक अभियान चलाकर समस्त गांव में ढीले पड़े तार करवाने की कार्रवाई की जाए। यदि इसके बावजूद यदि ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित कनिष्ठ अभियंता या सहायक अभियंता की जिम्मेदारी तय होगी। साप्ताहिक आधार पर इस संबंध में रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें।

सिलिकोसिस पीड़ित के भौतिक सत्यापन का काम नहीं रहे बकाया

जिला कलेक्टर में सिलिकोसिस प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि भौतिक सत्यापन के स्तर पर जो भी प्रकरण लंबित हैं उनकी कार्रवाई में तेजी लाते हुए समय पर भुगतान करवाना सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि अब तक सिलिकोसिस के 63 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 32 प्रकरणों में भुगतान किया जा चुका है। बैठक में बताया गया कि पांच प्रकरण सत्यापन के स्तर पर लंबित है जिला कलेक्टर ने बकाया प्रकरणों के भौतिक सत्यापन के कार्य में तेजी लाते हुए संबंधित को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।

जिला कलेक्टर ने 15 सूत्री और 20 सूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा भी की और कहा कि निर्धारित लक्ष्यों में से यदि कुछ लक्ष्य जरूरत के अनुसार कम करवाने की आवश्यकता है तो संबंधित स्तर पर इसके लिए प्रस्ताव भी जाएं और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यवाही में सभी विभाग तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि उच्च प्राथमिक स्तर के 10 मदरसे चालू हो गए हैं इन मदरसों में भौतिक सत्यापन की कार्रवाई करते हुए पोषाहार देने का काम भी शीघ्र शुरू हो।

सार्वजनिक निर्माण विभाग के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि पेचवर्क के काम में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें तथा सर्दी के कारण जो काम रूके हुए थे उन्हें शीघ्र अति शीघ्र चालू किया जाए।


अधिकारी स्वयं करें लॉगइन

संपर्क पोर्टल की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि ऐसी शिकायतें बहुत अधिक मिल रही है कि अधिकारी स्वयं लॉगइन नहीं करते हैं इसे लापरवाही की श्रेणी में माना जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं अपने यूजर आईडी लॉगिन करें और अपने स्तर पर जो भी प्रकरण बकाया है उन्हें तुरंत प्रभाव से निस्तारित करवाया जाए। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम तथा सुनवाई के अधिकार अधिनियम के तहत अधिक से अधिक प्रकरण दर्ज करते हुए इस संबंध में विस्तृत सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अधिकारी अपने विभाग में रिव्यू करें और शिकायतें बढ़ने के कारण तलाशते हुए इस संबंध में शिकायत निवारण तंत्र विकसित करें। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर(प्रशासन) बलदेव राम धोजक, नगर विकास न्यास सचिव नरेंद्र सिंह राजपुरोहित, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश, जिला रसद अधिकारी यशवंत भाकर सहित पानी, बिजली, सड़क सहित विभिन्न विभागों के  अधिकारी उपस्थित रहे

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