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लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा सांसद श्री निहाल चन्द ने बजट को आत्मनिर्भर भारत के लिए समर्पित बताया

 केन्द्रीय बजट 2021-22


बजट में किन्नू प्रोसेसिंग प्लांट व गाजर मंडी बनाये जाने की मांग रखी
श्रीगंगानगर,। भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए कोरोना महामारी के बाद इस दशक का पहला बजट पेश किया गया और कल से संसद में इस पर सामान्य चर्चा चल रही है। इस चर्चा पर लोकसभा सांसद श्री निहाल चन्द ने भी अपने विचार सदन के समक्ष रखे। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी व कोरोना महामारी की मार के दौरान वित्त मंत्री ने देश को एक मजबूत व साहसिक बजट दिया है। इस बजट के माध्यम से उन्होंने देश व दुनिया को सन्देश दिया है कि ‘स्वस्थ भारत‘ और ‘मजबूत बुनियाद‘ पर ही हमारा देश आगे बढ़ेगा ।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार एक नए भारत के निर्माण हेतु प्रयासरत है, पिछले 06 वर्षों का सफल कार्यकाल इसका प्रमाण है। इस प्रयास की देश ही नहीं, बल्कि दुनिया ने भी प्रशंसा की हैं। वित्त मंत्राी ने इस बजट में ग्रामीण विकास, स्वच्छता, साफ जल, पर्यावरण व जलवायु को प्रदुषण मुक्त करने, गरीब व पिछड़े तबके के सर्वागींण विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आदि पर विशेष ध्यान दिया है।
वित्त मंत्री के द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए कुल 34 लाख 83 हजार 236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है। यह बजट 6 स्तंभों स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन पर केन्द्रित है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए 2 लाख 23 हजार 846 करोड़ रूपए का प्रावधान, वर्ष 2021-22 में कोविड-19 टीकाकरण हेतु 35 हजार करोड़ रूपए किया है।
उन्होंने बताया कि अगले 05 वर्षों में शहरी जल जीवन मिशन के लिये 2 लाख 87 हजार करोड़ रूपए, रेलवे के लिए कुल 1 लाख 10 हजार करोड़ रूपए का आवंटन, दिसम्बर, 2023 तक देश के सभी ब्रौड़गेज लाइन को विधुतीकरण करने के लक्ष्य रखा है।
सड़क व राजमार्ग के तेजी से विकास करने हेतु अब तक का सर्वाधिक कुल 1 लाख 81 हजार रूपए का बजटीय आवंटन किया है। 3.3 लाख करोड़ रूपए भारतमाला परियोजना की लंबित सड़कों के निर्माण हेतु, जिसके अंतर्गत 8500 किमी. सड़कों का निर्माण मार्च 2022 तक करने का लक्ष्य है। 11000 किमी. के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण भी मार्च 22 तक करने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 65 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2018 से शुरू इस योजना के अंतर्गत अभी तक देश के लगभग 11 करोड़ किसानों को 95 हजार करोड़ रूपए की राशि जारी हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 15 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान है। पीएमजीएसवाई-तृतीय के अंतर्गत श्रीगंगानगर में लगभग 45 करोड़ 66 लाख रु. की 98 किमी. सड़कों व हनुमानगढ़ में 41 करोड़ 16 लाख रु. की 108 किमी. सड़कों के निर्माण की स्वीकृति हुई है।
देश में लगभग 11 करोड़ 70 लाख साॅयल हेल्थ कार्ड वितरित किये जा चुके है। देश में 3887 कुल टेस्टिंग लैब (राजस्थान में कुल 203 - गंगानगर में 11 व हनुमानगढ़ में 07) 8752 मिनी टेस्टिंग लैब। श्रीगंगानगर जिले में अब तक 4 लाख 90 हजार 377 व हनुमानगढ़ जिले में 6 लाख 98 हजार 309 साॅयल हेल्थ कार्ड वितरित किये जा चुके है। अनुसूचित जाति के कल्याण हेतु पोस्ट मैट्रिक छात्रावृति योजना को पुनः प्रारंभ किया जाएगा। अगले 6 वर्षों के लिए 35 हजार 219 करोड़ रूपए का प्रावधान है, जिससे 4 करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ होगा।
पिछले 06 वर्षों में सरकार ने देश के गांव, गरीब, समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया और एक नए भारत के निर्माण की ओर अग्रसर है। इस बजट में उनके द्वारा सभी वर्गों को साधा गया है। इस बजट के माध्यम से बेहतर भारत बनाने की कोशिश की गई है। इस बजट के द्वारा अगले 5 साल के लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है और योजनाबद्ध तरीके से उनको पूरा भी किया जाएगा। इसमें ग्रामीण भारत और शहरी भारत दोनों का पूरा ख्याल रखा गया है।
सांसद श्री निहालचंद ने चर्चा के दौरान केंद्र सरकार का ध्यान किन्नू व गाजर पर नारियल की भांति एमएसपी तय किये जाने का अनुरोध किया और यहाँ एक किन्नू प्रोसेसिंग प्लांट व गाजर मंडी बनाने जाने की मांग की। विदित हो कि क्षेत्रा में 11 हजार हेक्टैयर भूमि पर लगभग 3 लाख 70 हजार मैट्रिक टन किन्नू व 915 हेक्टैयर भूमि पर गाजर का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
सांसद ने पंजाब द्वारा राजस्थान प्रदेश को पूरा और स्वच्छ पानी देने की मांग भी संसद में उठाई और हनुमानगढ़ में लम्बे समय से बंद पड़े तेल डिपो को भी फिर बहाल करने व प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की दामों को सामान्य करने हेतु भी मांग उठाई। 

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