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प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया

 श्रीगंगानगर। पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ द्वारा 3 अप्रैल 2021 को डेयरी पशुओं में उत्पादन प्रबंधन एवं संतुलित आहार विषय पर आॅनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी अधिकारी डाॅ0 राजकुमार बेरवाल ने कहा कि देसी नस्ल की गायों जैसे साहिवाल, थारपारकर गिर, कांकरेज, राठी आदि की विशेषता व रखरखाव के बारे में विस्तार से बताया तथा संतुलित आहार बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी।

 डाॅ0 बेरवाल ने पशुओं में बांझपन होने के कारण व उसका निवारण कैसे करना चाहिए के बारे में बताया प्रशिक्षण शिविर में रोगों की रोकथाम टीकाकरण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा उन्नत नस्ल प्राप्त कर कैसे अधिक मुनाफा कमा सकते हैं के बारे में बताया तथा डेयरी पशुओं के प्रबंधन के साथ.साथ दूध के उत्पाद जैसे पनीर, मावा  आदि बनाने की विधि तथा इनका रखरखाव के बारे में विस्तार से बताया गया। डाॅ0 बेरवाल ने बताया कि अगर पशुओं को संतुलित आहार नहीं मिल पाता है, तो उसके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिससे पशु हिट में नहीं आता है और वह बांझपन का शिकार हो जाता है।
प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के डाॅ0 अनिल घोड़ेला ने अजोला हरे चारे को लगाने तथा खिलाने की विधि के बारे में जानकारी दी तथा साइलेज हरे चारे का अचार बनाने की विधि के बारे में विस्तार से बताया। डेयरी पशुओं में बांझपन की समस्या को बहुत भयंकर बताया तथा इससे बचाव के लिए पशुओं को समय-समय पर खनिज लवण तथा हर 3 महीने से कर्मी नाशक दवा देते रहने से बांझपन की समस्या से निजात मिल सकती है।  
शिविर में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय राजूवास बीकानेर के डाॅक्टर राजेश नेहरा ने पशु पालकों को आहार व्यवस्था के बारे में बताया। डाॅक्टर नेहरा ने आहार की कितनी मात्रा देनी चाहिए वह कब कब देनी चाहिए के बारे में विस्तार से बताया  पालकों की समस्याओं को पूछा गया तथा उनका समाधान किया गया शिविर में 20 पशु  पालकों ने भाग लिया। 

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