पशुओं को रोगों से बचाव की दी जानकारी
श्रीगंगानगर,। पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ द्वारा पशुओं में टीकाकरण तथा कर्मी नाशक दवाओं के महत्व विषय पर आॅनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्र के प्रभारी अधिकारी डाॅ. राजकुमार बेरवाल ने पशुओं में होने वाले भयंकर रोगों जैसे खुर पका-मुंहपका, लंगड़ा बुखार, गलघोटू आदि के लक्षण तथा इनसे पशुओं को बचाव के तरीके के बारे में विस्तार से बताया तथा इन भयंकर रोगों से पशुओं को बचाने के लिए टीकाकरण कब-कब करवाना चाहिए, की जानकारी दी। भेड़ तथा बकरियों में होने वाले रोगों जैसे फीड़किया, न्यूमोनिया आदि के लक्षण रोकथाम तथा उपचार के बारे में विस्तार से बताया। डाॅक्टर बेरवाल ने सूअरों में होने वाले रोगों जैसे स्वाइन फीवर आदि भयंकर रोगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के डाॅ. अनिल घोड़ेला ने पशुओं में कर्मी नाशक दवाओं के अभाव से होने वाले रोगों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पशु के शरीर में कीड़े होने पर पशु के उत्पादन में कमी आती है तथा पशु शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। डाॅ. घोड़ेला ने बताया कि प्रत्येक पशु को हर 3 महीने से कर्मी नाशक दवा देते रहने से पशु शरीर की 70 प्रतिशत बीमारी होने की आशंका कम हो जाती है। प्रशिक्षण शिविर में सभी पशुपालकों की समस्याओं को सुना गया तथा उनका समाधान किया गया।
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