- राजीव गांधी सेवा केन्द्र में चिरंजीवी पंजीयन कैम्प की देखीं व्यवस्थाएं
- चिकित्सा केन्द्र में आने वालों को ई-संजीवन ऐप की दी जाए जानकारी
हनुमानगढ़। चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों ने आज शुक्रवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र एवं चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने हनुमानगढ़ एवं एसीएमएचओ डॉ. पवन कुमार ने रावतसर में चिकित्सकीय कार्यों का निरीक्षण किया।
सीओ-आईईसी मनीष शर्मा ने बताया कि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों द्वारा निरंतर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर कमियों को दुरुस्त करने का अभियान जारी है। इसी क्रम में आज सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा व एसीएमएचओ डॉ. पवन कुमार ने चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया। डॉ. नवनीत शर्मा ने दौलतांवाली, बड़ोपल, किशनपुरा दीखनाधा, जाखड़ांवाली व अराइयांवाली में राजीव गांधी सेवा केन्द्र एवं चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में राज्य सरकार द्वारा संचालित चिरंजीवी योजना के चल रहे पंजीयन कैम्प की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने वहां जाकर पंजीयन की प्रक्रिया को जाना तथा वहां उपस्थित लोगों से बातचीत की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस चिरंजीवी योजना के बारे में अपने-अपने क्षेत्र में जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक लोगों का पंजीयन किया जा सके। उन्होंने सरपंचों से मिलकर आग्रह किया कि उनके क्षेत्र में आने वाले समस्त नागरिकों का चिरंजीवी योजना में पंजीयन करवाएं तथा कोविड वैक्सीनेशन आवश्यक रूप से करवाएं। चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन का जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सकीय स्टॉफ से ई-संजीवनी मोबाइल ऐप डाउनलोड करवा उसकी प्रक्रिया समझाई। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान में आने वाले प्रत्येक आमजन को ई-संजीवनी ऐप के बारे में बताया जाए तथा उसे इसका लाभ की जानकारी दी जाए। उन्होंने वहां कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को नियमित रूप से आईएचआईपी डाटा अपडेट करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर समस्त कार्यों की जांच कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
एसीएमएचओ डॉ. पवन कुमार ने रावतसर में कोविड वैक्सीनेशन की जांच की। उन्होंने चिकित्सकीय स्टॉफ को वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने वहां पर कोविड वैक्सीन, नि:शुल्क दवा योजना, नि:शुल्क जांच योजना, ओपीडी, लेबर रूम, संस्थागत प्रसव, मेडिकल बायोवेस्ट, चिकित्सा संस्थान की साफ सफाई, दवाइयों की जांच, मेडिकल उपकरणों की जांच व परिवार कल्याण सेवाओं के बारे में दिशा-निर्देश दिए।
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