खण्ड स्तर पर स्थापित होंगे कोविड कंसलटेशन सैण्टर ताकि कोविड संक्रमित मरीज के निवास के नजदीक ही मिल पाए उपचार
चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने वीडियो कांफ्रेसिंग में दिए निर्देशहनुमानगढ़,। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए विभाग के खण्ड कार्यालय के नजदीक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) को कोविड कंसलटेशनध्केयर सैण्टर के रूप में विकसित किया जाए। इस सैण्टर्स की स्थापना जिले में उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग एवं कोविड संक्रमण की प्रारम्भिक अवस्था में संक्रमित मरीज को उपचार उसके निवास के नजदीक ही दिए जाने के उद्देश्य से की जा रही है। इससे मरीजों के साथ-साथ ही जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग को भी राहत मिलेगी। चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने सोमवार प्रातरू 11 बजे निदेशालय से आयोजित वीडियो कांफ्रेसिंग (वीसी) में इस बाबत निर्देश दिए। जिला स्तर से वीसी में कोविड प्रभारी डॉ. रविशंकर शर्मा, एसीएमएचओ डॉ. पवन कुमार, समस्त बीसीएमओ एवं सीएचसी इंचार्ज उपस्थित थे।
चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि संक्रमित मरीजों की संख्या बढने से संभावित मरीजों को उनके घर के नजदीक ही उपचार एवं रोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जानी चाहिए ताकि यह कोविड संक्रमण का नाम सुनकर वे लोग भयभीत ना हो। खण्ड के नजदीक स्थित सीएचसी को कोविड कंसलटेशनध्केयर सैण्टर के रूप में विकसित किया जाए, ताकि संभावित मरीज वहां से जानकारी एवं उपचार ले सके। सैण्टर्स पर आवश्यकता के मुताबिक चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ की ड्यूटी लगाई जाए। सीएचसी पर स्थापित कुल बैड का पचास फीसदी कोविड रोगियों के उपचार के लिए अलग से वार्ड बनाकर किया जाए। कोरोना पॉजीटिव मरीज आते ही उसका समुचित उपचार शुरु किया जाए एवं आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। मरीज की मेडिकल स्थिति को देखते हए उसे कोविड कंसलटेशनध्केयर सैण्टर, डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर, डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर या डेडीकेटेड कोविड हॉस्पीटल में रैफर किया जाए।
वीसी में बताया गया कि समस्त जिलों में संक्रमित मरीजों की प्रारम्भिक अवस्था में पहचान कर इसकी रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जाए। इसमें विभाग के बीएलओ, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्दी, खासी व जुकाम के मरीजों की जानकारी एकत्र करेंगे। इनमें सामान्य बीमारी के मरीजों को उपचार की दवाओं की संबंधी किट बनाकर दी जाएगी। वे ऐसे मरीजों की जानकारी अपने निकटतम चिकित्सा संस्थान पर दी जाएंगी। अधिक गंभीर मरीज मिलने पर उसे तुरंत स्वास्थ्य उपचार दिया जाएगा। जिले में युवाओं को प्रोनिंग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जाए। उन्हें बताया जाए कि प्रोनिंग के अंतर्गत पेट के बल लेटकर ऑक्सीजन स्तर को सुधारने की प्रक्रिया से रोगी के ऑक्सीजन लेवल में वृद्धि होती है। प्रोनिंग के पम्फलेट्स बनाकर भी खण्ड स्तर पर वितरित करवाए जाएं ताकि लोग घर बैठे ही इसकी प्रक्रिया को जान सकें।
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