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घर-घर औषधि योजना के अंतर्गत आगामी 5 जुलाई से वन विभाग शुरू करेगा जिले में औषधिय पौधों का निशुल्क वितरण- जिला कलक्टर



घर-घर औषधि योजना के अंतर्गत जिले में प्रत्येक परिवार को आगामी पांच वर्षों में दिए जाएंगे, चार प्रकार के 24 औषधिय पौधे निशुल्क 

जिले में इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर जिला कलक्टर ने ली ज़िला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक

इस साल वन विभाग की 16 नर्सरियों में कुल 14 लाख 73 हजार 683 औषधिय पौधे हो रहे हैं तैयार

अगले पांच सालों में इन 16 नर्सरियों में कुल 88 लाख 42 हजार 99 ओषधिय पौधे किए जाएंगे तैयार    

हनुमानगढ़,। सरकार की बजट घोषणा 2021-22 के अंतर्गत वन विभाग की अति महत्वाकांक्षी योजना ''घर-घर औषधि योजना'' के अंतर्गत जिले में प्रत्येक परिवार को आगामी पांच वर्षों मेंं तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेध समेत चार प्रकार के औषधिय पौधों के कुल 24 पौध निशुल्क वितरित किए जाएंगे। जिले में योजना की क्रियान्विति को लेकर जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसकी पहली बैठक मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी 5 जुलाई से औषधिय पौधा का वितरण जिले में शुरू कर दिया जाए। बैठक में जिला कलक्टर ने वन विभाग के द्वारा उनकी 16 विभिन्न नर्सरियों में तैयार किए जा रहे औषधिय पौधों की स्थिति, वितरण स्थल, वितरण व्यवस्था, योजना का प्रचार प्रसार पर इत्यादि पर चर्चा करने के बाद कहा कि कोरोना जैसी महामारी के समय वैसे भी पौधे लगाने की सख्त जरूरत है। अभी जुलाई का महीना आ रहा है तो वैसे भी हम पार्क इत्यादि में अधिक से अधिक पौधे लगाकर प्रकृति को कुछ दे सकते हैं। साथ ही कहा कि घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन में ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कृषि समेत विभिन्न विभागों का सहयोग जरूरी है।  

क्या है वन विभाग की घर-घर औषधि योजना

                            बैठक में उपवन संरक्षक श्री करण सिंह काजला ने योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत जिले के प्रत्येक परिवार को आगामी पांच वर्षों में चार औषधिय पौधों के कुल 24 पौधे निशुल्क दिए जाने हैं। इस साल जिले के कुल 3 लाख 34 हजार 928 परिवारों ( वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार) में से आधे परिवारों यानि 1 लाख 67 हजार 464 परिवारों को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो पौधे यानि कुल 8 पौधे वितरित किए जाने हैं। अगले साल बचे हुए  1 लाख 67 हजार 464 परिवारों को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के दो-दो पौधे यानि कुल 8 पौधे वितरित किए जाएंगे। योजना के तीसरे वर्ष में जिले के सभी परिवारों को 8-8 पौधे दिए जाने हैं। उसके अगले दो सालों में फिर जिले के आधे परिवारों को एक साल और बचे हुए आधे परिवारों को अगले साल 8-8 पौधे दिए जाएंगे। इस साल 5 जुलाई से शुरू होने वाले औषधिय पौॆध वितरण के दौरान संबंधित परिवार के मुखिया को जन आधार कार्ड साथ लाना होगा। जन आधार कार्ड नहीं होने पर मुखिया का आधार कार्ड साथ लाना होगा। 5 जुलाई से पौध वितरण शुरू करके सितंबर तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा।
जिले में स्थित वन विभाग की नर्सरी
                              उपवन संरक्षक श्री करण सिंह काजला ने बताया कि जिले में वन विभाग की कुल 16  नर्सरी है जिसमें हनुमानगढ़ ब्लॉक में कोहला, मंडल कार्यालय और 128 आरडी एसडीबी, नोहर में थालड़का, रामगढ़ और सोनड़ी, भादरा में अजीतपुरा, डूंगराना और भादरा, पीलीबंगा में दोलतांवाली और 18 एसपीडी, रावतसर में साहवा लिफ्ट 4 किमी और साहवा लिफ्ट 10 किमी, संगरिया में संगरिया और टिब्बी में मसितावाली हैड पर ये नर्सरियां स्थित है।

इस साल ज़िले की सभी 16 नर्सरियों में कुल 14 लाख 73 हजार 683 औषधिय पौधे हो रहे हैं तैयार 

                           श्री काजला ने बताया कि जिले की इन सभी 16 नर्सरियों में इस साल के लक्ष्य से 10 प्रतिशत अतिरिक्त यानि कुल 14 लाख 73 हजार 683 पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इसको लेकर वन विभाग की ओऱ से प्रति पौधा 3 रूपए 30 पैसे के हिसाब से कुल 65.14 लाख का बजट का आवंटन कर दिया है। एक पौधे  वहीं अगले पांच सालों में इन 16 नर्सरियों में कुल 88 लाख 42 हजार 99 ओषधिय पौधे तैयार किए जाएंगे। 
योजना में सहयोग के लिए 20 विभाग किए गए हैं चिन्हित

                         श्री काजला ने बताया कि योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर जहां वन विभाग नोडल विभाग रहेगा। वहीं अन्य 20 विभागों का भी इसमें सहयोग लिया जाएगा। जिसमें आयुर्वेद व चिकित्सा, पर्यावरण, कृषि, स्वायत्त शासन, पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण विकास व पंचायतीराज, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, खेल, जल संसाधन, शिक्षा, उच्च शिक्षा, खनिज, पीएचईडी, संस्कृत, सूचना एवं जनसंपर्क, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, उद्योग, एनसीसी स्काउट व रसद विभाग शामिल हैं। 
घर-घर औषधि योजना का उद्देश्य

                          उपवन संरक्षक श्री काजला ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण व जीवन शैली में परिवर्तन जैसे कारणों से स्थानीय लोग अनेक प्रकार के रोगों से ग्रस्त होते रहते हैं। लिहाजा 5 वर्षों की इस योजना का मुख्य ध्येय आयुर्वेद व स्थानीय परंपरात ज्ञान व वनों में उपलब्ध  औषधियों को लोगों के घरों, खेतों व निजी जमीनों के समीप उगाने हेतु सहायता करने से राज्य के लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना है। इस योजना को जिले भर में अभियान के रूप में चलाया जाएगा। 

बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित


                        बैठक में जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल, सीईओ जिला परिषद श्री रामनिवास जाट, डीएसओ श्री राकेश न्यौल, डीएफओ श्री करण सिंह काजला, पीआरओ श्री सुरेश बिश्नोई, नगर परिषद कमीश्नर श्रीमती पूजा शर्मा, सीएमएचओ डॉ नवनीत शर्मा, जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक श्रीमती आकाशदीप सिद्दू, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक श्री प्रवेश सोलंकी, सीडीईओ श्री तेजा सिंह गदराना, समाज कल्याण अधिकारी श्री सुरेन्द्र पूनियां, एसीएफ श्री राजीव गुप्ता, भादरा ईओ श्री गुरदीप सिंह, ईओ रावतसर श्री पवन चौधरी, ईओ पीलीबंगा श्री गोपी कृष्ण, खनिज अधिकारी श्री सुरेश अग्रवाल समेत अन्य अधिकारीगण  उपस्थित थे। 

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