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फसल बीमा से संबंधित क्लेम व समस्या संवेदनशीलता से निपटायेंः जिला कलक्टर

 कृषि की जिला स्तरीय व आत्मा की शाषी परिषद की हुई बैठक 


फसल बीमा से संबंधित क्लेम व समस्या संवेदनशीलता से निपटायेंः जिला कलक्टर
श्रीगंगानगर, । जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के जिस किसी किसान के क्लेम से संबंधित या अन्य प्रकरण लम्बित है, उनका यथा उचित निस्पादन किया जाये। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहना चाहिए कि किसान को उसकी फसल का उचित लाभ मिले।
जिला कलक्टर गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाहाॅल में कृषि विभाग की जिला स्तरीय एवं आत्मा योजना की शाषी परिषद की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों के कल्याण के लिये बहुत अच्छी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने डाॅ. मिलिन्द सिंह द्वारा दिये गये प्रेजेन्टेंशन की भी सराहना की। जिला कलक्टर ने कहा कि कृषि प्रधान जिला होने के कारण इस क्षेत्रा के किसान कपास, गेहूं के अलावा अन्य फसलें खूब उगाते है। कृषि विभाग के अधिकारियों को किसान का मार्गदर्शन व उसकी मदद करनी चाहिए। किसान की फसल अधिक से अधिक मूल्य से बिके, ऐसे प्रयास रहने चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिये लाभकारी योजना है। अचानक प्रकृति के रूष्ट होने पर नुकसान की भरपाई बीमा के माध्यम से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान हर क्षेत्र पिछड़ा है, लेकिन कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो मजबूती से खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं की रिकाॅर्ड खरीद की गई है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को भी बढ़वाया गया, उसी के अनुरूप खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि की जिन योजनाओं में जो-जो लक्ष्य दिये गये है, उन्हें समयबद्ध तरीके से बांट कर शत-प्रतिशत लक्ष्यों की पूर्ति की जाये।
रबी व खरीफ फसल की अधिसूचित फसले
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ में बाजरा, ग्वार, मक्का, मूंग, मोठ, ज्वार, चवला, उड़द, अरहर, धान, कपास, मूंगफली, तिल, सोयाबीन को तथा रबी फसल के लिये गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, ईसबगोल, मैथी, मक्का व मसूर को अधिसूचित किया गया है। जिला कलक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम तथा समस्याओं का निरोकरण संवेदनशीलता के साथ किया जाये।
कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री जी.आर.मटोरिया ने बताया कि जिले में 958645 हैक्टर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 873776 हैक्टर क्षेत्रा सिंचित है। बैठक में पीएम कृषि सिंचाई योजना, सीएम कृषक साथी योजना, फसलों के प्रदर्शन, गोष्ठियां किसानों के लिये भ्रमण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में सदस्य सचिव जिला स्तरीय कृषि समिति के (उपनिदेशक कृषि विस्तार) डाॅ. जी आर मटोरिया ने बताया कि जिले में कृषि विभाग के द्वारा फील्ड में किसानों को कृषि, बागवानी व अन्य गतिविधियों से संबंधित नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान करने का कार्य किया जाता है।
कृषि अनुसंधान अधिकारी (शस्य) श्री मिलिन्द सिंह के द्वारा पाॅवर प्वाइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से स्लाईड द्वारा श्रीगंगानगर जिले में कृषि परिदृश्य पर परिचर्चा करते हुये खरीफ में वर्षवार आकड़ों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए खरीफ 2021 में फसलवार निर्धारित किए गए लक्ष्यों एवं अब तक जिले में फसलवार एवं नहरवार बुवाई के क्षेत्रफल की अद्यतन प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया गया। साथ ही उनके द्वारा जिले में कृषि विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्न कम्पोनेंट के तहत् कृषकों को देय अनुदान के विषय में आधारभूत एंव सारगर्भित जानकारी दी गई। श्री सिंह द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग की केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं/कार्यक्रमों के अन्तर्गत 60 प्रतिशत केन्द्रीयांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश सम्मिलित है।
डाॅ. जी.आर. मटोरिया ने श्रीगंगानगर जिले में खरीफ 2021 हेतु फसलों में उपयोग के लिये बीज एवं उर्वरकों की मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होना बताया गया। जिला कलक्टर द्वारा जिले में चालू खरीफ मौसम में उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया।
जिला कलक्टर द्वारा किसानों को अच्छी गुणवत्ता के कृषि आदानों की फसल मौसम पूर्व उपलब्धता सुनिश्चित करने बाबत् निर्देशित किया गया। उनके द्वारा किसानों के वाजिब क्लेम व परिवादों के त्वरित निस्तारण व समस्याओं को कम करने हेतु निर्देशित किया गया। उनके द्वारा विभाग के अधिकारियों को संवेदनशीलतापूर्वक किसानों की समस्याओं का निराकरण करने, सजगतापूर्वक कार्य करने व लक्ष्यों की समय पर प्राप्ति करने व अधिकाधिक संख्या में कृषकों को लाभान्वित करने हेतु निर्देशित किया गया।
डाॅ. मटोरिया द्वारा बैठक में जिला कलक्टर को अवगत करवाया गया कि जिले में आदान निरीक्षकों के द्वारा फसल मौसम पूर्व गुणवता नियंत्रण हेतु विशेष अभियान संचालित करते हुए अपने उपजिले के अधिकारिता क्षेत्रा में नियमित रूप से कृषि आदान निर्माताओं/विक्रेताओं के परिसरों का निरीक्षण कर उनके प्रतिष्ठानों पर विक्रय होने वाले कृषि आदानों के अधिकाधिक संख्या में नमूने आहरित कर राज्य में स्थित राजकीय परीक्षण प्रयोगशालाओं को गुणवता नियंत्रण हेतु भिजवाये जाकर उनकी विधिवत् जांच करवायी जाती है। यदि कृषि आदानो के नमूने जांच में अमानक पाए जाते है तो संबंधित निरीक्षक द्वारा निर्माता/विक्रेता के विरूद्ध निर्धारित प्रक्रिया के तहत् नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर चर्चा करते हुये डाॅ. मटोरिया द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2021 हेतु अधिसूचना जारी की जा चुकी है। श्रीगंगानगर जिले के लिये फसलों का बीमा करने हेतु गत वर्ष की भांति एसबीआई जनरल इश्योरेंस कम्पनी लि. को अधिकृत किया गया है। डाॅ. मटोरिया द्वारा बताया गया कि यह योजना सभी ऋणी तथा गैर ऋणी किसानो के लिये स्वैच्छिक है। ऋणी किसानो को योजना से पृथक रहने के लिये नामांकन की अंतिम तिथि से 7 दिन पूर्व तक सबंधित वित्तीय संस्था में घोषणा पत्रा प्रस्तुत करना होगा। राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2021 में फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2021 निर्धारित की गयी है।
एसबीआई जनरल इन्शोरेंस कम्पनी के प्रतिनिधि नितिन गुप्ता ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर पीपीटी के माध्यम से लघु प्रस्तुतीकरण किया। डाॅ. मटोरिया द्वारा जिला स्तर व तहसील स्तर पर बीमा कम्पनी द्वारा नियुक्त अधिकारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु कृषि उपजिलों के सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) को निर्देशित किया गया। जिला कलक्टर द्वारा फसल बीमा योजना के तहत बीमित कृषकों की बकाया क्लेम राशि का शीघ्र भुगतान करवाने हेतु संबंधित बीमा कम्पनी को पाबंद करने हेतु निर्देशित किया गया।
डाॅ. मटोरिया द्वारा बताया गया कि कृषि विभाग के क्षेत्रीय कृषि पर्यवेक्षक व सहायक कृषि अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित किसान सेवा केन्द्रों पर प्रत्येक गुरूवार को उपस्थित हो कर किसानो को कृषि संबंधी नवीनतम उन्नत तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है तथा कृषकों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया जाता है। समस्याओं का निराकरण नही होने पर ऐसी समस्या को पंजीकृत कर निदान हेतु उच्चाधिकारीयों का अग्रेषित किया जाता है तथा आगामी समूह बैठक मंे उच्चस्तर से प्राप्त हल से कृषकों को अवगत करवाया जाता है।
जिला कलक्टर द्वारा विभाग के कृषि अधिकारियों को कृषकों के खेतों का नियमित रूप से भ्रमण कर कृषकों को कृषि संबंधी नवीनतम उन्नत तकनीकी जानकारी प्रदान करने और उनकी समस्याओं का तत्काल खेत पर ही निराकरण करने के निर्देश दिए गए। उनके द्वारा  विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में आवंटित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण करते हुए कृषि विकास कार्यक्रमों का क1षक हित में समयबद्ध एवं प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया।
आत्मा योजना की जिला वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2021-22 के शासकीय परिषद के द्वारा अनुमोदन हेतु परियोजना निदेशक (आत्मा) ने कैफेटेरिया गतिविधिवार जैसे कृषक प्रशिक्षण, भ्रमण, उन्नत फसल पद्धति पर आधारित प्रशिक्षण, किसान मेला, कृषक पुरस्कार आदि के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी तथा उपस्थित सदस्यों से चर्चा की।
जिला कलक्टर ने आत्मा योजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए समसामयिक परामर्श देकर कृषकों की आय बढ़ाने के आधुनिक तरीके, भ्रमण व प्रशिक्षण में उपस्थित कृषकों से अधिक से अधिक भाग लेने का अनुरोध किया तथा संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक कृषकों को लाभान्वित करने के निर्देश देते हुए सदस्यों से चर्चा एवं विचार-विमर्श कर वर्ष 2020-21 में समस्त कार्यों पर हुए व्यय एवं वर्ष 2021-22 की 311.71 लाख रूपये की जिला वार्षिक कार्ययोजना का अनुमोदन किया।
बैठक में कृषि विभाग के उपनिदेशक जी.आर.मटोरिया, कृषि अनुसंधान अधिकारी डाॅ. मिलिन्द सिंह, नाबार्ड के श्री चन्दे्रश शर्मा, कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्राीय निदेशक आर.पी.एस चैहान, सहायक निदेशक उधान श्रीमती प्रीति गर्ग सहित कृषि उधान विभाग के अधिकारी उपस्थित थे

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