श्रीगंगानगर,। जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने कहा कि जिला श्रीगंगानगर के उपखण्ड क्षेत्र के निरवाणा गांव में हुए प्रकरण मामले में ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा सजगता के साथ जिला के समस्त एसडीएम को निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर ने कहा कि 18 मई को सूरतगढ उपखण्ड़ के निरवाणा गांव में हुए प्रकरण में उपखण्ड अधिकारी की रिपोर्ट के अवलोकन से प्रतीत होता है कि मृतका को कोविड-19 संदिग्ध मानते हुए राजकीय चिकित्सालय श्रीगंगानगर द्वारा मृतका के शव को पीपीई किट में परिजनों को सुपर्द किया गया था। मृतका के परिजनों द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल की पालना के बिना मृतका का अन्तिम संस्कार कर दिया गया एवं ग्राम पंचायत स्तरीय कोर कमेटी व एसीटी टीम द्वारा उक्त कोविड-19 संदिग्ध मृतका के परिजनों को कोविड प्रोटोकाॅल की पालनार्थ पाबंद नही किया गया, साथ ही मृतका के पति एवं परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा उनमें पाए गए आईएलआई लक्षणों की जानकारी सर्वे टीम द्वारा नहीं ली गई एवं उनका मेडिकल परीक्षण एवं आरटीपीसीआर सैम्पलिंग भी नही करवाया गया। सर्वे टीम द्वारा सैम्पल लेने जाने पर परिवार के सदस्यों के द्वारा सैम्पलिंग हेतु सहमति दी गई थी।
उन्होंने कहा कि मृतका के पति का देहांत निरवाणा गांव में हुआ एवं उसे आईएलआई के लक्षण होने के कारा कोविड संदिग्ध मानते हुए उसका अन्तिम संस्कार उपखण्ड़ प्रशासन द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल के तहत करवाया गया। मृतका की बेटी का देहांत मृतका के अन्तिम संस्कार के बाद उसके ससुराल (13 एलकेएस ढाबा झालार) में हुआ। मृतका की बेटी के देहांत की जानकारी भी ग्राम पंचायत स्तरीय कोर कमेटी को नहीं लगी। परिवार के सदस्यों की मेडिकल जांच नहीं करवाये जाने के कारण मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं था। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रकरण में ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा अपने दायित्व का निर्हवहन नहीं किया गया तथा कुछ बिन्दुओं पर अधिक सतर्कता प्रदर्शित की जानी चाहिए थी। टीमों द्वारा अविलम्ब चिकित्सा विभाग को सूचित करते हुए मृतका के परिजनों का नियमित रूप से सर्वे एवं अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करवाई जानी थी, साथ ही ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा मृतक के परिजनों पर पूर्ण सजगता एवं अतिरिक्त सतर्कता से नजर रखी जानी चाहिए थी, जिससे परिवारजनों में आईएलआई लक्षणों के आने पर अविलम्ब चिकित्सा विभाग को सूचित किया जाना आवश्यक था।
जिला कलक्टर ने स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए समस्त उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भविष्य में जिले में इस तरह के मामलों की पुनरावृति न हो तथा ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी को पूर्ण सजकता एवं अतिरिक्त सतर्कता प्रदर्शित करते हुए कार्य करने हेतु पाबंद करायें जिससे जिले के गांवों में गठित टीमों द्वारा कोविड संदिग्ध व कोविड-19 पाॅजिटिव व्यक्ति का देहांत होने पर उनके परिवारजन को समझाइश के द्वारा कोविड-19 प्रोटोकाॅल की पालना करवाते हुए अन्तिम संस्कार करवाना चाहिए, परिवारजन में आईएलआई या कोविड-19 लक्षणों के पाये जाने पर तुरन्त सूचना ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी को देने एवं साथ कोविड संदिग्ध व कोविड-19 पाॅजिटिव मृतक के समस्त परिवारजन को आरटीपीसीआर टेस्टिंग हेतु प्रेरित किया जावे एवं चिकित्सा विभाग के सहयोग से अविलम्ब कोविड संदिग्ध व कोविड-19 पाॅजिटिव मृतक व्यक्ति के समस्त परिजन का अनिवार्य रूप से चिकित्सीय परीक्षण एवं आरटीपीसीआर टेस्टिंग करवाया जाए। ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा नियमित रूप से ऐसे परिवारजन पर निगरानी रखी जाएगी कि कहीं उनमें आईएलआई या कोविड-19 के लक्षण तो नहीं पाये गये हैं। ऐसे परिवारजन में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा भी अविलम्ब चिकित्सा विभाग की सर्वे टीम को सूचित कर ऐसे परिवारजन एवं उनके सम्पर्क में आए व्यक्तियों का सर्वे करवाया जाकर आवश्यक होने पर आरटीपीसीआर टेस्टिंग भी करवाई जाएगी।
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उन्होंने कहा कि मृतका के पति का देहांत निरवाणा गांव में हुआ एवं उसे आईएलआई के लक्षण होने के कारा कोविड संदिग्ध मानते हुए उसका अन्तिम संस्कार उपखण्ड़ प्रशासन द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल के तहत करवाया गया। मृतका की बेटी का देहांत मृतका के अन्तिम संस्कार के बाद उसके ससुराल (13 एलकेएस ढाबा झालार) में हुआ। मृतका की बेटी के देहांत की जानकारी भी ग्राम पंचायत स्तरीय कोर कमेटी को नहीं लगी। परिवार के सदस्यों की मेडिकल जांच नहीं करवाये जाने के कारण मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं था। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रकरण में ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा अपने दायित्व का निर्हवहन नहीं किया गया तथा कुछ बिन्दुओं पर अधिक सतर्कता प्रदर्शित की जानी चाहिए थी। टीमों द्वारा अविलम्ब चिकित्सा विभाग को सूचित करते हुए मृतका के परिजनों का नियमित रूप से सर्वे एवं अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करवाई जानी थी, साथ ही ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा मृतक के परिजनों पर पूर्ण सजगता एवं अतिरिक्त सतर्कता से नजर रखी जानी चाहिए थी, जिससे परिवारजनों में आईएलआई लक्षणों के आने पर अविलम्ब चिकित्सा विभाग को सूचित किया जाना आवश्यक था।
जिला कलक्टर ने स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए समस्त उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भविष्य में जिले में इस तरह के मामलों की पुनरावृति न हो तथा ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी को पूर्ण सजकता एवं अतिरिक्त सतर्कता प्रदर्शित करते हुए कार्य करने हेतु पाबंद करायें जिससे जिले के गांवों में गठित टीमों द्वारा कोविड संदिग्ध व कोविड-19 पाॅजिटिव व्यक्ति का देहांत होने पर उनके परिवारजन को समझाइश के द्वारा कोविड-19 प्रोटोकाॅल की पालना करवाते हुए अन्तिम संस्कार करवाना चाहिए, परिवारजन में आईएलआई या कोविड-19 लक्षणों के पाये जाने पर तुरन्त सूचना ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी को देने एवं साथ कोविड संदिग्ध व कोविड-19 पाॅजिटिव मृतक के समस्त परिवारजन को आरटीपीसीआर टेस्टिंग हेतु प्रेरित किया जावे एवं चिकित्सा विभाग के सहयोग से अविलम्ब कोविड संदिग्ध व कोविड-19 पाॅजिटिव मृतक व्यक्ति के समस्त परिजन का अनिवार्य रूप से चिकित्सीय परीक्षण एवं आरटीपीसीआर टेस्टिंग करवाया जाए। ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा नियमित रूप से ऐसे परिवारजन पर निगरानी रखी जाएगी कि कहीं उनमें आईएलआई या कोविड-19 के लक्षण तो नहीं पाये गये हैं। ऐसे परिवारजन में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर ग्राम पंचायत कोर कमेटी एवं एसीटी द्वारा भी अविलम्ब चिकित्सा विभाग की सर्वे टीम को सूचित कर ऐसे परिवारजन एवं उनके सम्पर्क में आए व्यक्तियों का सर्वे करवाया जाकर आवश्यक होने पर आरटीपीसीआर टेस्टिंग भी करवाई जाएगी।
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