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बाढ़ से प्रभावितों की मदद पहली प्राथमिकताः मुख्य सचिव

श्रीगंगानगर, । मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने मंगलवार को वीसी के माध्यम से राजस्थान में अत्यधिक वर्षा एवं बाढ़ की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि जहां-जहां अत्यधिक वर्षा हुई है, प्रशासन संवेदनशीलता के साथ प्रभावित नागरिकों की तत्परता के साथ सहायता प्रदान करे।

श्री आर्य ने कहा कि अत्यधिक वर्षा से जहां-जहां जानमाल का नुकसान हुआ है, उसके सर्वें के साथ-साथ प्रभावितों को राहत पंहुचाना प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को लगना चाहिए कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने आईसीटी लैब स्थापित करने व उपयोग में लेने की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जहां-जहां आईसीटी लैब स्वीकृत है, वह पूरी तरह स्थापित व संचालन में होनी चाहिए।
उन्होंने स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत ऋण वितरण की प्रगति को लेकर राजस्थान के जिला कलक्टर्स से चर्चा की व आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गरीब वेंडर्स को सहायता प्रदान करने के लिये 10 हजार रूपये तक की राशि ऋण के रूप में बैंक द्वारा जारी की जाती है। कोविड-19 के दौरान वेंडर को होने वाले आर्थिक नुकसान में यह राशि मददगार बनेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे प्रदेश में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जिला कलक्टर सर्वें कर चिन्हित करें कि कितने लोग झोंपड़ी में रहते हैं या जहां एक ही कमरे में बहुत से लोग रह रहे हों, ऐसे में उन लोगों को इस योजना के तहत पक्के घर उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर जगह का चुनाव ध्यान से करें ताकि लोग सहर्ष रहने को तैयार हों।
मुख्य सचिव ने राज्य में 5000 डेयरी बूथ स्थापित करने को लेकर अब तक की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिलेवार आवंटित संख्या के अनुरूप एनओसी जारी कर डेयरी बूथ प्रारम्भ किये जाये, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा तथा आमजन को सुविधा मिलेगी।
जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने कहा कि बूथ अलोटमेंट जल्द किया जाये ताकि जनता को रोजगार मिले।
वीसी में जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन, एसडीएम श्री उम्मेद सिंह रतनू, नगरपरिषद आयुक्त श्री सचिन यादव, सीएमएचओ डाॅ. गिरधारी लाल, डीईओ श्री हंसराज यादव उपस्थित थे

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