बारिश कम होने के चलते बांधों की स्थिति खराब, जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करने की आवश्यकता- डॉ बी डी कल्ला
15 सूत्री, 20 सूत्री कार्यक्रम समेत फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा बैठक में बोले जिला प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कल्ला
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हनुमानगढ़, । उर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल, कला, साहित्य एवं संस्कृति व पुरातत्व विभाग मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री डॉ बी.डी. कल्ला ने मंगलवार को पीलीबंगा नगर पालिका सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में 15 सूत्री और 20 सूत्री कार्यक्रम के अलावा कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर जिले में तैयारियों समेत विभिन्न विभागों की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश प्रदान किए गए। बैठक में उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अब ये बैठकें अलग-अलग ब्लॉक मुख्यालय पर होंगी। बैठक में जिला प्रभारी मंत्री डॉ बी डी कल्ला के अलावा जिला प्रमुख श्रीमती कविता मेघवाल, जिला कलेक्टर श्री नथमल डिडेल, जिला पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रीति जैन, नगर परिषद चेयरमैन श्री गणेश राज बंसल,श्री विनोद गोठवाल, नगर पालिका पीलीबंगा चेयरमैन श्री सुखचैन रमाणा, पीलीबंगा प्रधान श्रीमती अमनदीप कौर, हनुमानगढ़ प्रधान प्रतिनिधि श्री दयाराम जाखड़, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) श्री विनोद मित्तल समेत सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
जल की एक एक बूंद को संरक्षित करने की आवश्यकता
सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान जिला प्रभारी मंत्री ने कहा कि बारिश कम होने के चलते इस बार बांधों में पानी की स्थिति खराब है। लिहाजा जल की एक-एक बूंद को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि अब जल की बचत और संरक्षण दोनों आवश्यक है अगर दोनों को नहीं किया तो वर्तमान और भावी पीढ़ी दोनों तकलीफ पाएगी। खेती में भी हमें ड्रिप इरिगेशन में आना पड़ेगा। हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले में डिग्गियों का निर्माण कर ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने की बात कही। दैनिक जीवन और खेती में भी पानी की बचत को अत्यंत जरूरी बताते हुए कहा कि राज्य में 295 ब्लॉक डार्क जोन में है लिहाजा कोई कुआं भी होता है तो उसे जल पुनर्भरण की व्यवस्था करके ही कुआं खोदना चाहिए। उन्होने कहा कि हर जगह पानी की बचत करने की आवश्यकता है। टॉयलेट में भी छोटे और बड़े बटन वाले फ्लैश लगाने की जरूरत बताते हुए कहा कि छोटी आवश्यकता पर छोटा बटन और बड़ी आवश्यकता होने पर बड़ा बटन दबाने से भी लाखों लीटर जल की बचत की जा सकती है। उन्होंने पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कैंप लगाकर जल संरक्षण और जल बचत के बारे में ग्राम स्तर पर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता बताते हुए साथ ही कहा कि सिंचाई और पीएचईडी विभाग के जेईएन भी ग्राम स्तर पर जल की बचत के बारे में किसानों को जानकारी दें। शहरों में भी बारिश के दौरान सड़क के पानी को बचाने और संरक्षित करें। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने बताया कि भाखड़ा और गंग कैनाल में पानी को लेकर कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आईजीएनपी में समस्या बनी हुई है लेकिन फिर भी जो भी पानी मिल रहा है उसका अधिकतम उपयोग किया जा रहा है।
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