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रीट 2021 परीक्षा व अन्य बिंदुओं को लेकर मुख्य सचिव ने ली वीसी

 रीट 2021 परीक्षा व अन्य बिंदुओं को लेकर मुख्य सचिव ने ली वीसी

श्रीगंगानगर,। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि रीट 2021 परीक्षा को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने के लिये जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन आपसी समन्वय के साथ जिलों में पूरी तैयारी कर लें। उन्होंने बताया कि रीट परीक्षा में राजस्थान में लगभग 16 लाख 22 हजार परीक्षार्थी विभिन्न केन्द्रों पर परीक्षा देंगे।
श्री आर्य मंगलवार को राजस्थान के जिला कलक्टर्स व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीसी के माध्यम से रीट परीक्षा को लेकर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा एक जिले से दूसरे जिले में परीक्षा देने जायेंगे। इसको लेकर परिवहन की व्यापक तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान रोड़वेज, रेलवे, लोकपरिवहन की बसों के साथ-साथ स्पेशल बसे व ट्रेन चलाने का भी आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थियों के आने व जाने को मिलाकर लगभग 26 ट्रेन चलाने की सूची रेलवे को दी जायेगी। रोडवेज के अलावा स्कूल बस व निजी बसों का भी संचालन किया जाये।
उन्होंने कहा कि 23 सितम्बर से सभी ज़िलों में नियंत्रण कक्ष प्रारम्भ कर लिया जाये तथा शहरों में मोबाईल टीम लगायी जाये ताकि समय पर पेपर परीक्षा केन्द्रों पर सुरक्षित पहुंच जायें तथा वापस कलेक्ट कर सही स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि परीक्षा केन्द्रों के भीतर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने होंगे। 26 सितम्बर को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पूरी तैयारी रखी जाये। श्रीगंगानगर ज़िला कलक्टर श्री ज़ाकिर हुसैन व पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यंत के नेतृत्व में ज़िला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारी की है ताकि परीक्षा देने आ रहे परीक्षार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो ।
फ़्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा
श्री आर्य ने कहा कि उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता के खाद्य पदार्थ मिलने चाहिए, इसके लिये जिला स्तरीय सलाहाकार समिति की नियमित बैठकें होनी चाहिए। जिला स्तरीय समिति में जिला कलक्टर अध्यक्ष, सीएमएचओ उपाध्यक्ष एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी संयोजक होंगे। जिला स्तरीय समिति में पुलिस, रसद, शिक्षा, आईसीडीएस, कृषि, डेयरी के अलावा प्रतिनिधि व्यापार संगठन एवं प्रतिनिधि उपभोक्ता संघ शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि धारा 51 के अंतर्गत खाद्य सामग्री अवमानक पाये जाने पर अधिकतम 5 लाख रूपये तक जुर्माने का प्रावधान है। मिसब्रांडेड धारा 52 के अंतर्गत अपमिश्रित पाये जाने पर प्रकरणों में अधिकतम 3 लाख का जुर्माना तथा मिसलिडिंग में धारा 53 के अंतर्गत भ्रामक पाये गये प्ररकणों में अधिकतम 10 लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। धारा 59 के अंतर्गत असुरक्षित पाये गये प्रकरणों में 6 माह से लेकर आजीवन कारावास की सजा व 10 लाख रूपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन प्रतिमाह किया जाये। निर्धारित समयावधि में परिवाद प्रस्तुत हो, अभियान चलाकर विक्रेताओं को लाईसेंस व रजिस्ट्रेशन हेतु प्रेरित किया जाये। उपभोक्ताओं की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही हो। दूध व दूध से बने पदार्थ मावा, पनीर, खोया, घी इत्यादि तेल, मसालें एवं मीट व मीट से बने उत्पाद की निगरानी रखी जाये। बिना पंजीयन के खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
श्री आर्य ने निरोगी राजस्थान योजना की चर्चा करते हुए कहा कि 2019 में यह अभियान प्रारम्भ किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य की देखभाल, महिला स्वास्थ्य, किशोर किशोरी स्वास्थ्य, मौसमी बीमारियों, जीवन शैली पर आधारित रोग, टीकाकरण, व्यसन रोग, खाद्य पदार्थों में मिलावट प्रदूषण नियंत्रण करना है। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना संबंधी कार्यों की मॉनिटरिंग की जाये, जो सूचना सहायक मॉनिटरिंग नहीं कर रहे है, उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण कतिपय स्थानों पर बीमार व्यक्ति को एमएमयू/एमएमवी एवं किराये के वाहन द्वारा नॉन कम्युनिकेबल डिजीज हृदय रोग, मधुमेह, टीबी, अस्थमा, पीड़ित मरीजों को तीन माह की निशुल्क दवा डोर स्टेप तक उपलब्ध करवाई जा रही है। उक्त दवानों का ई-औषधि सॉफ्टवेयर में प्रतिदिन इन्द्राज करवाया जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी की बजट घोषणा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सुविधाएं बढ़ाई जायें। राज्य में 33 मदर लैब, 117 हब लैब एवं 3002 स्पॉकस बनाये जाने हैं। इन कार्यों पर 97.76 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत है तथा कार्य निविदा प्रक्रियारत है।
वीसी में जानकारी दी गई कि राज्य में जन आधार से जुड़े 1.85 करोड़ परिवारों में से वर्तमान में आरजीएचएस में 6.04 लाख परिवार पंजीकृत हैं, शेष 1.79 करोड़ परिवारों में से लगभग 1.33 करोड़ परिवार चिरंजीवी योजना अंतर्गत पंजीकृत है। मुख्यमंत्री जांच योजना में काम आने वाले उपकरणों को खराब होने पर ई-उपकरण पर शिकायत दर्ज कर तुरन्त ठीक करवायें। इस योजना में प्रतिदिन की जाने वाली जांच को शत प्रतिशत ई-औषधि सॉफ्टवेयर पर इन्द्राज किया जाये। श्री आर्य ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना में पंजीकरण से वंचित रहे परिवारों को प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान में जोड़ने की कार्यवाही की जाये। निजी चिकित्सालयों को पैनलबद्ध प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया जाये। राजकीय अस्पतालों की आईपीडी एवं क्लेम बुकिंग की नियमित मॉनिटरिंग की जाये तथा निजी अस्पतालों में हेल्पडेस्क लगाई जाये जो चिरंजीवी योजना के पात्र मरीजों को उपचार में सहायता प्रदान करेंगे।
ज़िला कलक्टर श्री ज़ाकिर हुसैन ने बताया कि ज़िले में 72.57 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन हो चुका है। भविष्य में सभी को इन योजनाओं का लाभ मिलेगा ।
वीसी में अल्पसंख्यक कल्याण, असंगठित श्रमिकों के नेशनल डेटाबेस बनाने व जनसुनवाई से संबंधित बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई व दिशा निर्देश प्रदान किए गए ।
वीसी में पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यंत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सहीराम, न्यास सचिव डॉ. हरितिमा, एसडीएम श्री उम्मेद सिंह रतनू, सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल, पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह, सीडीईओ श्री हंसराज यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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