श्रीगंगानगर, । राज्य को रावी, व्यास तथा सतलुज नदियों से प्राप्त होने वाले सम्भावित जल के मद्देनजर इस वर्ष मानसून की बरसात केचमेन्ट क्षेत्रा में कम होने के कारण पोंग बांध, रणजीत सागर बांध तथा भाखडा बांध का जल स्तर/जल उपलब्घता गत वर्षों की तुलना में न्यूनतम स्तर पर है। बांधों में जल का स्तर कम होने के कारण इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, गंगनहर परियोजना, भाखड़ा सिंचाई प्रणाली, सिद्धमुख-नहर परियोजना में सिंचाई हेतु अपेक्षाकृत कम मात्रा में पानी उपलब्ध हो पायेगा। कृषि विभाग द्वारा किसानों को उपलब्ध पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने पर बल दिया जा रहा है। किसानो से अपेक्षा की जाती है कि वे उपलब्ध करवाये जा रहे सिंचाई पानी की मात्रा को ध्यान में रखते हुए कम पानी उपयोग वाली फसलों को प्राथमिकता प्रदान कर यथेष्ट रकबे में ही सिंचाई करेें। इसलिए कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन में नहरों में सिंचाई पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए किसानों को कम पानी में पक कर तैयार होने वाली सरसों, तारामीरा एवं चना फसलों की बुवाई करने की सलाह दी गयी है।
इस वर्ष रबी सीजन में इन्दिरा गांधी, भाखड़ा व गंग नहरों में पानी की आवक कम रहने की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन अन्तर्गत भारत सरकार की अनुमोदित कार्ययोजना के अनुसार सरसों का उत्पादन बढाने के लिए विशेष कार्यक्रम के क्रियान्वयन के तहत कृषि विभाग द्वारा अग्रणीय बीज उत्पादक संस्थाओं जैसे राजस्थान राज्य बीज निगम, तिलम संघ, कृषि विकास सहकारी समिति व हिन्दुस्तान इन्सेक्टीसाईड लि0 इत्यादि के द्वारा उत्पादित सरसों फसल की अधिक उपज देने वाली 10 वर्ष तक की अवधि की अधिसूचित किस्मों आरएच-0749 व गिरिराज का कुल 909 क्विंटल प्रमाणित बीज श्रीगंगानगर जिले के कृषकों को जिले की प्रत्येक पंचायत समिति में मुख्य सहकारी समितियों के माध्यम से शत-प्रतिशत अनुदान पर वितरण करवाया जा रहा है। एक किसान को अधिकतम 2 हैक्टेयर (8 बीघा) क्षेत्रा के लिए 6 किग्रा. बीज निःशुल्क देय होगा।
कृषि विभाग द्वारा सभी बीज संस्थाओं को सरसों की अधिक उपज वाली किस्मों के प्रमाणित बीज पर 65 रूपये प्रति किग्रा0 की दर से अनुदान राशि का पुनर्भरण किया जायेगा। योजनान्तर्गत कृषक अनुदानित दर पर तिलहनी फसलों के प्रमाणित बीज प्राप्त करने हेतु अपने क्षेत्रा में कार्यरत कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर उनके क्षेत्रा के लिए आवंटित लक्ष्यों की सीमा में ‘पहले आओ पहले पाओ‘ के सिद्वान्त पर निर्धारित प्रपत्रा में आदान परमिट प्राप्त कर सम्बंधित सहकारी संस्थाओं से सिफारिश की गई फसल की किस्म का बीज अनुदानित दर पर प्राप्त कर सकेगें। कृषकों से संबधित अन्य सूचनाएं जैसे कृषक का आधार एवं मोबाईल नं0 भी प्राप्त कर अनुशंषा पत्रा में अंकित किए जायेंगें जिसके आधार पर योजनान्तर्गत लाभार्थी कृषकों से संबधित विवरण विभागीय वेबसाईट पर अपलोड किया जा सकें।
योजनान्तर्गत अनुदान हेतु कृषकों को राजस्व रिकार्ड के आधार पर भूमि का स्वामित्व रखने, सामान्य या विशेष आवंटी होने या गैर खातेदार होने पर अनुदान का पात्रा माना जायेगा। इसी प्रकार कृषक के स्वंय के नाम से भू स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में ( कृषक के पिता के जीवित होने या मृत्यु पश्चात नामान्तरण के अभाव में) यदि आवेदक स्वंय के पक्ष में भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण पत्रा राजस्व/हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करता है तो ऐसे कृषक भी अनुदान के पात्रा माने जायेगें।
इस रबी सीजन में एन.एफ.एस.एम.-तिलहन अन्तर्गत श्रीगंगानगर जिले के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत, गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले कृषकों तथा अन्तोदय परिवार एवं गैर खातेदार/खातेदार वाली महिला कृषकों को सरसों फसल की अधिक उपज देने वाली 10 वर्ष से कम अवधि की विभिन्न उन्नत किस्मों जैसे आरएच-725, पीएम-31, सीएस-60, सीएस-58, आरजीएन-298, पीएम-31, आरएच-725, (पीडीजीएम-31) के कुल 19650 बीज मिनिकिट का वितरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा बीज मिनिकिट की कीमत की 10 प्रतिशत टोकन राशि (रूपये 13) वसूल की जावेगी। जिले में बीज मिनिकिट की आपूर्ति बीज संस्थाओं जैसे एन.एस.सी., नेफेड, कृभकंो, आई.एफ.एफ.डी.सी., के.वी.एस.एस.एल. के द्वारा किया गया है। बीज मिनिकिट वितरण के लिए चयनित पात्रा महिला कृषक के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होने चाहिए। मिनिकिट वितरण के लिए भूमि लाभार्थी महिला पति/ पिता/ससुर के नाम से हो सकती है। एक महिला को मिनिकिट का एक ही पैकेट वितरित किया जावेगा।
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