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दो दिवसीय मुर्गी पालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

 दो दिवसीय मुर्गी पालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

श्रीगंगानगर, । पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ में आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय मुर्गी पालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ गुरूवार को किया गया।
 केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ0 राजकुमार बेरवाल ने आए हुए पशुपालकों का स्वागत किया तथा मुर्गी पालन व्यवसाय की शुरुआत करने से पहले उनके रखरखाव संबंधी जानकारी दी तथा बताया कि मुर्गी पालन आपकी आय का अतिरिक्त साधन बन सकता है। यह व्यवसाय बहुत कम लागत में शुरू किया जा सकता है और इसमें मुनाफा भी काफी ज्यादा है। पिछले चार दशकों में मुर्गी पालन व्यवसाय क्षेत्र में शानदार विकास के बावजूद कुक्कुट उत्पादों की उपलब्धता तथा मांग में काफी अंतर है वर्तमान में प्रति व्यक्ति वार्षिक 180 अंडों की मांग के मुकाबले 70 अंडों की उपलब्धता है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति वार्षिक 11 किलोग्राम मीट की मांग के मुकाबले केवल 3.8 किलोग्राम प्रति व्यक्ति कुक्कुट मीट की उपलब्धता है।
प्रशिक्षण शिविर में प्रगतिशील पशुपालक सिद्धार्थ चौधरी ने मुर्गी पालकों को कम लागत व कम खर्च से मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी, प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के शिक्षण सहायक डॉ0 अनिल घोड़ेला ने मुर्गी पालन का फायदा और बढ़ते महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि भारत अंडों के उत्पादन में तीसरे नंबर पर है और मांस के उत्पादन में पांचवे नंबर पर है। डॉ0 घोड़ेला ने बताया कि मुर्गी पालन का व्यवसाय अधिकतर अंडे मांस उत्पादन के लिए किया जाता है, क्योंकि देसी मुर्गी के अंडे तथा मांस में मानव पोषण के लिए सबसे आवश्यक तत्व प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के डॉक्टर मनीष कुमार सेन ने मुर्गियों की विभिन्न नस्लों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। (

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