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राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड 1678 प्रकरण निस्तारित

 राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड 1678 प्रकरण निस्तारित


श्रीगंगानगर,। राष्ट्रीय व राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर श्री गंगानगर जिले में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।  
 प्राधिकरण के सचिव ऐडीजे पवन कुमार वर्मा ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 12354 प्रकरण रखे गए जिनमे 4865 प्री लिटिगेशन के थे । इनमे से कुल 1678 प्रकरणों का निस्तारण किया गया व कुल 13,56,77,787 रुपयों का अवार्ड पारित किया गया। जिनमे से न्यायलयों में लम्बित कुल 1470 प्रकरणों का निस्तारण किया जाकर कुल 105913240 रुपयों का अवार्ड पारित किया गया । इसी प्रकार बैंक ऋण व बीएसएनएल के कुल 207 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे से कर कुल 29764547 रुपये अवार्ड राशि पारित की गई। यह संख्या अब तक की आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों में सर्वाधिक होने का रिकॉर्ड है।
 इससे पूर्व सुबह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीगंगानगर के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश श्री एस एन व्यास ने एडीआर सेंटर पर मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने सभी न्यायिक बेंच अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति लोक अदालत में आये उन सबको पर्याप्त सुनवाई के अवसर देकर लोक अदालत को सार्थक बनाया जाए। हर पंचाट की भावना लोक अदालत की लगनी चाहिये ताकि आमजन इसके प्रति जागृत हो और लोक अदालतों के लाभ उठाये।
इस अवसर पर बार संघ श्रीगंगानगर के अध्यक्ष विजय रेवाड़, सचिव हरीश सोनी व पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश दीपक कुमार, सचिव पवन कुमार वर्मा, ऐडीजे सुरेश कुमार, सीजेएम विनोद गुप्ता, न्यायिक मजिस्ट्रेट लीलूराम सिहाग व रिद्द्म अनेजा व अन्य सदस्य अधिवक्तागण मौजूद रहे। इसके पश्चात मुख्यालय पर बनाई गई सभी सातों बेंचों पर सुनवाई प्रारंभ की गई। इसके अलावा सभी तालुक्का मुख्यालयों पर सभी अदालतों में भी राष्ट्रीय लोक अदालतों के आयोजन किया गया। पारिवारिक न्यायालय में कई परिवारों ने को राजी कर एक साथ भेजा। इसी क्रम में एक नवविवाहित जोडा जो करीब 2 साल से अलग अलग रह रहा था, उससे समझाईश की गई तो दोनों एक साथ रहने को तैयार हो गए तब न्यायालय ने दोनों को गुलदस्ते देकर राजी खुशी विदा किया। इसी प्रकार दूसरे प्रकरण में  पक्षकार  2017 से अलग अलग रह रहे पति पत्नी जो तलाक़ चाह रहे थे उनको पारिवारिक न्यायालय के न्यायधीश दीपक कुमार, बेंच सदस्य परमजीत कौर व सचिव पवन कुमार वर्मा तथा अधिवक्ता अजय मेहता व जसवीर मिशन ने  समझाईश की तो तलाक एकदम से मिलाप में बदल गया और दोनों पति पत्नी एक साथ रहने को तैयार हो गए। उन्होंने आपस मे एक दूसरे को माला पहना कर न्यायालय से ही एक साथ रहने के लिए अपने घर गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारान व अधिवक्ताओं ने बढ़ चढ़ कर पूर्ण मनोयोग से सहयोग किया है  जिसके लिए जिला न्यायाधीश एस एन व्यास ने सभी अधिकारियों, अधिवक्ताओं व पक्षकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। (

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