Advertisement

Advertisement

दो दिवसीय ‘‘उन्नत बकरीपालन एवं प्रबंधन‘‘ विषय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

 दो दिवसीय ‘‘उन्नत बकरीपालन एवं प्रबंधन‘‘ विषय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन


श्रीगंगानगर, । पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् नई दिल्ली की अनुसूचित जाति उपयोजना एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय, राजुवास बीकानेर द्वारा आयोजित उन्नत बकरीपालन एवं प्रबंधन विषय पर सोमवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया।
  केंद्र के प्रभारी डॉ. राजकुमार बेरवाल ने बताया कि पशुपालकों को इस योजना, कार्यक्रम तथा केंद्र के कार्यक्षेत्र के बारे में पशुपालकों को बताया तथा बकरियों की विभिन्न नस्लों जैसे सिरोही, झकराना, जमुनापारी, मारवाड़ी, सोजत आदि को पहचानने के बिंदु एवं हर नस्ल की खासियत, नर एवं मादा का औसत वनज, दूध उत्पादन आदि के बारे में विस्तार से बताया तथा उन्होंने बकरियों के आहार एवं आवास प्रबंधन के बारे में पशु पालकों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी।  
 डॉ. अनिल घोड़ेला ने बकरियों में प्रजनन एवं प्रबंधन विषय पर विस्तार से पशुपालकों को जानकारी दी। उन्होंने बकरियों की ब्यांत के लिए उचित उम्र, सामान्यतया ताव में आने के महीने, ग्याभिन बकरी ब्याने के बाद मेमनों एवं बकरी के आहार एवं आवास प्रबंधन के लिए विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के डॉ. मनीष कुमार सेन ने बकरियों के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एवं उनमें विभिन्न बिमारियों के टीकाकरण करवाने के लिए विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में आये हुए पशुपालकों को अजोला हरे चारे एवं साइलेज हरे चारे का अचार बनाने की विधि तथा  उपयोग के लाभों का जिक्र करते हुए इन्हें उत्पादन कर प्रयोग में लेने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही इसके विभिन्न लाभ के बारे में पशुपालकों को विस्तार से बताया गया। प्रशिक्षण शिविर में अनुसूचित जाति के कुल 30 पशुपालको ने भाग लिया

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement